
कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट के दुनियाभर में फैलने के बाद अब वैज्ञानिकों ने इसके नए वैरिएंट नियोकोव (NeoCov) का पता लगाया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना का नया वैरिएंट नियोकोव दुनिया में दस्तक दे चुका है। चीन के वुहान शहर के वैज्ञानिकों ने इस नए नियोकोव वैरिएंट को लेकर चेतावनी देते हुए कहा है कि यह वैरिएंट कोरोना के दूसरे वैरिएंट की तुलना में बहुत ही ज्यादा खतरनाक है और इसके संक्रमण की चपेट में आने वाले 3 में से 1 मरीज के मौत की भी संभावना है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना का नया वैरिएंट नियोकोव दक्षिण अफ्रीका में मिला है। इस नए वैरिएंट की पुष्टि अभी तक इंसानों में नहीं हुई है लेकिन इसका संक्रमण चमगादड़ में देखा गया है।
नियोकोव वैरिएंट को लेकर चीन के वैज्ञानिकों की चेतावनी (Chinese Scientists Warn Of New Covid NeoCov Variant)
चीन के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए वैरिएंट नियोकोव को लेकर दुनिया को चेतावनी दी है। इस नए वैरिएंट को लेकर शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह नया वैरिएंट बहुत ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है। वैज्ञानिकों के इस शोध को bioRxiv वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। इस शोध में वैज्ञानिकों ने बताया है कि कोरोना का नया वैरिएंट नियोकोव (NeoCov) और उसका सहयोगी वैरिएंट PDF-2180-CoV इंसानों को तेजी से संक्रमित कर सकता है। इस शोध में कहा गया है कि इसकी चपेट में आने वाले मरीजों में से 3 में 1 मरीज की मौत भी हो सकती है।
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वुहान विश्वविद्यालय और चाइन अकादमी ऑफ साइंसेज के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने NeoCov को लेकर यह चेतावनी दी है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना के नए वैरिएंट नियोकोव को इंसानों को संक्रमित करने के लिए सिर्फ 1 म्यूटेशन की जरूरत है। चीनी वैज्ञानिकों की चेतावनी के बाद रूस के सरकारी वायरोलॉजी शोध केंद्र ने भी इसको लेकर अपना पक्ष रखा है। एक बयान में रूस के सरकारी वायरोलॉजी शोध केंद्र ने कहा है कि उन्होनें चीन के वैज्ञानिकों द्वारा जारी आंकड़ों को देखा है और इसके मुताबिक यह वैरिएंट अभी इंसानों को संक्रमित करने में सक्षम नहीं है। उनकी तरफ से कहा गया है कि इसके खतरे को देखते हुए अभी और रिसर्च और अध्ययन की जरूरत है।
दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों मिला नियोकोव (NeoCov Variant In South Africa)
रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना का नया वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका में पाया गया है। इस वैरिएंट की पुष्टि अभी सिर्फ चमगादड़ में हुई है। यह दावा 'बायोरेक्सिव' वेबसाइट पर प्रीप्रिंट के रूप में प्रकाशित रिपोर्ट में किया गया है। वुहान यूनिवर्सिटी और चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेस, इंस्टीट्यूट ऑफ बायो फिजिक्स के वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं ने कहा है कि भले ही यह वैरिएंट अभी तक सिर्फ पक्षियों में देखा गया है लेकिन यह इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। वैज्ञानिकों के शोध के मुताबिक इंसानों को संक्रमित करने के लिए नियोकोव वैरिएंट में सिर्फ 1 म्यूटेशन की जरूरत है और 1 म्यूटेशन के बाद यह वैरिएंट इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका में मिले नए वैरिएंट की संक्रमण क्षमता अन्य वैरिएंट के ज्यादा है और इसकी वजह से संक्रमित लोगों की मौत की दर भी ज्यादा होगी।
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वैज्ञानिकों का मानना है कि नियोकोव वैरिएंट नया नहीं है यह पहले से ही 2012 और 2015 में मध्य पूर्व के देशों फैले संक्रमण से जुड़ा हुआ है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह वायरस कई रूप में कोरोना के समान है। दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ में यह वैरिएंट तेजी से फैल चुका है। हालांकि रूस की स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी ने चीनी वैज्ञानिकों की इस शोध के जवाब में यह कहा है कि अभी तक मिले डेटा के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता है कि यह वैरिएंट इंसानों में फैल सकता है। इसको लेकर अभी और अध्ययन और शोध करने की जरूरत है।
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