
पिछले कई सालों से 55 साल के अश्विन मारवाह का वजन बढ़ रहा था। वह टाइप-2 डायबिटीज मेलिटस (टी2डीएम) और हाइपरटेंशन से भी पीड़ित थे, जिसकी वजह से डॉक्टरों ने उन्हें बेरिएट्रिक सर्जरी कराने की सलाह दी थी। इन्हीं सब चीजों के चलते फॉर्टिस, चेयरमैन, सी-डीओसी के डॉक्टर अनूप मिश्रा ने जब अश्विन की जांच की, तो उन्हें उनकी आंतों में 30X25 सेंटिमीटर का ट्यूमर पाया, जो राइट साइड से लेकर लेफ्ट साइड में फैल रहा था।
अश्विन को यह बात नहीं पता थी, जिसकी वजह से वह वजन भी बढ़ा रहे थे। साथ ही वह अपने शरीर के सीधी तरफ भारी भी महसूस कर रहे थे। डॉक्टर अनूप ने उन्हें सलाह देते हुए डॉक्टर रणदीप वाधवान के पास रेफर किया, जो फॉर्टिस वसंत कुंज में बैरिएट्रिक एंड डीआई सर्जरी के डायरेक्टर, एमएएस हैं।
डॉक्टर वाधवान के मुताबिक “अश्विन की बॉडी मास इंडेक्स 48 था। वह डायबिटीज़, हाइपरटेंशन के साथ नेफ्रोपैथी से पीड़ित थे, जिसके चलते उनकी सर्जरी करनी काफी मुश्किन थी। हमें उनकी आतों में ट्यूमर देखने के लिए बड़े-बड़े चीरे लगाने थे। जब ट्यूमर को बाहर निकाला गया, तो वह 11.5 किलो का था, जो सबसे बड़ा एड्रनल मिलोलीपोमा था”।
भारत में अभी तक साल 2003 में छह किलो का ट्यूमर व्यक्ति के शरीर से निकाला गया है। इसके बाद सबसे बड़ा एड्रनल एडेनोमा साल 2013 में 7.5 किलो को व्यक्ति के शरीर से निकाला गया।
Read More Health Related Articles In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version