आनंद महिंद्रा ने शेयर की प्रेग्नेंसी में बुनाई करती मां की तस्वीर, जानें किस आदत का असर शिशु पर कैसे पड़ता है?

मशहूर बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने अपनी मां की तस्वीर शेयर की है, जब वो उनके गर्भ में थे और मां बुनाई करते नजर आ रही हैं।

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: May 11, 2020 18:43 IST
आनंद महिंद्रा ने शेयर की प्रेग्नेंसी में बुनाई करती मां की तस्वीर, जानें किस आदत का असर शिशु पर कैसे पड़ता है?

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उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने इस मदर्स डे पर अपनी मां इंदिरा महिंद्रा की एक खास तस्वीर शेयर की है, जिसमें उनकी मां बुनाई करते हुए नजर आ रही हैं। आनंद महिंद्रा ने इस तस्वीर के साथ यह भी लिखा कि ये तस्वीर उस समय की है, जब वो जब वो उनके गर्भ में थे। प्रेग्नेंसी के समय बुनाई-कढ़ाई जैसी आदतें पहले के समय में महिलाओं में बड़ी पॉपुलर हुआ करती थीं। बुनाई करने के ढेर सारे फायदे भी होते हैं। तस्वीर में आनंद महिंद्रा की मां के चेहरे पर एक तरह की खुशी देखी जा सकती है।
उन्होंने लिखा, "मेरी स्वर्गीय मां प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए ये सबसे सही तस्वीर है। बुनाई करते हुए, जब मैं उनके गर्भ में पल रहा था। मैं खुश हूं कि वो प्रसन्न दिख रही हैं और मुझे आशा है कि मुझे जमीन पर लाते हुए उनकी ये मुस्कान खोई नहीं होगी। हैप्पी मदर्ड डे, आप जहां भी हैं..."

प्रेग्नेंसी के दौरान मां की आदतों का शिशु पर गहरा असर पड़ता है। आइए आपको बताते हैं कि मां की आदतें शिशु को कैसे प्रभावित करती हैं।

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बुनाई का शिशु पर असर

बहुत सारी महिलाएं मानती हैं कि गर्भावस्था के दौरान बुनाई करने से शिशु पर बुरा असर पड़ता है। ज्यादातर डॉक्टर्स इसे अंधविश्वास मानते हैं। मगर फिर भी कुछ अन्य कारणों से कुछ डॉक्टर्स गर्भावस्था में बुनाई न करने को ही सही मानते हैं। उनका कहना है कि इससे महिलाएं EKS यानी Excessive Knitting Syndrome का शिकार हो सकती हैं। वहीं कुछ डॉक्टर्स इस आदत को टाइमपास के लिए अच्छा भी मानते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह लेकर ही बुनाई करने या न करने का फैसला करें।

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धूप में बैठने का असर

अगर प्रेग्नेंसी के दौरान कोई महिला रोजाना थोड़ा समय धूप में बिताती है, तो ये आदत उसके लिए अच्छी साबित हो सकती है। दरअसल शिशु के विकास में विटामिन डी की बड़ी भूमिका होती है, क्योंकि शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने का काम इसी विटामिन की मदद से संभव हो पाता है। यह तो आप भी जानते हैं कि हमारी हड्डियां कैल्शियम से बनी होती हैं। इसलिए महिलाएं अगर प्रेग्नेंसी के दौरान थोड़ा समय धूप में रहती हैं, तो ये उनके लिए और शिशु के लिए फायदेमंद होता है।

कॉफी पीने की आदत का असर

तमाम डॉक्टर्स और शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है। American College of Obstetricians and Gynecologists के अनुसार प्रेग्नेंट महिलाओं को एक दिन में 200 मिलीग्राम से ज्यादा कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए। ये 2 कप कॉफी के बराबर है। एक शोध के अनुसार ज्यादा मात्रा में कैफीन वाली ड्रिंक्स पीने से बच्चे का आकार छोटा होता है और वो कमजोर हो सकता है।

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स्मोकिंग और सेकंड हैंड स्मोकिंग का असर

प्रेग्नेंसी के दौरान महिला का स्वयं धूम्रपान करना तो खतरनाक है ही, लेकिन अगर उसके आसपास भी कोई अन्य व्यक्ति धूम्रपान करता है, तो वो भी खतरनाक हो सकता है। इससे होने वाले शिशु को अस्थमा और सांस की तकलीफें होने की संभावना रहती है। एक स्टडी के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग या सेकेंड हैंड स्मोकिंग के कारण 5 साल से कम उम्र में ही बच्चा गुस्सै और अटेंशन सीकिंग हो सकता है या फिर एडीएचडी (ADHD) का शिकार हो सकता है।

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तनाव का असर

तनाव लेना भी कुछ महिलाओं की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन जाता है। प्रेग्नेंसी में तनाव लेने की आदत का शिशु पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे होने वाला बच्चा कमजोर और कम-दिमाग पैदा हो सकता है। इसलिए तनाव लेने से बचें और खुश रहें।

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