What Is Seasonal Affective Disorder In Hindi: 19 वर्षीय अमरीन पढ़ने में बहुत ही होशियार और एक एंबीशियस लड़की है। भारत में अपनी स्कूली शिक्षा खत्म करने के बाद वह कनाडा शिफ्ट हो गई। कनाडा एक ऐसा शहर है, जो ठंडे मौसम के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। हालांकि, अमरीन का फैमिली बैकग्राउंड बहुत स्ट्रॉन्ग है और घर का हर सदस्य अच्छी एजुकेशन की डिग्री होल्ड करता है। इसीलिए, उसने भी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए कनाडा को चुना। लेकिन, वहां जाने के कुछ दिनों बाद ही अमरीन बहुत उदास रहने लगी। वह अक्सर परेशान और तनाव में रहती थी। यहां तक कि बेवजह वह सोती रहती थी, जिससे उसका वजन भी बढ़ गया। कभी-कभी तो वह बिना कुछ किए ही थकान से भर जाती थी। जब वह अपनी कंडीशन को समझ नहीं सकी, तो उसने एक्सपर्ट से कंसल्ट करना जरूरी समझा। ट्रीटमेंट के दौरान उसे पता चला कि वह सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) की शिकार है।
अमरीन कौर की यह केस स्टडी क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और माइंडट्राइब की फाउंडर डॉ. प्रेरणा कोहली ने हमारे साथ शेयर की है। ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर प्रेरणा को पता चला कि अमरीन सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर की मरीज है। वह बदलते मौसम में परेशान और उदासीन रहने लगती है।
ओनलीमायहेल्थ ऐसे मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर को बेहतर तरीके से समझने के लिए ‘मेंटल हेल्थ मैटर्स’ नाम से एक सीरीज चला रहा है। इस सीरीज में हम मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर के बारे में बताते हैं। इसमें आपको बीमारियों के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानने को मिलेगा। आज की इस सीरीज में हम आपको अमरीन कौर की केस स्टडी की मदद से ‘सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर’ के बारे में बताएंगे।
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सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर क्या है- What Is Seasonal Affective Disorder Or Sad
सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) एक प्रकार का अवसाद है, जो कि साल में किसी भी समय हो सकता है। आमतौर पर सर्दियों और पतझड़ के मौसम में इस तरह की समस्या ज्यादा होती है। सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर को कई बार विंटर डिप्रेशन के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके लक्षण पतझड़ के अंत में नजर आने लगते हैं, जो कि सर्दियों के मौसम तक जारी रहते हैं। माना जाता है कि लाइट एक्सपोजर में हो रहे बदलाव के कारण शरीर की इंटरनल बॉडी क्लॉक इफेक्टेड होती है, जो कि मूड रेगुलेटिंग न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित कर सकता है।
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सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षण- Symptoms Of Seasonal Affective Disorder Or SAD
जैसा कि हमने अमरीन की केस स्टडी में देखा कि वह अक्सर उदासीन और डिप्रेस्ड रहने लगी थी। पूरा-पूरा दिन उसे सिर्फ सोना पसंद आता था। फिजिकल एक्टिविटी में कमी के कारण उसका वजन भी बढ़ने लगा था। SAD के अन्य लक्षणों की बात करें, तो वे इस प्रकार हैं-
- मन उदास रहना
- चीजों में रुचि खत्म हो जाना
- चिड़चिड़ापन महसूस करना
- नींद के पैटर्न में बदलाव होना
- भूख न लगना
- अक्सर थकान महसूस करना और एनर्जी का स्तर कम होना
- लोगों से अलग-थलग रहना
- कंसंट्रेट करने में मुश्किल होना
- निराशा से घिर जाना
सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर का कारण- Causes Of Seasonal Affective Disorder Or SAD
अमरीन के साथ ऐसा क्यों हुआ, यह कह पाना कठिन है। वह एकेडेमिकली अच्छी छात्रा है। पढ़ने-लिखने में उसे रुचि है। फिर भी मौसम बदलते ही उसकी लाइफस्टाइल बदलने लगी, जिसने उसके रोजमर्रा के इंट्रेस्ट को भी कम कर दिया। इसी तरह, विशेषज्ञों की मानें, तो सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर के कारणों को पूरी तरह से समझा नहीं गया है, इन वजहों से हो सकती है यह समस्या:
- लाइट का एक्सपोजर कम होना
- आनुवांशिकी और पारिवारिक इतिहास होना यानी घर में पहले किसी सदस्य को यह समस्या होना
- सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हार्मोंस में असंतुलन या बदलाव आसपास के माहौल में बदलाव
सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर का इलाज कैसे किया जाता है?- Treatment Of Seasonal Affective Disorder Or SAD
अमरीन के केस में डॉ. प्रेरणा कोहली ने उनकी लाइफस्टाइल में अच्छे बदलाव करने की सलाह दी थी और पर्सनल कांउसलिंग की। इसके अलावा, कुछ स्ट्रैटेजी बनाने में मदद की। साथ ही, ट्रीटमेंट प्लान को कस्टमाइज किया गया, ताकि अमरीन की लाइफ को नए सिरे से मोडिफाई किया जा सके और वह उदासीनता या डिप्रेशन से बाहर निकल सके। इसी तरह, कुछ अन्य विकल्पों को भी आप आजमा सकते हैं, जैसे-
- लाइट थेरेपी की मदद से सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर से बाहर निकला जा सकता है।
- कुछ मामलों में एंटीडिप्रेसेंट जैसी दवाईयां दी जाती हैं।
- साइकोथेरेपी की मदद से भी सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर का ट्रीटमेंट किया जाता है।
- रेगुलर एक्सरसाइज और बैलेंस्ड डाइट की मदद से भी मरीज सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर से बाहर निकल सकता है। साथ ही, स्ट्रेस को मैनज करके लक्षणों को कम किया जा सकता है।
- कुछ मरीजों को विटामिन-डी की खुराक से सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर से उबरने में मदद मिलती है।
सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर के मरीजों की मदद कैसे करें?- How To Help Someone With Seasonal Affective Disorder Or SAD
अगर आपके घर में किसी व्यक्ति को सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर है, तो उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें।
- मरीज को प्रोफेशनल हेल्प लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
- अपने करीबी व्यक्ति को आप लाइट थेरेपी लेने के लिए मोटिवेट कर सकते हैं।
- व्यक्ति के साथ आप ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। ऐसे मरीज जितना अलग रहते हैं, उनका मन उतना बोझिल रहता है।
- मरीज के लक्षणों पर नजर रखना न भूलें। जैसे ही स्थिति बिगड़े, उन्हें तुरंत एक्सपर्ट के पास ले जाएं।
अमरीन की तरह अगर आपके घर में भी ऐसा कोई है, जिसे सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर है, तो आप उसे तुरंत एक्सपर्ट के पास ले जाएं। इस लेख में हम ’सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर’ से जुड़ी जरूरी जानकारी देने की कोशिश की है। अगर फिर भी आपके मन में कोई सवाल रह गए हैं, तो हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com में 'Seasonal Affective Disorder' से जुड़े दूसरे लेख पढ़ें या हमारे सोशल प्लेटफार्म से जुड़ें।
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