Complications In Diabetic Neuropathy In Hindi: डायबिटीज या ब्लड शुगर होने पर आपको कई अन्य रोग होने का खतरा बना रहता है। यही वजह है कि डॉक्टर्स डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के दौरान सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। डॉक्टर्स के अनुसार डायबिटीज के रोगियों में डायबिटीक न्यूरोपैथी एक सामान्य समस्या मानी जाती है। इस समस्या में व्यक्ति के शरीर को नसों को नुकसान होता है। व्यक्ति में हाई ब्लड शुगर के चलते नसें अंदर से डैमेज हो जाती हैं। डायबिटीक न्यूरोपैथी के ज्यादातर मामलों में पैरों की नसें प्रभावित होती हैं। प्रभावित नसों के आधार पर डायबिटीक न्यूरोपैथी के लक्षण पैरों या हाथों में दिखाई दे सकते हैं। इस दौरान व्यक्ति को पाचन तंत्र, यूरिनरी ट्रैक्ट और हार्ट से जुड़ी समस्याए हो सकती है। कुछ लोगों को डायबिटीक न्यूरोपैथी के लक्षण हल्के महसूस हो सकते हैं। लेकिन, कुछ लोगों को इसमें तेज दर्द और अंगों की कार्य क्षमता प्रभावित हो सकती है। डायबिटीक न्यूरोपैथी एक गंभीर समस्या बन सकती है। लेकिन, समय पर ब्लड शुगर को मैनेज करके आप डायबिटीक न्यूरोपैथी में होने वाले जोखिम से बच सकते हैं। इस लेख में नारायणा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौरव जैन से जानते हैं कि डायबिटीक न्यूरोपैथी में क्या जोखिम हो सकता है।
डायबिटीक न्यूरोपैथी में व्यक्ति को क्या जोखिम हो सकते हैं? - What Are The Complications In Diabetic Neuropathy In Hindi
हाइपोग्लाइसीमिया - Hypoglycemia
डायबिटीज में 70 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर (mg/dL) से ब्लड शुगर लेवल कम होने पर शरीर में कंपन, पसीना आना और दिल की धड़कने तेज होने की समस्या हो सकती है। लेकिन, जिन मरीजों को ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी है, उनमें इस तरह के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।
पैर की अंगुली या पैर को नुकसान पहुंचना - Loss of a toe, foot or leg
डायबिटीक न्यूरोपैथी में नर्व डैमेज के कारण पैरों की सेंसिटिविटी कम हो सकती है। इस वजह से हल्का कट भी घावा और अल्सर में तबदील हो सकता है। कुछ गंभीर मामलों में यह घाव हड्डियों तक फैल सकता है। साथ ही, इसकी वजह से पैरों के टिश्यू डैमेज या डेड हो सकते हैं। गंभीर मामले में पैरों की उंगलियों या घाव का कुछ हिस्सा काटने की आवश्यकता हो सकती है।
ब्लड प्रेशर का कम होना - Drops in blood pressure
डायबिटीक न्यूरोपैथी में ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित करने वाली नसों को नुकसान होने से ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है। इस समस्या में व्यक्ति को बैठने या लेटने के बाद खड़े होने पर दबाव में तेज गिरावट हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति डायबिटीज के दौरान चक्कर आना औ बेहोशी हो सकती है।
पाचन तंत्र की समस्याएं - Digestive problems
डायबिटिक न्यूरोपैथी में पाचन तंत्र की नसे प्रभावित हो सकती है, जिससे पेट में दर्द, दस्त, कब्ज, और गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ मामलों में, मरीजों को गैस्ट्रोपरेसिस नामक स्थिति का सामना करना पड़ता है, जिसमें बॉउल मूवमेंट धीमा हो जाता है।
यूरिनरी ट्रैक्ट की समस्याएं - Urinary tract infections
डायबिटिक न्यूरोपैथी यूरिनरी ट्रैक्ट की नसों को भी प्रभावित करती है, जिससे मूत्र संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मरीजों को यूरीन को रोक पाने में कठिनाई हो सकती है या फिर मूत्राशय (Bladder) को पूरी तरह से खाली न कर पाने की समस्या हो सकती है, जिससे मूत्र संक्रमण (यूटीआई) का खतरा बढ़ जाता है।
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इस स्थिति में हृदय से जुड़ी समस्याओं का जोखिम भी रहता है। इस स्थिति में पुरुषों को यौन रोग होने का भी जोखिम बना रहता है। इन जोखिमों से बचने के लिए रोगी को ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, ऐसे में डॉक्टर उन्हें नियमित रूप से दवा लेने की सलाह भी देते हैं। लेकिन, डायबिटीज में किसी भी तरह के लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए।