बच्चे का बार-बार सिर पटकना (Head Banging) कर रहा है आपको परेशान? जानें कारण और उपाय

बच्चे अक्सर दीवारों पर, पालने पर और फर्श पर सिर पीटने की आदत विकसित कर लेते हैं। ऐसे में इन आदत को समझने के लिए पहले इसके कारणों को समझें।
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बच्चे का बार-बार सिर पटकना (Head Banging) कर रहा है आपको परेशान? जानें कारण और उपाय

आप अपने बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए कुछ भी करते हैं। आप उनके दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए कई तरक के उपाय करते हैं। पर इन सबसे बावजूद आपने पाया होगा कि बहुत से शिशु और बड़े होने बच्चे बात-बात पर अपना सिर पटकने लगते हैं। उन्हें देखकर अक्सर मां-बाप को लगता है कि वो ये सब गुस्से में कर रहे हैं। पर ऐसा नहीं है। दरअसल ऐसे बच्चों में स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ परेशानियां होती हैं, जिनके वजह से वो ऐसी हरकत करते हैं। साथ ही ये बच्चे के पालन-पोषण का एक पहलू भी है, जिसका माता-पिता को ख्याल रखना चाहिए। पर आज हम शिशु और बच्चों के इन हरकतों के पीछे के वैज्ञानिक कारणों को जानेंगे और समझेंगे कि इसे कैसे काबू में किया जा सकता है।

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बच्चे अपना सिर क्यों पटकते हैं (Why Baby Banging Their Head)? 

शिशु और बच्चे का सिर पटकना भले ही आपको बिलकुल सामान्य गुस्से और नासमझी में की जाने वाली हरकत लग सकती है, पर असल में ये है नहीं। दरअसल शिशु और कुछ बच्चे लगभग झपकी या सोते समय एक आत्म-सुखदायक तकनीक के रूप में ऐसा करते हैं।लेकिन एक सामान्य आदत होने के बावजूद, यह बहुत अच्छा नहीं है। हेड बैंगिंग अलग-अलग रूप ले सकता है। कुछ बच्चे बिस्तर में लेट जाने पर केवल अपना सिर पीटते हैं, और फिर बार-बार अपने सिर को तकिये या गद्दे से टकराते हैं। तो कुछ शिशु या बच्चे दीवार, पालने के रेलिंग, या एक कुर्सी के पीछे के हम सिर जानबूझकर मारते हैं। कुछ बच्चे अपने सिर को पीटते हुए अपने शरीर को हिलाते हैं, और उन्हें ये करने में मजा आ रहा होता है। तो अन्य रोते हैं या शोर मचाते हैं। इसके अलावा ये

  • -यह आदत 6 से 9 महीने की उम्र के आसपास शुरू हो सकती है, कई बच्चों की आदत 3 से 5 साल की उम्र तक होती है। 
  • -हेड बैंगिंग एपिसोड अपेक्षाकृत 15 मिनट तक चलते हैं और कभी कभार बच्चा ये बहुत देर तक भी करता है। 
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शिशुओं और बच्चों में सिर पीटने के संभावित कारण क्या हैं?

नींद में

दिलचस्प है, यह आदत अक्सर बच्चे के सोने से ठीक पहले होती है। यह दर्दनाक लग सकता है, लेकिन वास्तविकता में, सिर पटकर बच्चे खुद को शांत कर लेते हैं। उन्हें ऐसा करने से एक सुखद अनुभव मिलता है।यह कुछ ऐसा ही है कि कैसे कुछ बच्चे सोने जाते समय अपने पैर को हिलाते हैं या कुछ बच्चे सोने के लिए रॉक करने का आनंद लेते हैं। इसे स्पष्ट रूप से कहें, तो उनके लिए सिर को पीटना आत्म-आराम का एक रूप है, जो अक्सर नींद की ओर जाता है। इसे ठीक करने के लिए बच्चे को सोते समय अपने बगल में सुलाएं और उसके सिर पर प्यार से कुछ थपकियां दें। ये उन्हें सिर पीटने जितना ही आराम महसूस करवाएगा। वहीं सोते समय ये जरूर देखें कि आपका बच्चा सही से सोया है या नहीं। इस बात पर खास ध्यान दें कि उसके आस-पास नर्म चीजें को जिससे अगर वो अपना सिर भी मारे, तो उसे ज्यादा चोट न आए।

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विकासात्मक अनियमितता और विकार

कभी-कभी, सिर पीटना ऑटिज्म (autism)  जैसी विकार की स्थिति का भी संकेत हो सकता है। ये उनके मनोवैज्ञानिक और न्यूरोलॉजिकल चिंताओं का संकेत है, जो बताता है कि उनके भीतर मानसिक रूप से जुड़ी स्वास्थ से जुड़ी कोई परशानी है। इसके लिए आपको पहले अपने बच्चे का अच्छे से जांच कर लें। आपका बच्चा स्वस्थ है और वह किसी विकासात्मक, मनोवैज्ञानिक या न्यूरोलॉजिकल स्थिति के लक्षण नहीं दिखाता है और केवल सोने से पहले सिर पीटना होता है तो ये मानसिक विकार है। अगर ये हर समय बच्चा करता है या ज्यादा करता है तो बच्चे को बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।

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