
मदर्स डे (Mother's Day) एक मां के लिए जितना खास दिन होता है, उतना ही बच्चों के लिए भी होता है। इस दिन बच्चे प्यार और तोहफों के जरिए अपनी मां को ये एहसास दिलाते हैं कि वो उनके लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं। इस मदर्स डे आपकी कोशिश भी यही होगी कि आप मां को ये एहसास दिला पाएं कि आप उनकी कितनी परवाह करते हैं। ऐसे में अगर आप मदर्स डे के लिए परफेक्ट गिफ्ट के बारे में सोच रहे हैं, तो हम आपकी मदद करते हैं।
40-45 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल और शारीरिक परिवर्तन आने लगते हैं, जिनके कारण कई तरह के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। सही समय पर जांच के द्वारा इन रोगों से होने वाले खतरों को रोका जा सकता है। इसलिए इस मदर्स डे, आप अपनी मां को दें 'हेल्थ चेकअप्स' का गिफ्ट। हेल्थ चेकअप के द्वारा आपको यह समझने में आसानी होगी कि आपकी मां कितनी सेहतमंद हैं या सेहतमंद रहने के लिए उनके खान-पान और लाइफस्टाइल में कौन से बदलाव करने जरूरी हैं। हम आपको बता रहे हैं ऐसे 5 हेल्थ चेकअप्स, जो 40 साल से बड़ी महिलाओं को हर साल कराने चाहिए।
ब्रेस्ट कैंसर की जांच
ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। आंकड़ों को देखें तो दुनिया में हर 8 में से 1 महिला को कभी न कभी स्तन कैंसर होता है। ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राम और अल्ट्रासाउंड किया जाता है। 40 साल से बड़ी उम्र की महिलाओं को इसका खतरा ज्यादा होता है। साल में कम से कम 1 बार महिलाओं को ये जांच जरूर करवानी चाहिए। सही समय पर पता चलने पर स्तन कैंसर को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
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कोलेस्ट्रॉल की जांच
आमतौर पर 35-40 की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण समस्याएं शुरू हो जाती हैं। आंखों के ऊपर पपड़ी जैसी त्वचा, काम करते हुए थकान, सुस्ती और सांस फूलना इसके लक्षण हैं। बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के कारण दिल की बीमारियां और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है। भारत में हार्ट अटैक के कारण हर साल लाखों जानें जाती हैं। इसलिए सही समय पर कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाने से आपको पता चल सकता है कि इसे कब और कितना कंट्रोल करना है।
डायबिटीज की जांच
डायबिटीज एक प्रमुख बीमारी है, जिसके कारण शरीर कई तरह के रोगों का घर बन जाता है। मोटे लोगों को इसका खतरा ज्यादा होता है। डायबिटीज के कारण रोगी के किडनी, आंखें, लिवर, हृदय आदि समय से पहले ही खराब हो सकते हैं। सही समय पर इसकी जांच हो जाने पर इन खतरों को रोका जा सकता है। डायबिटीज की जांच के लिए खून में शुगर की मात्रा की जांच की जाती है। महिलाओं को हर साल ये जांच जरूर करानी चाहिए। प्रीडायबिटीज का पता चलने पर इसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
थायरॉइड की जांच
महिलाओं को थायरॉइड की समस्या पुरुषों से ज्यादा पाई जाती है। थायरॉइड शरीर की एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है, जो कई हार्मोन्स का स्राव करती है। थायरॉइड टेस्ट के द्वारा आप यह जान सकती हैं कि आपकी थायरॉइड ग्रंथियां कितनी सही तरह से काम कर रही हैं। आमतौर पर थायरॉइड टेस्ट में 3 चीजों की जांच शामिल होती हैं- टी3, टी4 और टीएचएस। थायरॉइड एक गंभीर रोग है और डॉक्टर इसे साइलेंट किलर मानते हैं। इससे बचाव के लिए 40 साल से बड़ी महिलाओं को साल में एक बार थायरॉइड प्रोफाइल टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
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हड्डियों की कमजोरी की जांच
भारतीय महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों की कमजोरी भी एक बड़ी समस्या है। आहार में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। 40 साल से बड़ी उम्र की महिलाओं में ये समस्या सामान्य है। हड्डियों और जोड़ों में दर्द, उठने-बैठने में परेशानी, कमर झुकाने में परेशानी आदि इसके शुरुआती लक्षण हैं। ऑस्टियोपोरोसिस की जांच में ये पता चलता है कि महिला की हड्डियां कितनी भुरभुरी या कमजोर हैं। सही समय पर इसका पता लगाकर कई गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।
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