एक नई स्टडी के मुताबिक, हर साल अमरीका में 12,000 से भी ज़्यादा बच्चे हॉस्पिटल में ईरबड्स के कारण कानों में हुई इन्जरी को लेकर भर्ती होते हैं। इस स्टडी में पाया गया कि पिछले 20 साल में लगभग 2 लाख 63 हज़ार बच्चों को हॉस्पिटल में ईरबड्स के इस्तेमाल की वजह से दाखिल किया गया। यूके में हर साल 7000 लोगों को ईरबड्स एमर्जेंसी के लिए ट्रीट किया जाता है। सबसे ज़्यादा इन्जरी तो तब होती है, जब बच्चे ईरबड्स खुद यूज़ करते हैं। 3 साल से छोटे बच्चे इसका आसानी से शिकार होते हैं। 40 प्रतिशत तीन साल से छोटे बच्चे इसके चलते अस्पताल जाते हैं। अस्पताल की रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरबड्स से कानों में मौजूद ड्रम्स फट सकते हैं और पूरी तरह से सुनाई देना भी बंद हो सकता है।
आंख, नाक और गले के सर्जन्स का कहना है कि, ''ईरबड्स के कारण कानों में मौजूद ड्रम्स में छेद हो सकता है। सिर्फ यही नहीं, अगर बच्चों ने कानों में बड्स डाले हुए हैं और वो गिर जाएं, तो यह काफी खतरनाक हो सकता है। हमारे कानों में छोटी-छोटी हड्डियां मौजूद हैं, जिन्हें ऑसिकल्स कहते हैं। ईरबड्स के कारण ये हड्डियां भी डैमेज हो सकती हैं।''
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कान में इन्जरी होने पर महसूस होता है जैसे आपके कानों के अंदर कुछ है। ऐसा 30 प्रतिशत लोगों के साथ होता है। 25 प्रतिशत लोगों के ईरड्रम्स में छेद हो जाता है और 23 प्रतिशत लोगों के सॉफ्ट टिश्यूज़ डैमेज हो जाते हैं।
रिसर्च के मुताबिक, 8 से 17 साल के बच्चों को ईरबड्स इन्जरी होने के कारण लगता है कि उनके कान में कुछ है, वहीं 8 साल से कम के बच्चे इसके इस्तेमाल से अपने ईरड्रम्स डैमेज कर लेते हैं। वैसे तो 99 प्रतिशत लोग ट्रीटमेंट के बाद घर चले जाते हैं, लेकिन कई केसिस इतने सीरियस होते हैं कि वो अपने होश भी खो बैठते हैं या फिर इन्जरी इतनी सीरियस होती है कि उनकी सुनने की शक्ति कभी वापस नहीं आ पाती।
डॉक्टर्स की मानें तो कानों को खुद साफ करने की ज़रूरत नहीं। वो खुद-ब-खुद ही अंदर से साफ हो जाते हैं। दरअसल, जब आप नहाते हैं तो बहुत सारा पानी आपके कानों में भी चला जाता है और फिर कान कुदरती साफ हो जाते हैं। ईरबड्स के इस्तेमाल से कानों में फंसी मैल और अंदर चली जाती है, और इससे इन्जरी भी हो सकती है। अगर किसी के कान में मैल ज़्यादा जमती है, तो इसका ट्रीटमेंट डॉक्टर से लें। इसमें पम्प से पानी को अंदर डाला जाता है और फिर कान की मैल बाहर आ जाती है। इसका एक और ट्रीटमेंट भी है। इसमें डॉक्टर्स कानों में एक छोटा सी डिवाइस डालकर मैल बाहर निकालते हैं।
कई लोग कान में फंसी मैल निकालने के लिए इन सबका इस्तेमाल करते हैं
ईरबड्स
हेयर पिन्स
पेन और पेन्सिल्स
स्ट्रॉ
पेपर क्लिप्स
खिलौना
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यह जानना ज़रूरी है कि इन सबके इस्तेमाल से कानों में खतरनाक इन्जरी हो सकती है। हमारे कान में स्पेशल सेल्स मौजूद हैं, जो ईरवैक्स प्रोड्यूस करते हैं। कई लोगों में ईरवैक्स जल्दी-जल्दी प्रोड्यूस होता है, जिसके चलते या तो उन्हें सुनने में दिक्कत आती है या फिर दर्द भी हो सकता है। इस केस में लोग डॉक्टर के पास न जाकर खुद ही कान ईरबड्स से साफ करने लग जाते हैं, जो कि हार्मफुल है।
हमारे ईरड्रम्स बहुत नाजुक होते हैं, और उन पर ज़रा सा ज़ोर छेद कर सकता है। ईरबड्स इन ड्रम्स तक आसानी से पहुंच जाते हैं। ईरड्रम्स फटने से बहुत ज़्यादा दर्द होता है और कानों में से कुछ लिक्विड भी बाहर निकलता रहता है। इसका ट्रीटमेंट तो हो जाता है, लेकिन सुनने की शक्ति भी जा सकती है।
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