मस्सा (वार्ट्स) त्वचा पर छोटे-छोटे घाव जैसा होता है। यह मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण होता है। वार्ट्स संक्रामक होते हैं और आसानी से शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल सकता है। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे की त्वचा खूबसूरत और बेदाग दिखे लेकिन वार्ट्स के कारण स्किन खराब दिखाई देती है। कभी-कभी ये कष्टदायी भी होते हैं। वार्ट्स बच्चों में भी आसानी से हो सकती है। बच्चों में वार्ट्स उनके हाथों, पैरों और उंगलियों पर हो सकते हैं। इसके अलावा यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। इसके इलाज के लिए आपके इसके कारण, प्रकार और लक्षण समझने की जरूरत है।
बच्चों में वार्ट्स के कारण (Cause of wart in kids)
1. हालांकि बच्चों में वार्ट्स गंभीर नहीं होते हैं लेकिन ये कई कारणों से हो सकते हैं। अगर किसी परिवार के सदस्यों को वार्ट्स हो, तो इससे भी बच्चे को मस्सा होने की आशंका हो सकती है।
2. इसके अलावा कुर्सी, बर्तन या ऐसा कपड़ा, जो लगातार संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहा हो, उससे भी बच्चों में वार्ट्स हो सकता है।
3. ज्यादातर बच्चों को अपनी उंगलियां या नाखून चबाने की आदत होती है। इससे भी वायरस पनपने की संभावना होती है।
4. अगर मां को जेनिटल वार्ट्स हो, तो डिलवरी के दौरान ये बच्चे में भी फैल सकता है।
5. अगर आपके बच्चे के शरीर में पहले से वार्ट्स है और वह उसे लगातार हिलाता-छेड़ता है, तो इससे भी यह शरीर के दूसरे हिस्सों में हो सकता है।
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बच्चों में वार्ट्स के लक्षण (Symptoms of Wart in Kids)
यह शरीर में पहले खुरदरी, ऊंची-नीची और फूली हुई सतह के रूप में दिखाई देता है। अगर आप भी अपने बच्चे के स्किन में ऐसा टेक्सचर देखती हैं, तो ये वार्ट हो सकता है। ये अक्सर चेहरे, गर्दन, पैरों और उंगलियों वाले हिस्सें पर होती है। यह कभी-कभी दर्दनाक भी हो सकते हैं। अगर आपके बच्चे का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है, तो यह पूरे शरीर में आसानी से फैल सकता है।
बच्चों में वार्ट के प्रकार (Types of Wart in Kids)
1. सामान्य वार्ट
इन मस्सों की सतह खुरदरी होती है और ये भूरे-पीले रंग के दिखाई देते हैं। सामान्य मस्से उंगलियों, कोहनी, पैरों और बच्चों के चेहरे पर होते हैं।
2. पालमार और प्लांटर वार्ट्स
ये वार्ट्स तलवों वाले हिस्से में होते हैं। आमतौर पर ये हाथ की हथेलियों और पैरों के तलवे में होते हैं। ये वार्ट्स दर्दनाक हो सकते हैं और बच्चों को चलने या खाने में भी परेशानी हो सकती है।
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3. फ्लैट वार्ट्स
ये मस्से आकार में छोटे होते हैं और चिकनी त्वचा में होते हैं। ये अक्सर चेहरे पर पाए जाते हैं लेकिन ये शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकते हैं।
4. फिलीफॉर्म वार्ट्स
ये छोटे मस्से होते हैं, जो त्वचा से उभरे हुए कांटों की तरह दिखाई देते हैं। ये आमतौर पर बच्चों की पलकों, होंठ, चेहरे और गर्दन पर नजर आते हैं।
5. पेरियंगुल वार्ट्स
ये मोटे मस्से होते हैं, जो ज्यादातर नाखूनों के आसपास वाली त्वचा पर दिखाई देता है। त्वचा में होने वाले ये वार्ट्स काफी दर्दनाक होते हैं।
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बच्चों में वार्ट्स का इलाज (Treatment of Wart in Kids)
अगर आप लंबे समय तक वार्ट्स का इलाज नहीं करते हैं, तो ये बच्चे के पूरे शरीर में फैल सकता है। इसके अलावा पेरियुंगुअल वार्ट्स बच्चों के लिए काफी खतरनाक और कष्टदायी साबित हो सकता है। इसलिए समय रहते बच्चों के वार्ट्स का इलाज करा देना चाहिए।
1. मस्से के इलाज के लिए आप सैलिसिलिक एसिड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2. इसके अलावा लिक्विड नाइट्रोजन की मदद से मस्से को फ्रिज कर सकते हैं ताकि वह अन्य जगहों पर भी न फैले।
3. इलेक्ट्रोकॉटरी की मदद से मस्से को जलाना या काटना
4. मस्से को छांटना या कांटना
लेकिन इनमें से सबसे अच्छा उपाय ये है कि आप अपने बच्चे में वार्ट्स के लक्षण देखते हैं तो, बिना देर किए बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं और डॉक्टरी सलाह के अनुसार उसका इलाज करवाएं।
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वार्ट्स का घरेलू उपचार (Home remedies of wart for kids)
1. सैलिसिलिक एसिड
सैलिसिलिक एसिड की मदद से आप मस्से को हटा सकते हैं। इसके लिए आप मस्से वाले हिस्से को पांच मिनट गर्म पानी में रखें। इसके बाद सूती कपड़े से मस्से के ऊपर वाले हिस्से को रगड़कर साफ कर दें। इसके बाद मस्से वाले हिस्से को सूखा दें। अब उसपर सैलिसिलिक एसिड के कुछ बूंदे लगाएं। हालांकि ध्यान रखें कि सैलिसिलिक एसिड केवल मस्से वाली जगह पर ही लगाएं। इसके अलावा आप जलन कम करने के लिए पेट्रोलियम जेली लगा सकते हैं। फिर इस पर एक पट्टी लगा दें और अगले दिन पर यह पूरी प्रक्रिया फिर से दोहराएं, जब तक मस्सा खत्म न हो जाए। ध्यान रहे कि सैलिसिलिक एसिड का 12 सप्ताह से ज्यादा इस्तेमाल न करें।
2. डक्ट टेप
डक्ट टेप का टुकड़ा लें, जिससे मस्सा अच्छे से ढक जाए। डक्ट टेप मस्से पर छह दिनों तक लगाकर रखें। फिर डक्ट टेप निकालने के बाद गर्म पानी में मस्से वाले हिस्से को डाले। इसके बाद मस्से वाली जगह को रातभर खुला छोड़ दें। इस तरह से आप आठ सप्ताह तक ये काम कर सकते हैं।
3. फ्रेऑन या प्रोपेन बेस्ड ओवर द काउंटर दवा
ये दवाएं वार्ट्स को फ्रिज करने का काम करती हैं। इससे वार्ट्स बनाने वाली स्किन सेल्स का विकास रूक जाता है। वार्ट्स के इलाज के लिए सैलिसिलिक एसिड की तुलना में ये तरीका ज्यादा कारगर है।
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सावधानियां
बच्चों को वार्ट्स से बचाने के लिए उनके आसपास साफ-सफाई रखें। अगर घर के किसी व्यक्ति को नियमित रूप से वार्ट्स होते हैं, तो ध्यान रखें कि वे बच्चे को छूने से पहले अच्छे से हाथ धोएं। ऐसे लोग जिन चीजों को बार-बार हाथ लगाते हैं, उन चीजों के संपर्क में आने से बच्चे को बचाएं। बच्चे का तौलिया किसी को इस्तेमाल न करने दें। हालांकि वार्ट्स का मेडिकली कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन इससे बच्चे को काफी तकलीफ हो सकती है।