एक नए शोध से पता चला है कि हमारे शरीर के सारे टिशु समान दर से नहीं बढ़ते हैं। जीनोम बायलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार यूसीएलए मेडिकल स्कूल में आनुवंशिक विज्ञानी स्टीव होर्वाथ ने मानव ऊतकों की जैविक उम्र को मापने के लिए एक नया तरीके की खोज की है।
ऊतकों और कोशिकाओं की उम्र नापने वाली क्लॉक
माप बनाने के लिए होर्वाथ ने 51 विभिन्न कोशिकाओं और ऊतकों के 8000 नमूनों से डेटा को देखा। उन्होंने मिथाइलेशन (methylation) का अध्ययन किया, (मिथाइलेशन डीएनए की संरचना में परिवर्तन और जीन को चालू व बंद करने की एक प्रक्रिया होती है)। उन्होंने देखा कि नवजात कोशिकाओं विशेष ऊतकों में बदल रही हैं। लेकिन जब एक बार विशेष ऊतक कोशिकाएं पैदा होती हैं, तो वे अनकी आयु बढ़ने वाले कारकों के संपर्क में भी आ जाती हैं तथा उनके डीएनए व मेथिलिकरण से जुड़ने लगती हैं। उदाहरण के लिये, हृदय कोशिकाएं, त्वचा कोशिकाओं की तुलना में डीएनए के विभिन्न परिवर्तनों से गुजरती हैं। स्टीव होर्वाथ के अनुसार इस क्लॉक को बनाना के पीछे उनका मकसद, उम्र के तेज़ या धीमे बढ़ने वाले कारकों के प्रति वैज्ञानिकों की समझ में सुधार के लिये मदद करना है।
हमारी जैविक घड़ी की टिक-टिक दर जीवन भर में एक ही नहीं रहती। होर्वाथ ने खोजा कि ज ब हम पैदा होते हैं और हमारा शरीर तेजी से बढ़ कहा होता है तो ये घटी तेज चलती है। लेकिन जैसे ही हम बीस के होते हैं तो यह घटी धीमे व ज्यादा स्थिर दर से चलती है। स्टीन ने यह भी पाया कि एक ही व्यक्ति के विभिन्न ऊतक अलग दरों पर बूढ़े होते हैं। जैसे स्तन शरीर के सबसे बूढ़े ऊतक होते हैं।
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कैंसर ऊतकों को मापा गया
स्टीव के अनुसार स्वस्थ स्तन के ऊतक किसी महिला के शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में लगभग दो से तीन साल पुराने होते हैं। लेकिन कैंसर ऊतकों के पास वाले स्वस्थ ऊतक किसी महिला के शरीर से औसत 12 साल अधिक उम्र के होते हैं। स्टीव ने कैंसर की कोशिकाओं की उम्र को भी मापा। तो जैविक घड़ी ने दिखाया कि ट्यूमर के ऊतक सामान्य स्वस्थ मानव ऊतक की तुलना में औसतन 36 साल बड़े होते हैं।
ऊतकों की ये डीएनए आयु पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग हैं। स्टीव के अनुसार भविष्य में, जैसे-जैसे अधिक डेटा नमूनों का विश्लेषण किया जाएगा, यह घड़ी और अधिक सटीक हो जाएगी।