प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को हो सकती बार-बार पेशाब आने की परेशानी, जानें क्या है ये बीमारी और इसका इलाज

हर छींक के बाद आपको अगर आपको यूरिन लीक होने की परेशानी हो रही है, तो आप यूरिनरी इंकंटिनेंस से पीड़ित हो सकती हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

Pallavi Kumari
Written by: Pallavi KumariUpdated at: May 13, 2020 12:34 IST
प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को हो सकती बार-बार पेशाब आने की परेशानी, जानें क्या है ये बीमारी और इसका इलाज

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गर्भावस्था के दौरान, कई महिलाओं को कम से कम कुछ हद तक मूत्र असंयम यानी कि यूरिनरी इंकंटिनेंस (Urinary Incontinence) का अनुभव होता है। वहीं कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के बाद ये अनुभव होता है। किसी के लिए ये थोड़े दिनों का हो सकता है, तो दूसरों के लिए अधिक गंभीर हो सकता है। आयु और बॉडी मास इंडेक्स एक अध्ययन के अनुसार गर्भावस्था में या इसके बाद यूरिनरी इंकंटिनेंस का अनुभव करना महिलाओं के लिए कुछ हद तक खतरनाक भी हो सकता है। वहीं गर्भावस्था के दौरान जिस तरह की असंयमता का अनुभव होता है, वह आमतौर पर तनाव असंयम (एसआई) है। तनाव असंयम मूत्र मूत्राशय पर दबाव बढ़ने के कारण होता है। इसमें शरीर पेशाब को ज्यादा देर रोक नहीं पाती है। तो आइए इसे और विस्तार से समझा जाए कि ये क्या है और इसे कैसे कम किया जा सकता है। 

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यूरिनरी इंकंटिनेंस क्या है (What is urinary incontinence)?

मूत्र असंयम तब होता है जब आप अपने मूत्राशय पर नियंत्रण खो देते हैं, जो प्रेग्नेंसी के बाद लगभग 50% महिलाओं को प्रभावित करता है। इसमें अक्सर महिलाओं में न चाहते हुए यूरिन लीक होने लगता है। ये महिलाओं और उनके स्वास्थ्य के हिसाब से सबसे शरीर में अलग-अलग हो सकता है। ये यूरिनरी इंकंटिनेंस आमतौर पर दो तरह के होते हैं। जैसे-

स्ट्रेस इंकंटिनेंस (Stress Incontinence)

ये छींकने, खांसने, हंसने या कूदने जैसी क्रिया के कारण होता है। इसे तनाव असंयम कहा जाता है। कई महिलाओं को यह तीसरी तिमाही के बाद से अनुभव होता है क्योंकि गर्भाशय भारी हो जाता है और मूत्राशय के खिलाफ दबाता है। इसके अतिरिक्त, शरीर में ऐसे हार्मोन भी हैं जो आपके शरीर को प्रसव के लिए तैयार करने के लिए आपके ऊतकों और जोड़ों को अधिक लोचदार बनाते हैं। इससे मूत्राशय अपने कुछ संयम खो देता है।

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ब्लैडर का ज्यादा एक्टिव हो जाना (Active Bladder)

दूसरे प्रकार की असंयमता तब होती है जब आपका मूत्राशय बहुत अधिक सक्रिय होता है, जिसका अर्थ है कि जब आपको बाथरूम का उपयोग करने की आवश्यकता महसूस होती है पर जब तक आप ये करने जाते हैं, यूरिन लीक हो जाता है। इसके अलावा आप दोनों तनाव के संयोजन का अनुभव कर सकते हैं। आप इसे प्रेग्नेंसी के दौरान या इसके बाद भी इसका अनुभव कर सकते हैं।

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यूरिनरी इंकंटिनेंस को मैनेज करने के लिए आप क्या कर सकती हैं?

सिजेरियन सेक्शन होने का स्वाभाविक रूप से जवाब नहीं है, क्योंकि ज्यादातर महिलाएं जो शल्य चिकित्सा से प्रसव कराती हैं उनमें ये अपने आप ठीक होने लगता है। इसलिेए गर्भावस्था के दौरान और बाद में अपनी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को टोन करने के बारे में सोचना शुरू करना महत्वपूर्ण है। कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के बाद पेट और नितंबों को टोन करने की चिंता होती है, लेकिन केगेल  (Kegel Exercises), जो पेल्विक फ्लोर व्यायाम है, तो वास्तव में अधिक फायदेमंद हो सकते हैं। केगेल, अगर सही ढंग से किया जाता है, तो ये तनाव को कम कर सकते हैं और मूत्र असंयम का आग्रह कर सकते हैं। इसलिए गर्भावस्था के चौथे महीने से केगेल एक्सरसाइज करना शुरू करें और उन्हें उसे प्रेग्नेंसी के बाद तक जारी रखें।

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ऐसे करें Kegel Exercises

  • -अपने पेट, जांघ और नितंब की मांसपेशियों को आराम से रखें।
  • -श्रोणि के मांसपेशियों को कस लें।
  • -10 तक गिनने तक मांसपेशियों को वैसे ही रखें।
  • -जब तक आप 10 तक गिनती नहीं करते तब तक पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को आराम दें।
  • - आप इस व्यायाम को सुबह, दोपहर और रात में करें। 
  • -इसे आप ड्राइविंग करते समय या अपनी डेस्क पर बैठे हुए भी कर सकती हैं।
Source: WebMd

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