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Night Eating Syndrome: नाइट ईटिंग सिंड्रोम क्यों होता है? 32 वर्षीय रितु की केस स्टडी से समझें इस बीमारी को

What Is Night Eating Syndrome In Hindi: नाइट ईटिंग सिंड्रोम होने पर मरीज लेट नाइट ओवर ईटिंग करता है, जिससे उसे अपराधबोध होने लगता है।
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Night Eating Syndrome: नाइट ईटिंग सिंड्रोम क्यों होता है? 32 वर्षीय रितु की केस स्टडी से समझें इस बीमारी को

What Is Night Eating Syndrome In Hindi: 32 वर्षीय मार्केटिंग एक्जिक्यूटिव रितु पिछले कई सालों नाइट ईटिंग सिंड्रोम से गुजर रही है। हालांकि, उसे इसके बारे में पता नहीं था। क्योंकि वह अपनी सिचुएशन को सही तरह से समझ नहीं पा रही थी। वह अक्सर रात को लेटनाइट तक जगती थी और देर रात बहुत ज्यादा ओवर ईटिंग कर बैठती थी। वह जानती थी कि ऐसा करने उसकी हेल्थ के लिए सही नहीं है। इसके बावजूद, वह खुद को रोक नहीं पाती थी। वहीं, सुबह के समय वह खाना खाने से बचती थी। इस तरह, उसकी हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ रहा था। अपनी सिचुएशन से डील करने के लिए वह साइकोलॉजिस्ट प्रेरणा कोहली के पास पहुंची कि आखिर उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा हैं। वहां जाकर पता चला कि वह डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसी मेंटल हेल्थ इश्यूज से गुजर रही है। यहां तक कि पहले भी वह टेंशन या स्ट्रेस से निपटने के लिए ओवर ईटिंग करती रही है। अब यही सिचुएशन नाइट ईटिंग सिंड्रोम में बदल गई है।

रितु की यह केस स्टडी हमारे साथ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और माइंडट्राइब की फाउंडर डॉ. प्रेरणा कोहली ने शेयर की है। लंबे समय से वह रितु का इलाज कर रही हैं। ट्रीटमेंट के दौरान उन्हें पता चला कि रितु नाइट ईटिंग सिंड्रोम का शिकार है। 

ओनलीमायहेल्थ ऐसे मानसिक विकारों और रोगों की बेहतर तरीके से समझने के लिए ‘मेंटल हेल्थ मैटर्स’ नाम से एक विशेष सीरीज चला रहा है। इस सीरीज में हम तरह-तरह के मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर पर कंप्लीट जानकारी देने की कोशिश करते हैं। इसके तहत, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज के संबंध में जरूरी जानकारी विस्तार से दे रहे हैं। इस सीरीज में हम ‘नाइट ईटिंग सिंड्रोम’ के बारे में बताने जा रहे हैं।

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What Is Night Eating Syndrome In Hindi

क्या है नाइट ईटिंग सिंड्रोम- What Is Night Eating Syndrome In Hindi

नाइट ईटिंग सिंड्रोम (एनईएस) होने के दौरान मरीज के खानपान का पैटर्न पूरी तरह बदल जाता है। मरीज अक्सर रात के समय बहुत ज्यादा खाना लेता है, पेट भरे होने के बावजूद वह खुद को खाने से रोक नहीं पाता है। यहां तक कि कई बार नाइट ईटिंग सिंड्रोम के मरीज देर रात सिर्फ खाने के लिए जागते हैं।

नाइट ईटिंग सिंड्रोम के लक्षण- Symptoms Of Night Eating Syndrome In Hindi

What Is Night Eating Syndrome In Hindi

जैसा कि रितु के मामले में देखा जाता है कि वह अक्सर देर रात तक जगती थी और ओवर ईटिंग कर बैठती है। विशेषज्ञों की मानें, तो नाइट ईटिंग सिंड्रोम के मरीज में इसी तरह के कुछ लक्षण देखने को मिलते हैं, जैसे-

रात के समय खानाः नाइट ईटिंग सिंड्रोम से पीड़ित लोगों को अक्सर शाम और रात के समय खाने की तीव्र इच्छा होती। इसके चलते वे रात को बहुत ज्यादा खाना खा लेते हैं। पेट भरे होने के बावजूद, वे खुद को खाने से रोक नहीं पाते हैं।

सुबह भूख न लगनाः नाइट ईटिंग सिंड्रोम होने पर व्यक्ति रात को इतना ज्यादा खाना खा लेता है, जिसके कारण नाश्ता छोड़ देता है।

भावनात्मक संकटः नाइट ईटिंग सिंड्रोम अक्सर उन लोगों को होता है, जो भावनात्मक रूप से अंदर तक खोखले हो जाते हैं। ऐसे लोग रात को ओवर ईटिंग करने के बाद गिल्ट में आ जाते हैं और अपनी हेल्थ लेकर टेंशन में रहते हें।

खाने के बारे में जागरूक होते हैंः नाइट ईटिंग सिंड्रोम से पीड़ित लोग अपनी समस्या के बारे में जानते हैं। उनहें पता होता कि उन्हें अपने डाइट पैटर्न में सुधार की जरूरत है। इसके बावजूद, वे खुद को रोक नहीं पाते हैं और इससे परेशान रहते हैं।

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नाइट ईटिंग सिंड्रोम का कारण- Causes Of Night Eating Syndrome In Hindi

What Is Night Eating Syndrome In Hindi

रितु की बात करें, तो वह लंबे समय से इमोशनल ट्रॉमा से गुजर रही थी। उसकी हिस्ट्री की ओर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि वह पहले भी मेंटल हेल्थ कंडीशन से गुजर चुकी थी। हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि आखिर नाइट ईटिंग सिंड्रोम क्यों होता है। इसके बावजूद, विशेषज्ञों ने कुछ बातों को चिन्हित किया है, वे इस प्रकार हैं-

  • आनुवांशिकः नाइट ईटिंग सिंड्रोम अगर पहले परिवार के किसी सदस्य को हुआ है, तो संभवतः भावी पीढ़ी को भी यह समस्या हो।
  • मेंटल हेल्थः नाइट ईटिंग सिंड्रोम से पीड़ित कई लोगों किसी न किसी तरह की मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर से गुजर रहे होते हैं। इनमें डिप्रेशन या स्ट्रेस जैसी बीमारियां शामिल हैं।
  • bनाइट ईटिंग सिंड्रोम वाले लोग अक्सर दूसरे किसी बीमारी से पीड़ित होते हैं या फिर किसी नशीले पदार्थ के आदी होते हैं। इस तरह के लोगों में भी नाइट ईटिंग सिंड्रोम के लक्षण देखने को मिलते हैं।
  • डे-डाइटिंगः अगर कोई व्यक्ति डाइटिंग के लिए दिन के समय कम खाता है, तो रात तक उनमें खाने की क्रेविंग बढ़ जाती है। इस तरह के लोग अक्सर नाइट ईटिंग सिंड्रोम का शिकार हो जाते हैं।

नाइट ईटिंग सिंड्रोम का ट्रीटमेंट- Treatment Of Night Eating Syndrome In Hindi

रितु के केस में वह साइकोलॉजिस्ट डॉ. प्रेरणा कोहली से मिलीं। उनके साथ  कई सेशंस लिए, जिसमें काउंसलिंग से लेकर स्ट्रेस से निपटने के तरीके और डाइट पैटर्न में बदलाव करना शामिल था। इसी तरह इसके अन्य ट्रीटमेंट में निम्न बातें शामिल हैं-

  • नाइट ईटिंग सिंड्रोम को कंट्रोल करने के लिए लाइफस्टाइल को मैनेज करने की कोशिश की जाती है। इसके लिए विशेषज्ञ मरीज की मदद करते हैं।
  • नाइट ईटिंग सिंड्रोम को कंट्रोल करने के लिए डाइटिशियन या न्यूट्रिशनिस्ट की मदद लेना बहुत जरूरी होता है। वे डाइट पैटर्न तैयार करते हैं, जिसे मरीज को फॉलो करना होता है।
  • कुछ मामलों में यह भी देखा जाता है कि नाइट ईटिंग सिंड्रोम के मरीज सिर्फ काउंसलिंग की मदद से पूरी तरह रिकवर नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें दवाईयां दी जाती हैं, ताकि उनके लक्षणों को कम किया जा सके।
  • लाइफस्टाइल में बदलाव करना, नाइट ईटिंग सिंड्रोम से निपटने के लिए पहला कदम होता है। विशेषज्ञ मरीज की लाइफस्टाइल में हेल्दी चीजों को शामिल करते हैं। यहां तक कि सोने और खाने के समय को निर्धारित करते हैं।

नाइट ईटिंग सिंड्रोम के मरीज की मदद कैसे करें- How To Help Someone With Night Eating Syndrome In Hindi

अगर आपके घर में कोई ऐसा व्यक्ति है, जो नाइट ईटिंग सिंड्रोम का शिकार है। ऐसी स्थिति में आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए। इसके उलट, उनकी ओर मदद का हाथ बढ़ाना चाहिए। सवाल है, ऐसे में आप क्या कर सकते हैं? इस संबंध में दिए जा रहे हैं जरूरी टिप्स-

  • सबसे पहले प्रोफेशनल की हेल्प लें। नाइट ईटिंग सिंड्रोम के मरीज को अकेले हैंडल नहीं किया जा सकता है। उनके डाइट पैटर्न को बदलना भी आसान नहीं है। इसलिए एक्सपर्ट की मदद लेने से हिचकिचाए नहीं।
  • नाइट ईटिंग सिंड्रोम के मरीज को कभी भी जज न करें, यानी उनकी आदत को लेकर उनका मजाक न उड़ाएं। इससे वे अपराधबोध से भर जांएगे, साथ ही दूसरों से कटने लगेंगे।
  • उनकी हर बात को ध्यान से सुनें। कभी भी बीच में उनकी बात को न काटें।
  • हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतें अपनाने के लिए आप उनकी मदद करें।

रितु की तरह अगर आपके घर में भी ऐसा कोई है, जिसे नाइट ईटिंग सिंड्रोम है, वह देर रात उठकर ओवर ईटिंग कर बैठता है और ऐसा करने से खुद को रोक भी नहीं पता है, उसे लेकर तुरंत एक्सपर्ट के पास जाएं। इस लेख में हमने ‘नाइट ईटिंग सिंड्रोम’ से जुड़ी सभी जानकारी देने की कोशिश की है। अगर फिर भी आपके मन में कोई सवाल रह गए हैं, तो हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com में 'Nigt Eating Syndrom’ से जुड़े दूसरे लेख पढ़ें या हमारे सोशल प्लेटफार्म से जुड़ें।

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