हेडस्टैंड (शीर्षासन) को आसानी से करने के लिए पहले इन योगासनों की प्रैक्टिस है जरूरी

हेडस्टैंड या शीर्षासन का अभ्यास करने से पहले इन योगासनों का अभ्यास करना फायदेमंद होता है, जानें इनके बारे में।
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हेडस्टैंड (शीर्षासन) को आसानी से करने के लिए पहले इन योगासनों की प्रैक्टिस है जरूरी


शरीर को स्वस्थ, रोगमुक्त और फिट बनाने के लिए योग का रोजाना अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। योगासनों का नियमित रूप से सही ढंग से अभ्यास करने से न सिर्फ आपका शरीर रोगमुक्त और फिट रहता है बल्कि इसके अभ्यास से आपका मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। शरीर के हर एक अंग के लिए अलग-अलग योगासनों के बारे में बताया गया है। आप शरीर की स्थिति और सहूलियत के हिसाब से इन योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। हेडस्टैंड या शीर्षासन का अभ्यास भी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है। शीर्षासन या हेडस्टैंड करने से शरीर के रक्त संचार में, तंत्रिका तंत्र और रीढ़ की हड्डी के लिए विशेष फायदा मिलता है। शीर्षासन योग के कठिनतम आसनों में से एक है। इसके अभ्यास में तज्ञ होने के लिए इंसान को रोजाना प्रैक्टिस करने की जरूरत होती है। शीर्षासन का अभ्यास शुरुआत में सिर्फ एक्सपर्ट की देखरेख में करने की सलाह दी जाती है। बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो शीर्षासन का अभ्यास तो करना चाहते हैं लेकिन एक कठिन आसन होने के नाते इसका अभ्यास नहीं कर पाते हैं। अगर आप शीर्षासन का अभ्यास करना चाहते हैं तो आपको उससे पहले कुछ ऐसे योगासनों का अभ्यास करना चाहिए जो शीर्षासन करने में लाभदायक माने जाते हैं। आप शीर्षासन से पहले इन योगासनों की प्रैक्टिस कर आसानी से शीर्षासन के स्तर तक पहुंच सकते हैं।

शीर्षासन को आसानी से करने के लिए पहले इन योगासनों का करें अभ्यास (Yoga Poses To Prepare For Headstand)

हेडस्टैंड या शीर्षासन का अभ्यास शरीर के तंत्रिका तंत्र, रक्त परिसंचरण और दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन एक कठिन योगासन होने के कारण सभी लोग आसानी से इसका अभ्यास नहीं कर पाते हैं। शीर्षासन का आसानी से अभ्यास करने के लिए कुछ ऐसे योगासनों का अभ्यास करना जरूरी होता है जिनका इस्तेमाल शीर्षासन के अभ्यास में किया जाता है। अगर आप इन योगासनों को आसानी से अभ्यास कर सकते हैं तो इससे शीर्षासन करने में आसानी होगी। आइये जानते हैं उन योग आसनों के बारे में जिनका अभ्यास करने से शीर्षासन करने में आसानी होती है।

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Headstand-Practice-Tips

1. अधोमुख श्वानासन या डाउनवर्ड फेसिंग डॉग पोज (Downward Facing Dog)

अधोमुख श्वानासन का अभ्यास शरीर को ऑल ओवर स्ट्रेच मिलता है। इसका अभ्यास कंधे, हैमस्ट्रिंग, पैरों और हाथों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। शीर्षासन का अभ्यास करने की तैयारी यानी प्रैक्टिस करने के लिए इस योगासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। इसके अभ्यास से आपका हाथ और पैर दोनों मजबूत होते हैं। अधोमुख श्वानासन 3 शब्दों से मिलकर बना है- अधो, मुख और श्र्वान। अगर इन तीनों के अर्थ की बात की जाए तो अधु का अर्थ है नीचे की ओर जाना, जबकि मुख का अर्थ मुंह और श्र्वान का अर्थ कुत्ता होता है। 

कैसे करें अभ्यास? (How To Practice Downward Facing Dog Pose?)

  • अधोमुख श्वानासन का अभ्यास करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें।
  • सबसे पहले जमीन पर योग मैट बिछाएं और उस पर सीधे खड़े हो जाएं। 
  • अब अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं और जमीन की तरफ झुकें। 
  • जब आप जमीन की तरफ झुकेंगे तो आपके घुटने और हाथ एकदम सीधे होनी चाहिए। 
  • अब ऊपर दिए चित्र के अनुसार अपनी आकार धनुष की भांति बना लें। 
  • याद रहे कि आपके हाथ और टांग एकदम सीधे होने चाहिए। 
  • अब गहरी लंबी सांस लें और कूल्हों पर जोर डालें। 
  • अपने हाथों को पूरी तरह से जमीन पर टिकाएं और अपने कूल्हों को जितना हो सके उतना ऊपर उठाने की कोशिश करें। 
  • आपका सिर भी जमीन की तरह होना चाहिए। 
  • आपकी दृष्टि आपके पैरों की तरफ होनी चाहिए। 
  • अब इस स्थिति में लगभग तब तक रहें जब तक आप संतुलन बना सकते हैं। 
  • ध्यान रहे कि अपनी क्षमता पर ज्यादा जोर ना डालें।
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2.  डॉलफिन प्लैंक (Dolphin Plank)

डॉलफिन प्लैंक शरीर के संतुलन और मजबूती के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। इसके अभ्यास से आपके हाथों और पैरों को मजबूती तो मिलती ही है साथ ही इसका अभ्यास आपके शरीर के संतुलन को भी ठीक करने का काम करता है। 

कैसे करें इसका अभ्यास? (How To Do Dolphin Plank Pose?)

  • डॉलफिन प्लैंक पोज का अभ्यास करने के लिए इन स्टेप्स का पालन करें।
  • अपनी हथेलियों को अपनी कोहनी से सीधी रेखा में चटाई पर नीचे की ओर रखें।
  • आप अपने हाथों को आपस में जोड़कर भी रख सकते हैं।
  • अपनी कोहनी को कंधे की दूरी पर अलग रखें।
  • इसके बाद पीठ के निचले हिस्से को सहारा देने के लिए अपने कोर को अपनी रीढ़ की ओर खींचे।
  • इस दौरान कोशिश करें कि शरीर के निचले आधे हिस्से को न हिलाएं।
  • अपने पैर की उंगलियों की गेंदों पर आगे बढ़ने की कोशिश करें।
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3. अर्ध पिंच मयूरासन या डॉलफिन पोज (Ardha Pincha Mayurasana Or Dolphin Pose)

अर्ध पिंच मयूरासन को अंग्रेजी में डॉलफिन पोज कहा जाता है। यह शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। अर्ध पिंच मयूरासन चार शब्दों से जुड़कर बना है। पहले शब्द अर्ध का मतलब है आधा जबकि दूसरे शब्द पिंच यानि पंख है। तीसरा शब्द मयूर का अर्थ मोर हैजबकि चौथे शब्द आसन कहलाता है। इस आसन को करने से सेहत को कई फायदे होते हैं। मानसिक रूप से स्ट्रेस्ड होने पर इस आसन का अभ्यास बहुत उपयोगी होता है इसके साथ -साथ इसका अभ्यास शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने और मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है।

कैसे करें अर्ध पिंच मयूरासन का अभ्यास? (How To Practice Dolphin Pose?)

  • अपने पैरों को अपनी कोहनी की ओर ले जाएं।
  • अपने पैर की उंगलियों को अपनी कोहनी से लगभग तीन फीट दूर लाएं।
  • इस दौरान पैरों को अपेक्षाकृत सीधे रखें।
  • अब आपका वजन आपके कंधों पर अधिक शिफ्ट होना शुरू हो जाएगा।
  • हालांकि इस वक्त आप अपने कंधों या घुटनों पर ज्यादा दबाव डालने की कोशिश ना करें।
  • अपने घुटनों को सख्त बनाते हुए अपने शरीर को भी V के आकार में लेकर आएं और इस अवस्था में तकरीबन कुछ सेकेंड तक खड़े रहें।
  • आप अपनी क्षमता के अनुसार भी समय निर्धारित कर सकते हैं।
  • अब पुरानी स्थिति में आने के लिए सबसे पहले अपने हाथों को ऊपर की तरफ लेकर जाएं और पहले की स्थिति में आ जाएं।

4. दीवार के सहारे शीर्षासन (Headstand Against The Wall)

ऊपर बताये गए योगासनों का अभ्यास करने के बाद आप दीवार के सहारे हेडस्टैंड या शीर्षासन का अभ्यास कर सकते हैं। ऐसा करते समय अपने साथ किसी एक आदमी को जरूर रखें जो आपका संतुलन बिगड़ने पर आपको सहारा दे सके। ऐसा कुछ दिनों तक प्रैक्टिस करने के बाद आप आसानी से हेड स्टैंड का अभ्यास खुद से कर सकते हैं। हेडस्टैंड का अभ्यास करने से पहले आपको एक्सपर्ट से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

(All Image Source - Freepik.com)

 

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