आम तौर पर डायबिटीज से पीड़ित लोगों को पैरों से सम्बंधित समस्याएं भी होती हैं। अगर आप डायबिटिक हैं तो पंजे पर लगा एक छोटा सा कट भी आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इस बीमारी में पंजों तक सही तरीके से रक्त प्रवाह नहीं हो पाता है। ऐसे में कोई भी त्वचा संबंधी समस्या, संक्रमण या चोट को ठीक होने में बहुत समय लगता है। सर्दियों में ये समस्या और बढ़ जाती है क्योंकि इस मौसम में एड़ियां फट जाती हैं और अधिक फटने पर घाव भी हो सकते हैं।
इतना ही नहीं, कई बार पंजों की त्वचा पर छाले या रैशेज पड़ जाते हैं। इनकी अनदेखी से हो सकता है कि आपको अपने पैरों के अंगूठे, उंगलियां और पंजों तक से हाथ धोना पड़ सकता है। परन्तु यदि पैरों की उचित देखभाल की जाये तो ऐसी बहुत सी समस्याओं से बचा जा सकता है।
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चोट को हल्के में न लें
डायबिटीज में अक्सर रोगियों में त्वचा के प्रति संवेदनशीलता का एहसास कम हो जाता है इसलिए उन्हें पता ही नहीं चलता कि कब उनके पंजे पर कट लगा और कब उन्हें पैरों में कोई चोट लगी। चोट के पकने या बिगड़ जाने पर उन्हें दिक्कत होती है और तब उन्हें उपचार के लिए तगड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में समझदारी यह है कि आप अपने पंजों पर लगी छोटी सी भी चोट को गंभीरता से लें और उसे जल्द से जल्द ठीक करें।
गुनगुने पानी से साफ करें पैर
रोज रात में सोने के पहले पैरों को हल्के गर्म यानी गुनगुने पानी में थोड़ी देर रखें और पैरों को साफ करें। फिर टॉवल से अच्छी तरह पैरों को सुखाएं, खासतौर पर अंगूठे और उंगलियों के बीच के गैप को।
मॉश्चयुराइज करें
डायबिटीज में त्वचा अधिकतर ड्राई रहती है इसलिए उसकी मॉश्चयुराइजिंग बेहद जरूरी है। अगर आप नियमित रूप से पंजों पर मॉश्चुयराइजर या तेल लगाएंगे तो त्वचा न तो ड्राई होगी, न फटेगी और न ही उसमें से खून निकलेगा। ध्यान रहे कि अंगूठे और उंगलियों के बीच ज्यादा मॉश्चुयराइजर न लगाएं नहीं तो फंगल संक्रमण हो सकता है।
जूते-चप्पल हों सही
डायबिटीज के मरीजों को अपने पैरों को गर्म और सुरक्षित रखने की जरूरत होती है। ऐसे लोगों को चाहिए कि अपने पैरों में हमेशा जुराबें पहनकर रखें। बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शजन से बचने के लिए जुराबों को रोजाना बदलना जरूरी है। घर से बाहर जाते समय डायबिटीज के मरीजों को जूते पहनना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि आप किस प्रकार के जूते पहनते हैं। जूते आरामदेह और फिट होने चाहिए। उसमें आपके पैरों पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ना चाहिए। अपने पास कम से कम दो जोड़ी ऐसे जूते अवश्य रखें। ताकि आपको रोजाना एक ही जोड़ी जूते न पहनने पड़ें।
नियमित मेडिकल जांच
सर्दियों में डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से डॉक्टर के पास जांच के लिए जाना चाहिए। यह जांच पैरों को किसी भी प्रकार के संभावित खतरे से बचाने में मददगार हो सकती है। इसके साथ ही अल्सर, पैरों की उंगलियों के नाखूनों का अंदर की ओर बढ़ना अथवा पैरों में दर्द आदि की समस्या होने पर भी बिना देर किये डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए। समय रहते अगर पैरों की समस्या का पता लगाया जा सके, तो अंग-विच्छेदन से बचा जा सकता है।
धूम्रपान से बचें
सर्दियों में लोग अक्सर धूम्रपान बढ़ा देते हैं। वैसे तो धूम्रपान से बचे रहने की बहुतेरी वजहें हैं लेकिन डायबिटिक के लिए एक जरूरी वजह यह भी है कि धूम्रपान से रक्त का प्रवाह अवरुद्ध होता है जिससे खून सही तरीके से पंजों तक नहीं पहुंच पाता और तरह-तरह की समस्याएं पैदा होती हैं।
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