Repetitive Strain Injury in Hindi: कंप्यूटर, लैपटॉप और गैजेट्स के इस्तेमाल से भले ही हमारे रोज के काम आसान हो जाते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल सेहत को गंभीर नुकसान भी पहुंचाता है। देर तक कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल समेत तमाम तरह के डिजिटल गैजेट्स पर काम करने की वजह से लोगों को पोश्चर से जुड़ी परेशानियों समेत कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लगातार घंटों तक बैठकर काम करने वाले लोगों को इन समस्याओं का ज्यादा खतरा रहता है। उंगलियों में दर्द, कलाई में मोच, अंगूठे का सही से काम न करना और गर्दन व कमर में दर्द जैसी समस्याएं कंप्यूटर और लैपटॉप पर घंटों तक काम करने से होती हैं। कंप्यूटर, लैपटॉप और गैजेट्स पर घंटों काम करने की वजह से होने वाली परेशानियों को 'रिपिटेटिव स्ट्रेन इंजरी (Repetitive Strain Injury)' कहते हैं। कई बार लोग इन परेशानियों के लक्षण पहचान नहीं पाते हैं और गंभीर रूप से इनका शिकार हो जाते हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं रिपिटेटिव स्ट्रेन इंजरी के बारे में।
रिपिटेटिव स्ट्रेन इंजरी क्या है?- What is Repetitive Strain Injury in Hindi
लंबे समय तक कंप्यूटर, लैपटॉप और तमाम गैजेट्स पर काम करने से आपकी उंगलियों और कलाई आदि में झटके लगते हैं। ऐसे लोग जो ज्यादा समय तक टाइपिंग करते हैं, उन्हें इसका खतरा ज्यादा रहता है। कई बार इसकी वजह से होने वाली चोट के लक्षण उभरकर सामने आटे हैं, तो कुछ लोगों में इसकी चोट का असर नहीं दिखता है। यह स्थिति बहुत गंभीर और नुकसानदायक मानी जाती है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि, "कंप्यूटर और लैपटॉप आदि पर घंटों तक काम करने की वजह से एक ही मूवमेंट बार-बार करना पड़ता है। इसकी वजह से मांसपेशियों और मांसपेशियों को हड्डी से जोड़ने वाले टेंडन को चोट लगती है। इस स्थिति को ही रिपिटेटिव स्ट्रेन इंजरी कहते हैं।
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रिपिटेटिव स्ट्रेन इंजरी के लक्षण- Repetitive Strain Injury Symptoms in Hindi
रिपिटेटिव स्ट्रेन इंजरी की वजह से आपको हाथ, गर्दन और कंधों में दर्द की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से आपकी मांसपेशियों को भी नुकसान पहुंचता है, जिसकी वजह से मांसपेशियों में अकड़न का सामना करना पड़ सकता है। रिपिटेटिव स्ट्रेन इंजरी के मुख्य लक्षण इस तरह से हैं-
- कोहनी, कलाई और कंधे में दर्द
- गर्दन में दर्द और अकड़न की समस्या
- मूवमेंट करने में दिक्कत
- जोड़ों और हाथ, गर्दन और कंधे की मांसपेशियों में दर्द
- हाथ की उंगलियों में दर्द और अकड़न
रिपिटेटिव स्ट्रेन इंजरी का इलाज और बचाव- Repetitive Strain Injury Treatment And Prevention in Hindi
रिपिटेटिव स्ट्रेन इंजरी की वजह से गंभीर नुकसान होने पर मरीज को दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है और कुछ थेरेपी से भी गुजरना पड़ता है। ऐसे लोग जो गंभीर रूप से इस समस्या का शिकार हो जाते हैं, उन्हें सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है। रिपिटेटिव स्ट्रेन इंजरी से बचाव के लिए कंप्यूटर या लैपटॉप समेत डिजिटल गैजेट्स पर काम करते समस्या कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए। कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते समय स्क्रीन और आंखों का लेवल एक रखें। इसके अलावा कंप्यूटर से बहुत जयादा दूरी पर बैठने से बचें।
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यही नहीं अगर आपका काम लंबे समय तक टाइपिंग करने का है, तो ध्यान रखें कि इस दौरान आपकी दोनों कोहनी टेबल पर टिकी हों। एक घंटे से ज्यादा बैठकर काम करने से बचें, इसके लिए हर घंटे बाद 5 मिनट का ब्रेक लें और काम करते समय अपने पोश्चर का विशेष ध्यान दें। बहुत ज्यादा झुककर या ऊंचाई पर बैठकर काम करने से इस समस्या का शिकार हो सकते हैं।
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