क्या होता है लो-ग्रेड डिप्रेशन? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

लो-ग्रेड डिप्रेशन के कारण आपका मन हमेशा उदास और चिंतित रहता है। साथ ही इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
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क्या होता है लो-ग्रेड डिप्रेशन? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग कई तरह की परेशानियों से गुजर रहे होते हैं। इसी वजह से लोगों में डिप्रेशन की समस्या बहुत अधिक देखने को मिलती है। डिप्रेशन में लोग खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं। खुद को एक जगह पर रोक लेते हैं और कोई बात उन्हें बार-बार परेशानी कर रही होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि डिप्रेशन के भी कई प्रकार होते हैं। जैसे डिप्रेशन माइल्ड और लो- ग्रेड भी होता है। जो लोग डिप्रेशन में होते हैं, उन्हें कई बार इस बात का पता भी नहीं चलता है। दरअसल अक्सर लोग अपनी डेली लाइफ में उदासी महसूस करना, मूड सही न होना जैसी भावनाओं से गुजरते हैं लेकिन आमतौर लोग इसे नॉर्मल मानते हैं। हालांकि कभी-कभी उदासी महसूस करना तो ठीक है लेकिन अगर यह आपके साथ नियमित रूप से होता है तो, आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या होता है लो-ग्रेड डिप्रेशन (What is Low Grade Depression)

लो-ग्रेड डिप्रेशन अवसाद का ऐसा प्रकार है, जिसमें ज्यदातर लोगों को यह पता ही नहीं चलता है कि उन्हें कोई समस्या है या वे परेशान हैं। ज्यादातर लोग मूड खराब रहना या उदास रहना को अपना स्वभाव या वे इस मूड के अभ्यस्त हो जाते हैं। ऐसे में उनके लिए ये समझ पाना की उन्हें कोई परेशानी है काफी मुश्किल हो जाता है। लेकिन उनके लिए ये समस्या काफी गंभीर हो सकती है। इससे आपका दैनिक काम तो प्रभावित होता ही है। साथ ही लो-ग्रेड डिप्रेशन की वजह से धीरे-धीरे आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। लोग-ग्रेड डिप्रेशन डिस्थीमिया के नाम से भी जाना जाता है। कई मामलों में इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं होता है। इसके लिए आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

LOW-GRADE-DEPRESSION

Image Credit- Additude

लो-ग्रेड डिप्रेशन के लक्षण (Symptoms of Low Grade Depression)

1. बहुत कम या ज्यादा सोना

2. लगातार थकान महसूस करना

3. आत्मविश्वास में कमी

4. मन में नकारात्मक ख्याल आना या मूड में उतार चढ़ाव आना

5. किसी भी काम में मन न लगना

6. अकेलापन या निराश महसूस करना

7. एकाग्रता या बेचैनी 

8. निर्णय लेने में कठिनाई महसूस करना

9. बहुत ज्यादा या कम खाना 

10. वजन बहुत कम या ज्यादा होना

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डिप्रेशन के प्रकार (Types of Depression)

1. क्लीनिकल डिप्रेसिव डिसऑर्डर 

यह अवसाद का सबसे गंभीर रूप है। इसके कुछ खास लक्षण होते हैं, जैसे उदासी महसूस करना, रोजमर्रा के कामों के प्रति उदासी महसूस करना, बिना कारण वजन बढ़ना या घटना, बहुत अधिक सोना या कम नींद में कमी, सोचने की क्षमता और एकाग्रता में कमी और आत्महत्या करने जैसे विचार आना। इस डिसऑर्डर में आपको अपने घरवालों और दोस्तों से बात करना चाहिए, बाहर घुमने जाना चाहिए और अगर आप इससे फिर भी बाहर नहीं निकाल पा रहे हैं तो, आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

2. डिप्रेसिव डिसऑर्डर का लगातार बने रहना

एक व्यक्ति जिसमें लगातार होने वाले डिप्रेसिव डिसऑर्डर का पता चलता है, उसमें थोड़े समय बाद लक्षण गंभीर हो सकते हैं और ये मेजर डिप्रेशन का कारण बन सकता है। ये आपको दो वर्ष तक नजर आ सकते हैं। इसलिए कई थेरेपी के माध्यम से आप इसे ठीक कर सकते हैं।

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Image Credit- Freepik

3. सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर 

डिप्रेशन में लोग सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर से भी ग्रसित हो सकते हैं। यह सर्दियों में धूप की कमी के कारण हो सकता है या फिर बारिश के मौसम में भी काफी लोग उदासी या चिंता महसूस करते हैं। यह सीजनल होता है और थोड़े समय में ये ठीक भी हो सकता है।

4. पोस्टपार्टम डिप्रेशन

बच्चे के जन्म देने के बाद कई महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है। पोस्टपार्टम डिप्रेशन को पेरीनैटल डिप्रेशन भी कहते हैं। अवसाद के इस रूप के पीछे प्रमुख कारण हार्मोनल परिवर्तन हो सकता है। यदि आप प्रसव के बाद महीनों के लिए पोस्टपार्टम डिप्रेशन का अनुभव करती हैं, तो किसी अच्छे साइकोलॉजिस्ट से जरूर संपर्क करना चाहिए। साथ ही खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए।

5. मेजर डिप्रेशन

लो-ग्रेड डिप्रेशन की तुलना में मेजर डिप्रेशन अधिक गंभीर होता है। मेजर डिप्रेशन से ग्रस्त लोगों में आत्महत्या के विचार का अनुभव होता है। इसलिए माइल्ड डिप्रेशन को जल्द से जल्द ठीक करने की जरूरत होती है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो स्थिति गंभीर हो सकती है।इस स्थिति में लोग खुद को बहुत अकेला महसूस करते हैं। साथ ही पीड़ित व्यक्ति का आत्मविश्वास बिल्कुल टूट जाता है।

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लो- ग्रेड डिप्रेशन ठीक कैसे करें (Treatment of Low Grade Depression)

लो-ग्रेड डिप्रेशन के उपचार के लिए आपको सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके लिए आप सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई) जैसे एंटीडिप्रेसेंट लेना अच्छा माना जाता है। इसके अलावा आप डॉक थेरेपी भी ले सकते हैं। साथ ही आप साइकोथेरेपी, लाइट थेरेपी और वैकल्पिक थेरेपी अपना सकते हैं। इसके अलावा आप एक अच्छी जीवनशैली अपनाकर भी खुद को लो-ग्रेड डिप्रेशन से निकालने की कोशिश कर सकते हैं।

1. रोज सुबह उठकर अपने लिए एक लक्षय निर्धारित करें और उसे पाने की कोशिश करें।

2. सुबह-शाम अच्छे से 30 मिनट एक्सरसाइज करें। योग-ध्यान करें।

3. नशीले पदार्थों और दवाओं का सेवन करने से बचें। इससे आपको काफी नुकसान हो सकता है।

4. सेहत से भरपूर भोजन करने की कोशिश करें।

5. अच्छे से पूरी नींद लें और मनपंसद काम करने की कोशिश करें।

6. साथ ही अपने दोस्त और परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताने पर ध्यान दें।

7. डॉक्टर की सलाह पर जरूर अमल करें और दवा की कोर्स भी पूरा करना चाहिए। 

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