क्या आप भी जीवन की आपाधापी में खुद का ध्यान नहीं दे पाते हैं, तो आप मंत्र मेडिटेशन यानि यह ध्यान तकनीक अपनाएं। मंत्र मेडिटेशन आपके तनाव को दूर करने और सुखमय जीवन जीने में मददगार है। जब कभी भी आपके दिमाग में तनाव और मानसिक उथल-पुथल जमा जाए, जो आपको परेशान करे और उदासी का कारण बने, तो आप ध्यान की मदद से इन सभी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। आइए यहां हम इस मंत्र मेंडिटेशन के बारे में आपको सबकुछ बताते हैं।
मंत्र मेडिटेशन क्या है?
मंत्र मेडिटेशन या मंत्र ध्यान, एक मंत्र, शब्द या वाक्यांश को दोहराने के साथ किया जाता है। मंत्र मेडिटेशन में मंत्रों को मन में बोला जा सकता है और माला के साथ जप भी किया जा सकता है। मंत्र मेडिटेशन में दो आवश्यक घटक होते हैं: माइंडफुलनेस मेडिटेशन और मंत्रों का जाप। स्वयं के भीतर शांति पाने का एक अच्छा अभ्यास है। यह आपको अपने लक्ष्यों के करीब लाने और उन्हें पाने में मदद करता है। इसके अलावा, इससे आपको शांति मिलेंगी और आप स्वस्थ रहेंगे। आइए यहां जानिए कि क्यों आपको ये मंत्र मेडिटेशन करने की जरूरत है।
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मंत्र मेडिटेशन करने के फायदे
- मंत्र मेडिटेशन आपके मन और हृदय की दर को शांत करने में मदद कर सकता है, जिससे आपका ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है।
- यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, क्योंकि यह धैर्य और सहनशीलता के स्तर को बढ़ाता है।
- मंत्र मेडिटेशन डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने और नींद के पैटर्न को सुधार करने में भी मददगार है। ने और अनिद्रा से छुटकारा पाने में भी मदद कर सकता है।
- यह पुराने दर्द और सिरदर्द से राहत पाने में भी मददगार है।
- मंत्र मेडिटेशन हृदय रोगों, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम और कैंसर आदि रोगों के खतरे को भी कम करता है।

मंत्र मेडिटेशन करने का तरीका
- मंत्र मेडिटेशन करने के लिए आपको एक शांत जगह और कम रौशनी वाली जगह चुननी चाहिए। क्योंकि यह ध्यान के दौरान आपकी एकाग्रता में बाधा डाल सकते हैं।
- इसके बाद आप एक योगा मैट या चटाई बिछाकर आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं या लेट भी सकते हैं।
- यदि बैठे हैं, तो आपकी रीढ़ की हड्डी और गर्दन सीधी होनी चाहिए और पालथी मारकर बैठें।
- अब अपनी आंखें बंद कर लें और कुछ धीमी, मध्यम और गहरी सांस लें। सांस छोड़ेते समय आप मन में मंत्र को दोहराएं।
- ध्यान दें कि आपका अपना ध्यान सांस पर हो।
- अब आप अपने मन को शांत रखें और मन में आने वाले ईधर-उधर के विचारों मन से बाहर निकलने दें और फिर से मंत्र को दोहराएं।
आप जब तक चाहें मंत्र ध्यान या मंत्र मेडिटेशन कर सकते हैं। लेकिन मंत्र मेडिटेशन को कम से कम 10 से 20 मिनट तक करना चाहिए और कम से कम 10 बार मंत्रोच्चारण अवश्य करें। फिर ध्यान साधना के अंत में मंत्र को जाने दें और सांस पर ध्यान केंद्रित करें। यदि आप रोजाना इस ध्यान मुद्रा को करते हैं, तो इससे आपके तन और मन को कई फायदे मिलेंगे।
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