शरीर के हर अंग का स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। बात अगर सिर्फ आपके दिल के स्वास्थ्य की करें, तो आपके दिल का स्वास्थ्य का ठीक रहना जीवत रहने के लिए बेहद जरूरी है। एंडोकार्डिटिस (Endocarditis) दिल से जुड़ी एक ऐसी ही खतरनाक बीमारी है, जो कि आपके दिल और उससे जुड़े अंगों को नुकसान पहुंचाता है। इसमें आमतौर पर दिल के भीतरी परत और वाल्व में इंफेक्शन यानी कि संक्रमण की परेशानी हो जाती है। इस बीमारी, इसके कारण और लक्षणों को जानने के लिए हमने डॉ. नीरज भल्ला (Dr.Neeraj Bhalla)वरिष्ठ निदेशक कार्डियलजी, बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से बात की। तो, आइए सबसे पहले जानते हैं कि क्या है एंडोकार्डिटिस (Endocarditis)?
क्या है एंडोकार्डिटिस (Endocarditis)?
डॉ. नीरज भल्ला के अनुसार एंडोकार्डिटिस हृदय से जुड़ी एक ऐसा परेशानी है जिसमें हृदय की भीतरी परत में सूजन हो जाती है। हृदय की इस भीतरी परत को एंडोकार्डियम (endocardium)कहा जाता है। इसमें आमतौर पर हृदय के वाल्व शामिल होते हैं। इसके अलावा इसमें इंटरवेंट्रिकुलर सेप्टम (interventricular septum), कॉर्डे टेंडिने (chordae tendineae), म्यूरल एंडोकार्डियम (mural endocardium), या इंट्राकार्डिक उपकरणों की सतह (surfaces of intracardiac devices) शामिल होते हैं। एंडोकार्टिटिस को घावों को वेजिटेशन ( vegetations) के रूप में जाना जाता है, जो कि प्लेटलेट्स, फाइब्रिन, माइक्रो ऑर्गेनाइज्म के माइक्रोकोलियनिज्म और इंफ्लेमेटरी सेल्स का एक टूगड़ा है।
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एंडोकार्डिटिस के कारण -Causes of Endocarditis
डॉ. नीरज भल्ला की मानें, तो एंडोकार्डिटिस तब होता है जब रोगाणु, आमतौर पर बैक्टीरिया, आपके ब्लड में प्रवेश करते हैं और आपके दिल तक सर्कुलेट हो कर पहुंच जाते हैं। फिय ये असामान्य हृदय वाल्व या क्षतिग्रस्त ब्लड टिशूज से जुड़ते हैं। इसके अलावा फंगी या अन्य रोगाणु भी एंडोकार्टिटिस का भी कारण बन सकते हैं। डॉ. नीरज भल्ला बताते हैं कि ये स्थिति नॉर्मल स्थिति से काफी अलग होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आमतौर पर, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) आपके रक्तप्रवाह में प्रवेश करने वाले किसी भी हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देती है। पर वो बैक्टीरिया जो आपके मुंह, गले या आपके शरीर के अन्य हिस्सों, जैसे आपकी त्वचा या आपकी आंत में रहते हैं, कभी-कभी सही परिस्थितियों में यही एंडोकार्टिटिस का कारण बन सकते हैं। इसे विस्तार से समझें, तो ये विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और फंगी एंडोकार्डिटिस का इन वजहों से कारण बनते हैं। जैसे कि
1.मुंह साफ न रखना
आपको ये जान कर हैरानी होगी कि आपके मुंह की सफाई, आपके हृदय स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है। दिन में दो बार ब्रश और फ्लॉसिंग न करना आपके मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है। साथ ही मसूड़ों से जुड़े रोगों (gum disease)का भी खतरा पैदा करता है। अगर आप अपने दांतों और मसूड़ों की अच्छी देखभाल नहीं करते हैं, तो ब्रश करने से अस्वास्थ्यकर मसूड़ों से खून आ सकता है, जिससे बैक्टीरिया को आपके रक्तप्रवाह में प्रवेश करने का मौका मिलता है। कुछ डेंटल प्रक्रियाएं (dental procedures) जो आपके मसूड़ों को काट सकती हैं, वो बैक्टीरिया को आपके रक्तप्रवाह में प्रवेश करने की अनुमति दे सकती हैं।
2.कैथेटर- Catheters
कैथेटर (Catheters) एक नरम खोखली ट्यूब होती है, जिसे मूत्राशय में पेशाब की निकासी के लिए भेजा जाता है। बैक्टीरिया इस एक पतली ट्यूब के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं जो डॉक्टर कभी-कभी शरीर (कैथेटर) से तरल पदार्थ को इंजेक्ट या निकालने के लिए उपयोग करते हैं। अगर कैथेटर लंबे समय तक शरीर में इस्तेमाल किया गया है, तो यह होने की अधिक संभावना होती है। उदाहरण के लिए, अगर आपक लंबे समय तक डायलिसिस पर हैं, तो आपको कैथेटर लगाया गया होगा, जिससे एंडोकार्डिटिस होने की संभावना बढ़ जाती है।
3.अवैध दवाओं का उपयोग
दूषित सुई और सीरिंज उन लोगों के लिए एक विशेष चिंता का विषय है जो अवैध रूप से आईवी ड्रग्स का उपयोग करते हैं, जैसे कि हेरोइन या कोकीन। अक्सर, जो व्यक्ति इस प्रकार की दवाओं का उपयोग करते हैं, उनके पास साफ, अप्रयुक्त सुइयों या सीरिंज तक पहुंच नहीं होती है और फिर वो गंभीर इंफेक्शन जैसे कि एंडोकार्डिटिस का शिकार हो सकते हैं।
एंडोकार्डिटिस के लक्षण -Symptoms of endocarditis
एंडोकार्डिटिस के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- -जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना
- -सांस लेते समय सीने में दर्द
- -थकान
- -फ्लू जैसे लक्षण, जैसे बुखार और ठंड लगना
- -रात को पसीना
- -सांस लेने में कठिनाई
- -आपके पैरों और पेट में सूजन
- - हृदय में तेज घबराहट

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एंडोकार्डिटिस के कुछ गंभीर लक्षणों में शामिल है:
- - बेवजह वजन का घटना
- -आपके पेशाब में खून आना, जिसे आप देख सकते हैं और अपने डॉक्टर को इसे बारे में बता सकते हैं।
- -रिब केज और इससे जुड़ी पसलियों में बदलाव
- -आपके पैरों के तलवों या हाथों की हथेलियों पर लाल धब्बे
- -आपकी उंगलियों या पैर की उंगलियों के नीचे लाल और कोमल धब्बे (ओस्लर नोड्स)
- - आपकी आंखों के सफेद भाग में और आपके मुंह के अंदर बैंगनी या लाल धब्बे होना, जिसे पेटीची भी कहा जाता है।
एंडोकार्डिटिस को कैसे रोका जा सकता है?
मौखिक स्वच्छता और नियमित दांतों से जुड़ी सफाई का खास ख्याल रखने से आपके मुंह में बैक्टीरिया के निर्माण और आपके रक्तप्रवाह में आने का खतरा कम हो जाता है। साथ ही ये ओरल इंफेक्शन या किसी चोट के जरिए एंडोकार्टिटिस विकसित करने के जोखिम को कम करता है। अगर आप एंटीबायोटिक दवाओं के साथ दांतों का कोई ट्रीटमेंट करवा रहे हैं, तो अपने एंटीबायोटिक्स को निर्देशित के रूप में लेना सुनिश्चित करें। अगर आपके पास पहले से ही हृदय रोग, दिल की सर्जरी या एंडोकार्डिटिस का इतिहास है, तो एंडोकार्डिटिस के लक्षणों पर खास नजर रखें। लगातार बुखार और लगातार थकान रहने पर विशेष ध्यान दें। इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण होने पर जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा इन चार कामों से बचने की कोशिश करें। जैसे कि
- -शरीर में कहीं भी पियरसिंग करवाना
- -टैटू बनवाना
- -IV दवा का उपयोग जैसे कि हेरोइन या कोकीन
- - अन्य कोई भी प्रक्रिया जो कीटाणुओं को आपके रक्त में प्रवेश करने की अनुमति दे सकती हो।
तो, एंडोकार्डिटिस को लेकर इन बातों का रखें खास ध्यान और दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों से बचे रहने के लिए अपनी डाइट को सही रखें, एक्टिव लाइफस्टाइल फॉलो करें और रोज लगभग 30 मिनट भी व्यायाम और योग जरूर करें।
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