यूरिया साइकिल डिसऑर्डर (UCDs) रोगों का एक समूह है, जो अक्सर छोटे बच्चों में पाया जाता है। आमतौर पर इस बीमारी में बच्चे को मल-मूत्र से जुड़ी परेशानियां होती हैं। बच्चे को सही से पॉटी न आना या बहुत दिनों तक पेट खराब रहना इस बीमारी के कुछ लक्षणों में से एक है। दरअसल हर इंसान में यूरिन के बाहर आने का भी एक चक्र होता है। इसी तरह बच्चों में भी इसी तरह का चक्र जन्म के बाद से ही विकसित होना शुरू हो जाता है। इस बीमारी के तहत जब आपका बच्चा प्रोटीन खाता है, तो उसका शरीर उसे अमीनो एसिड में बदल देता है और बाकी को नाइट्रोजन प्रोड्क्टस के रूप में बदल जाते हैं, जिसे वे मल या पॉटी के रूप में निकाल देते हैं। इस प्रक्रिया में लीवर नाइट्रोजन को यूरिया में बदलने के लिए कई एंजाइमों की आपूर्ति करता है, जो बाद में मल- मूत्र के रूप में शरीर निकल जाता है और इसकी पूरी प्रक्रिया को 'यूरिया चक्र' कहा जाता है।
बच्चों में कैसे होता है ये रोग-
यदि आपके बच्चे को यूरिया चक्र विकार है, तो उसका लीवर यूरिया साइल की जरूरतों के हिसाब से काम नहीं कर पाता है। इस तरह से जब बच्चे का शरीर नाइट्रोजन, अमोनिया आदि को बाहर नहीं निकाल पाता है तो इसके हानिकारक पदार्थ ब्लड में मिक्स हो जाता है। फिर ये हानिकारक पदार्थ बल्ड के साथ सर्कुलेट होने के कारण मस्तिष्क की क्षति का कारण बन सकता है, जिससे बच्चा कोमा में भी जा सकता है। यदि आप इसे जल्दी से इलाज नहीं करते हैं, तो ये आपके बच्चे के लिए घातक हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप इसके लिए अपने बच्चे में जन्म के बाद से उनके यूरिन साइकल पर ध्यान दें। आइए हम आपको बताते हैं कि इस बीमारी के लक्षण और निकारण क्या है?
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यूरिया साइकिल डिसऑर्डर के कारण-
- शरीर में कुछ एंजाइमस जैसे ओटीसी (ओर्निथिन ट्रांसकार्बामाइलेज), एएसडी (आर्जिनिनोस्किनिक एसिड सिंथेटेज़) और एएलडी (आर्गिनोसिनसिनेज एसिड लीसेज़) के कम होने से
- माता-पिता से आने वाले डिफेक्टीव जीन का बच्चे में ट्रांसफर होने के कारण
- ज्यादा प्रोटीन लेने के कारण
- बच्चे में जन्म से लीवर खराब होने के कारण
यूरिया साइकिल डिसऑर्डर के लक्षण-
गंभीर यूसीडी वाले बच्चों में इसके लक्षण जीवन के पहले 24 घंटों के भीतर विकसित होते हैं। हालांकि ये सभी लक्षण एक साथ मौजूद नहीं हो सकते हैं। इसमें सबसे पहले बच्चों में यूरिन पास होने का साइकिल बिगड़ जाता है। फिर उनमें नींद, चिड़चिड़ा, दूध पिलाने पर उल्टी होने जैसी समस्याएं नजर आती है। इसके अलावा हल्के या मध्यम यूसीडी वाले बच्चों में कुछ और लक्षण दिख सकते हैं। जैसे कि-
- मिट-मछली या प्रोटीन से भरपूर अन्य खाद्य पदार्थों को नापसंद करना
- उल्टी, मतली
- मानसिक भ्रम या अतिसक्रिय व्यवहार
- अक्सर थका हुआ या सोते रहना
- बेहोशी
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यूरिया साइकिल डिसऑर्डर का इलाज-
- बच्चे को कम प्रोटीन, उच्च कैलोरी वाले आहार दें-आहार में प्रोटीन प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों से परहेज करके यूरिया साइकल डिसऑडर को कम किया जाता है। इसके लिए बच्चे को 6 माह बाद से ही फल और सब्जियों को किसी न रूप में दें।
- आहार विशेषज्ञ से बच्चे के डाइट के बारे में संपर्क करें क्योंकि इससे उन्हें शुरू से ही पोषनयुक्त खाना खाने को मिलेगा।
- कुछ बच्चों को शरीर से अतिरिक्त अमोनिया को पचाने में मदद करने के लिए दवा लेने की आवश्यकता होती है। इसके लिए बच्चे का डॉक्टर के पास ले जाएं।
- अगर बच्चे को लगातार मल-मूत्र के निकासी से जुड़ी समस्याएं हैं तो हो सकता है कि उसका लीवर खराब हो। ऐसे में बहुत ज्यादा परेशानी होने पर उनका लीवर प्रत्यारोपण करवाया जा सकता है।
Source:WebMD
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