पोस्टपार्टम डिप्रेशन को कम करने के लिए करें ये 5 योग

डिलीवरी के बाद अगर आप परेशान हैं और डिप्रेशन जैसा महसूस कर रही हैं, तो इसे दूर करने के लिए आप इन योगासनों का अभ्यास कर सकती हैं।
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पोस्टपार्टम डिप्रेशन को कम करने के लिए करें ये 5 योग


बच्चा होने के बाद मां के शरीर को आराम और सही देखभाल की जरूरत होती है। सही खानपान आपको फिट और अंदर से मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। लेकिन बच्चे के जन्म के बाद मां के जीवन में कई तरह के बदलाव आते हैं। ऐसे में उन्हें कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का शिकार होना पड़ता है। दरअसल बच्चे के जन्म के बाद महिलाएं स्वयं के लिए कम वक्त निकाल पाती  हैं, साथ ही जिम्मेदारियां बढ़ने के कारण भी  वे खुद पर अतिरिक्त भार का एहसास करती हैं। ये सभी चीजें नयी मां के लिए डिप्रेशन का कारण बन  सकती हैं।अगर आपको ऐसी स्थिति में परिवार का साथ नहीं मिल पाता है, तो आपके लिए चीजें और मुश्किल हो जाती  हैं। इससे आप डिप्रेशन में जा सकती हैं और चीजों को अपने लिए और मुश्किल बना सकती  हैं। इसे ही पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए आपको कुछ खास योगासन का अभ्यास करना चाहिए, ताकि आप अंदर से खुश और तनावमुक्त रह सकें। 

पोस्टपार्टम डिप्रेशनसे छुटकारा पाने के लिए करें ये योग- Yoga-for-Postpartum-Depression

1. बालासन (Balasana / Child Pose)

बालासन, शरीर को उसी स्थिति में ले जाता है, जिस स्थिति में एक बच्चा मां के गर्भ में होता है। इस आसन का अभ्यास पूरी तरह से गुरुत्व बल के विपरीत शरीर से जोर लगाते हुए किया जाए तो, आपको आसानी से मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से शक्ति मिलती है। इसमें आप अपने शरीर को ढीला छोड़ देते हैं और काफी रिलैक्स महसूस करते हैं। इसे विन्यास योग की शैली का आसन माना जाता है। बालासन का अभ्यास 1 से 3 मिनट तक किया जाना चाहिए। 

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2. भुजंगासन (Bhujangasana / Cobra Pose)

ये आसन रीढ़ की हड्डी में खिंचाव लाता है और पूरी बॉडी का शेप सुधारने में मदद करता है। स्पाइन में आने वाला ये खिंचाव शरीर और मन में गहरी शांति प्रदान करता है। इसके नियमित अभ्यास से आप डिप्रेशन को कम कर सकते हैं। इससे तनाव कम करने में भी मदद मिलती है। इसे आप सुबह या शाम के समय भी कर सकते हैं। इससे पेट की  एक्स्ट्रा चर्बी कम करने में मदद मिलती है। 

3. सुखासन (Sukhasana / Easy Pose)

इस आसन के अभ्यास से आपके घुटनों और टखनों में मजबूती आती है। इसके अलावा पीठ में भी  खिंचाव आता है। इसके अलावा इससे पीठ को भी मजबूत करने में मदद मिलती है। इससे कई मानसिक और शारीरिक बीमारियां दूर हो सकती  हैं, साथ ही ये एकाग्रता और स्मृति शक्ति को भी बढ़ाता है। 

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4. सेतु बंधासन (Setu Bandhasana / Bridge Pose)

बच्चे के जन्म के बाद आपका शरीर कई तरह से कमजोर हो सकता है। सेतु बंधासन शरीर को मजबूती और खिंचाव प्रदान करता है। इससे आपके शरीर में लचीलापन बढ़ता है और पैरों की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। ये आसन डिप्रेशन और तनाव कम करने में भी काफी कारगर है। 

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5. शवासन (Shavasana / Corpse Pose)

शवासन देखने में बेहद सरल लगता है लेकिन इसमें सिर्फ लेटना ही नहीं होता है बल्कि अपने मन की भावनाओं और विचारों पर नियंत्रण करना होता है। इसके अलावा शरीर की थकान को दूर करने के लिए भी ये काफी उपयोगी योगासन हो सकता है। शवासन के दौरान डीप हीलिंग से आपके शरीर को गहरा आराम मिलता है। अगर आप बच्चे को संभालते हुए बहुत थक गयी हैं, तो इस योगासन के अभ्यास से आपको आराम  मिलेगा। 

(All Image Credit- Freepik.com)

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