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डायबिटीज रोगियों में क्यों रहता है फंगल नेल इंफेक्शन होने का अधिक जोखिम? एक्सपर्ट से जानें कारण

Why Are Diabetics Prone to Fungal Nail Infections In Hindi: डायबिटीज के रोगियों को फंगल नेल इंफेक्शन होने के पीछे कई कारकर जिम्मेदार हैं।
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डायबिटीज रोगियों में क्यों रहता है फंगल नेल इंफेक्शन होने का अधिक जोखिम? एक्सपर्ट से जानें कारण

Why Are Diabetics Prone to Fungal Nail Infections In Hindi: डायबिटीज एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है। जब किसी व्यक्ति का ब्लड शुगर स्थिर नहीं होता है, तब उसे डायबिटिक कहा जाता है। डायबिटीज होने पर ब्लउ शुगर का स्तर कम या ज्यादा हो सकता है। ये दोनों ही स्थिति स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। ब्लड शुगर की समस्या होने के कारण डायबिटीज के रोगियों की इम्यूनिटी बहुत वीक होते है। ऐसे में उन्हें कई तरह अन्य स्वास्थ्य का सभी सामना करना पड़ता है, जैसे किडनी खराब होना, हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ना, आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ना, सुनने की दिक्कत होना और स्किन से जुड़ी बीमारी भी हो सकती है। अक्सर यह देखने में आता है कि डायबिटीज के रोगियों के नाखून स्वस्थ लोगों की तरह नहीं होते हैं। कहीं से टूटे होत हैं, तो कभी नेल इंफेक्शन हुआ होता है। अब यहां सवाल ये उठता है कि डायबिटीज के रोगियों को नाखूनों से जुड़ी बीमारियों का रिस्क भी अधिक क्यों होता है? इस बारे में हमने नई दिल्ली स्थित अभिवृत एस्थेटिक्स के कॉस्मेटोलॉजिस्ट और स्किन एक्सपर्ट डॉ. जतिन मित्तल से बात की।

डायबिटीज रोगियों में क्यों रहता है फंगल नेल इंफेक्शन होने का अधिक जोखिम?- Why Are Diabetics Prone to Fungal Nail Infections In Hindi

Why Are Diabetics Prone to Fungal Nail Infections In Hindi

कमजोर इम्यूनिटी

डायबिटीज के रोगियों को स्किन और नाखून से जुड़ी समस्याएं भी स्वस्थ लोगों की तुलना में अधिक होती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। जब किसी व्यक्ति की इम्यूनिटी कमजोर होती है, तो बीमार होने का रिस्क उनको अधिक होता है। ऐसे में इंफेक्शन और फंक्शन ने इंफेक्श्सन का खतरा भी बढ़ जाता है। यहां तक कि किसी भी तरह का इंफेक्शन होने से उसकी रिकवरी भी धीमी गति से होती है।

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खराब ब्लड सर्कुलेशन

विशेषज्ञों की मानें, डायबिटीज के मरीजों की बॉडी में सही तरह से ब्लड सर्कुलेट नहीं होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ब्लड शुगर के बिगड़ते स्तर के कारण नसों पर नेगेटिव असर पड़ता है। नतीजतन, ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होता है। जब सही से ब्लड सर्कुलेट न हो, तो बॉडी के हर हिस्से तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है। विशेषकर, इस तरह की समस्या पैरों में अधिक देखने को मिलती है। यही कारण है कि डायबिटीज के रोगियों को पैरों से जुड़ी समस्याएं होती रहती है। यहां तक कि पैरों और नाखूनों में इंफेक्शन होने का जोखिम भी अधिक बढ़ जाता है।

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ब्लड शुगर का स्थिर न होना

डायबिटीज के रोगियों में ब्लड शुगर का स्तर स्थिर नहीं रहता है। कभी ज्यादा, तो कभी बहुत कम हो जाता है। इसे मेंटेन करने के लिए कई डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से दवा लेनी होती है। यहां तक कि इंसुलिन का सहारा भी लेना पड़ता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ब्लड शुगर को मैनेज करने के कारण शरीर में फंगस ग्रो करने के लिए विशेष किस्म का एन्वायरमेंट बन जाता है। यही कारण है कि न चाहते हुए भी डायबिटीज के मरीजों में फंगल नेल इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है।

चोट की रिकवरी धीमी होना

यह बात हम सभी जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को लगी चोट की रिकवरी बहुत धीमी होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ब्लड शुगर का स्थिर नहीं है। ऐसे में कई बार बॉडी को प्रॉपर ऑक्सीजन सप्लाई नहीं मिल पाती है। नतीजतन, चोट लगने पर उसकी रिकवरी पर भी बुरा असर पड़ता है। वहीं, अगर डायबिटीज के रोगी को नाखूनों में चोट लग गई और समय से रिकवरी न हुई, तो वहां फंगल इंफेक्शन होने का रिस्क बढ़ जाता है। यही कारण है कि डायबिटीज के रोगियों को कोशिश करनी चाहिए कि उन्हें कम से कम चोट लगे और चोट लगने पर घाव की केयर सही तरह से करें।

All Image Credit: Freepik

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