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शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का क्या मतलब है? डॉक्टर से समझें कैसे बनता है ये

हाई कोलेस्ट्रॉल होना स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल सही नहीं है। डॉक्टर से जानें, इसके जोखिम और कम करने के तरीकों के बारे में।
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शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का क्या मतलब है? डॉक्टर से समझें कैसे बनता है ये

हाई कोलेस्ट्रॉल एक गंभीर समस्या है, जो दुनियाभर में लाखों की संख्या में लोगों को प्रभावित कर रही है। हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। ऐसी स्थिति आपके साथ न हो, इसके लिए जरूरी है कि आप यह जानें कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता क्यों है? इस संबंध में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, डायरेक्टर एवं एच.ओ.डी डॉक्टर नवीन भामरी आपको विस्तार से बता रहे हैं। साथ ही, यह भी जानें कि कोलेस्ट्रॉल को कम कैसे कर सकते हैं।

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कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का मतलब

जब कोलेस्ट्रॉल सामान्य सीमा से ज्यादा हो, तो उसे हाई कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। कोलेस्ट्रॉल असल में शरीर की हर कोशिका में पाए जाने वाले वसा जैसा एक पदार्थ होता है। यह विटामिन डी और भोजन को पचाने में मदद करता है। आपको बता दें कि अगर ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, तो कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। कोलेस्ट्रॉल को ब्लड तक दो प्रकार के लिपोप्रोटीन द्वारा ले जाया जाता है। ये हैं, एलडीएल यानी कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन और एचडीएल, जिसका मतलब है उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, क्योंकि यह धमनियों में पट्टिका का निर्माण कर सकता है, जिससे हार्ट प्रॉब्लम, स्ट्रोक और हृदय संबंधी कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। जबकि एचडीएल को अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। यह रक्तप्रवाह से एलडीएल को हटाने में मदद करता है।

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हाई कोलेस्ट्रॉल के जोखिम

हाई कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर भी कहा जा सकता है, क्योंकि शुरुआती दिनों में इसका कोई लक्षण दिखाई नहीं देता। इस बारे में जानने के लिए ब्लड टेस्ट करवाया जाता है। राष्ट्रीय कोलेस्ट्रॉल शिक्षा कार्यक्रम सुझाव देता है कि 20 वर्ष से ज्यादा उम्र के हर व्यक्ति को प्रत्येक पांच साल में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करवानी चाहिए। ऐसे कई रिस्क फैक्टर हैं, जो उच्च कोलेस्ट्रॉल में अहम भूमिका निभाते हैं। इसमें फैमिली हिस्ट्री शारीरिक गतिविधि में कमी, मोटापा, धूम्रपान, डायबिटीज और हाइपोथायरायडिज्म जैसी कुछ कंडीशन शामिल हैं।

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हाई कोलेस्ट्रॉल के परिणाम

हाई कोलेस्ट्रॉल के गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। दरअसल, उच्च कोलेस्ट्रॉल की वजह से धमनियों की दीवारों में प्लाक बनने लगता है, जिससे वे संकीर्ण और सख्त हो सकती हैं। इस स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस के रूप में जाना जाता है। ऐसा होने पर व्यक्ति को हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

हाई कोलेस्ट्रॉल को कैसे कम करें

जीवनशैली में बदलावः अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करके आप कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रख सकते हैं। इसके लिए आप रेग्युलर एक्सरसाइज करें। इससे एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। धूम्रपान और शराब पीने की आदत को छोड़ दें। ध्यान रखें कि धूम्रपान धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचा सकता है। जबकि शराब रक्त में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ा सकती है।

हेल्दी डाइट लेंः फलों, सब्जियों और साबुत अनाज जैसी चीजें अपनी डाइट में शामिल करें। इस तरह के आहार रक्त में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। 

रेग्युलर जांच करवाएं: हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आपको चाहिए कि नियमित तौर पर अपनी जांच करवाते रहें। इससे आपको कोलेस्ट्रॉल के स्तर का पता चलता रहेगा और जैसे ही आपको जरूरत हो, आप अपनी जीवनशैली में बदलाव कर हाई कोलेस्ट्रॉल को बैलेंस कर सकते हैं।

image credit : freepik

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