हर साल 8 जून को ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है इसका उद्देश्य है लोगों का ब्रेन ट्यूमर के बारे में जानकारी देना। ब्रेन ट्यूमर एक जानलेवा रोग है जिसके होने से दिमाग में ट्यूमर बनना शुरू हो जाता है। अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो ये कैंसर जानलेवा साबित हो सकता है। दिमाग में कैंसर का पता लगाने के लिए पीईटी स्कैन टेस्ट किया जाता है। पीईटी टेस्ट से पहले रेडियोएक्टिव दवा दी जाती है जिसके बाद ब्रेन के सामान्य और असामान्य फंक्शन दोनों नजर आते हैं। जब अन्य इमेजिंग टेस्ट जैसे एमआरआई या सीटी स्कैन से कुछ पता नहीं चलता है तब ब्रेन पीईटी टेस्ट किया जाता है। इस लेख में हम ब्रेन ट्यूमर का पता लगाने के लिए किए जाने वाले पीईटी टेस्ट के बारे में जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
पीईटी टेस्ट क्या होता है? (What is Brain PET scan test in hindi)
ब्रेन में बदलाव या ट्यूमर का पता लगाने के लिए किया जाने वाला टेस्ट पीईटी टेस्ट कहलाता है। इस टेस्ट को पोजिशन एमिशन टोमोग्राफी स्कैन टेस्ट भी कहा जाता है। पीईटी एक तरह का इमेजिंग टेस्ट है जो किसी भी व्यक्ति के ब्रेन में ट्यूमर या कैंसर का पता लगाने में मदद करते हैं। ब्रेन कैसे फंक्शन करता है इसे समझने के लिए भी इस टेस्ट की मदद ली जाती है।
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पीईटी स्कैन टेस्ट कैसे काम करता है? (PET positron emission tomography)
पीईटी टेस्ट की मदद से ये पता लगाया जा सकता है कि ट्रीटमेंट करवाने के बाद ट्यूमर्स के टिशूज कहांं तक बचे हुए हैं। अगर डॉक्टर को लगता है कि ब्रेन ट्यूमर कैंसर का कारण बन सकता है या फिर ट्यूमर शरीर के बाकि हिस्सों में फैल रहा है तो डॉक्टर पीईटी टेस्ट करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा आपको बता दें कि पीईटी टेस्ट की मदद से तेजी से बढ़ रहे ट्यूमर्स का पता भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा पीईटी टेस्ट की मदद से ये भी पता लगाया जाता है कि कैंसर कहां से बनना शुरू हुआ है।
ब्रेन पीईटी स्कैन कैसे किया जाता है?
डॉक्टर पीईटी मशीन की मदद से मरीज के ब्रेन को स्कैन करते हैं उसके लिए मरीज के हाथ पर इंटरवीनस कैथेटर की मदद से डाई को नस में इंजेक्ट किया जाता है। स्कैन की मदद से ब्रेन की गतिविधि को स्टोर किया जाता है।
ब्रेन पीईटी स्कैन क्यों किया जाता है?
इन टेस्ट के जरिए डॉक्टर को ब्रेन के शेप, काम करने का तरीका, ब्रेन का साइज आदि जानकारी मिलती है। मुख्य रूप से पीईटी टेस्ट को ब्रेन कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इससे ये भी जानकारी मिलती है कि कैंसर ब्रेन के कितने हिस्से में फैला है। अल्जाइमर या डिमेंशिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए भी पीईटी टेस्ट किया जाता है। पार्किंसंस डिजीज या मिर्गी के इलाज में भी डॉक्टर ब्रेन पीईटी टेस्ट को करवाने की सलाह देते हैं।
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पीईटी टेस्ट की कीमत
अगर पीईटी टेस्ट की लागत की बात करें तो इसकी कीमत करीब 9 से 12 हजार रूपए तक हो सकती है। टेस्ट की मदद से कई बीमारियों का पता लगाया जा सकता है जैसे ब्रेन ट्यूमर, स्तन संबंधी शिकायत, सरवाइकल, सिर या गर्दन ममें समस्या, फेफड़ों से जुड़े रोग, प्रोस्टेट का पता लगाने के लिए, त्वचा के संक्रमण का पता लगाने के लिए, थायराइड का पता लगाने के लिए इस टेस्ट को किया जाता है।
ब्रेन में ट्यूमर का पता लगाने के लिए डॉक्टर न्यूरोलॉजिकल टेस्ट, इमेजिंंग टेस्ट, सीटी स्कैन, एंजियोग्राफी, न्यूक्लियर मेडिसिन बोन स्कैन, बायोप्सी आदि भी करवा सकते हैं।