ओस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक जटिल समस्या है, जिसमें हड्डियां काफी कमजोर हो जाती हैं। ऐसी स्थिति होने पर बोन डेंसिटी भी कम हो सकती है। ऐसी स्थिति में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि कई बार तो कोई फीजिकल एक्टिविटी करने पर भी टूट सकती हैं। हर साल 20 अक्टूबर को वर्ल्ड ओस्टियोपोरोसिस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछा का मकसद लोगों में जागरूकता फैलाना है।
वर्ल्ड ओस्टियोपोरोसिस डे का इतिहास
दरअसल, पहली बार यूनाइटेड किंगडम की राष्ट्रीय ऑस्टियोपोरोसिस सोसाइटी द्वारा ओस्टियोपोरोसिस डे मनाने की शुरूआत की थी। इसे पहली बार साल 1996 में मनाया गया था, जिसके बाद से यह दुनियाभर में धूम-धाम से मनाया जाने लगा। जिसके बाद वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन World Health Organisation (WHO) ने भी इस दिवस को साल 1998 और 1999 में 20 अक्टूबर को मनाया।
वर्ल्ड ओस्टियोपोरोसिस डे की थीम
इस साल वर्ल्ड ओस्टियोपोरोसिस डे की थीम बिल्ड बेटर बोन्स (Build Better Bones) है। इस थीम का उद्देश्य लोगों को हड्डियों को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करना है। लाइफस्टाइल और खान-पान को हेल्दी रख आप हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं। यही नहीं एक्सरसाइज और शारीरिक गतिविधियों में शामिल होकर भी आप हड्डियों को स्वस्थ रख सकते हैं।
वर्ल्ड ओस्टियोपोरोसिस डे का महत्व
हर साल वर्ल्ड ओस्टियोपोरोसिस डे मनाने के पीछे का मकसद लोगों को हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए प्रेरित करना है। यही नहीं इस दिवस को मनाकर लोगों में ओस्टियोपोरोसिस के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है। इस दिन अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा जगह-जगह कैंप लगाकर ओस्टियोपोरोसिस से बचने की टिप्स और फ्रैक्चर से बचने के तरीकों के बारे में बताया जाता है।
ओस्टियोपोरोसिस से बचने के तरीके
- ओस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए कैल्शियम से भरपूर फूड्स जैसे पनीर, ब्रोकली, बादाम और पालक आदि का सेवन कर सकते हैं।
- इसके लिए आप धूप में बैठकर विटामिन डी ले सकते हैं।
- ऐसे में शराब और सिगरेट का सेवन करने से बचें।
- इसके लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहें साथ ही फीजिकल एक्टीविटीज में भी शामिल हुआ करें।
- इसके लिए तनाव कम लें और पर्याप्त मात्रा में सोएं।