आज के समय में हार्ट की बीमारी सामान्य है। वजह साफ है, दिल की कोशिकाओं में ब्लॉकेज आने से, खानपान का सही न होना और खराब लाइफस्टाइल के कारण लोगों को हार्ट संबंधी बीमारी बढ़ी है। तो आइए इस आर्टिकल में हम इस दिल संबंधी बीमारी का पता लगाने के लिए और ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए सीटी कोरोनरी स्कैन के बारे में जमशेदपुर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संतोष से जानेंगे कि यह जांच कैसे की जाती है, इसके फायदे क्या हैं। इस बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल।
बिना किसी सर्जरी के हार्ट ब्लॉकेज का पता
डॉक्टर बताते हैं कि सीटी कोरोनरी स्कैन और सीटी कोरोनरी एंजियोग्राफी दोनों एक ही जांच है। इस जांच के तहत बिना किसी सर्जरी और एडमिशन के मरीजे के हार्ट ब्लॉकेज का पता किया जाता है। इसी को सीटी कोरोनरी स्कैन कहा जाता है।
सुरक्षित तकनीक है सीटी कोरोनरी स्कैन
कार्डियोलॉजिस्ट बताते हैं कि इस जांच को करने के लिए हम मरीज को रेडियोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह देते हैं। सीटी कोरोनरी स्कैन काफी सुरक्षित और आधुनिक तकनीक है, जिसमें हार्ट की एनोटॉमी के साथ कहां पर कितना प्रतिशत ब्लॉकेज है, केल्सीफाइड प्लेक्स है, रक्तकोशिकाओं में कहां-कहां पर ब्वॉकेज है उसका पता किया जाता है। सीटी कोरोनरी स्कैन से डिटेल में इसका पता किया जाता है।
महज एक घंटे में ही पता चल जाता है ब्लॉकेज है या नहीं
डॉक्टर बताते हैं कि इस जांच को करने के लिए एक्सपर्ट को एक से डेढ़ घंटे तक का समय लग सकता है, जिसमें ब्लॉकेज है या नहीं वो साफ तौर पर जानकारी हासिल कर लेते हैं। इस जांच को करने के लिए शुरुआत में मरीज को अपने पल्स पर कंट्रोल करना रहता है, फिर उसे सीटी मशीन के अंदर में भेजा जाता है। मशीन के बाहर बैठे व्यक्ति कब सांस रोकना है और कब सांस छोड़ना है इसका निर्देश माइक से मरीज को देते हैं। जिसे मरीज को फॉलो करना होता है। इसके बाद महज 10 मिनटों में जांच पूर्ण कर लिया जाता है।
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पहले प्लेन स्टडी कर बीमारी का लगाया जाता है पता
डॉक्टर बताते हैं कि सबसे पहले हम मरीज की प्लेन स्टडी करते हैं जिसमें बीमारी का पता लगाते हैं। इससे कहां पर केल्सिफाइड प्लेक्स है उसका आसानी से पता चल जाता है, वहीं उसकी कितनी मात्रा है ये भी आसानी से इस जांच से पता की जाती है। इस जांच को करने के समय एक्सपर्ट को अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर केल्सिफाइड प्लेक्स के बारे में पता चल जाता है। इसके बाद कॉन्ट्रॉस्ट वाला स्कैन किया जाता है, वहीं ब्लॉकेज का कितना प्रतिशत है उसके बारे में भी पता लगाया जाता है। इसमें साफ तौर पर दिखता है कि रक्तकोशिकाओं में कितना फीसदी ब्लॉकेज है। उसके बाद ही डॉक्टर मरीज का ट्रीटमेंट शुरू करते हैं। वहीं उन्हें कोई अन्य जांच की जरुरत महसूस होती है तो उसकी जांच कराने की सलाह देते हैं।
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एक से दो घंटे में मिलती है रिपोर्ट
एक्सपर्ट बताते हैं कि रेडियोलॉजिस्ट एके से दो घंटे में ही रिपोर्ट उपलब्ध करवा देते हैं। इसके साथ ही ब्लॉकेज कितना है व कितना नहीं इसकी फोटो भी उपलब्ध करवाते हैं। ऐसे में एक्सपर्ट की टीम उसकी जांच कर मरीज का उपचार करने में उन्हें आसानी होती है। इतना ही नहीं साधारण व्यक्ति भी इस रिपोर्ट को देख आसानी से हार्ट ब्लॉकेज के डैमेज को समझ सकता है। रिपोर्ट पर बेहद सामान्य भाषा में मरीज की रिपोर्ट को अंकित किया जाता है।
सीटी कोरोनरी स्कैन के फायदे
- अस्पताल में भर्ती होने की जरुरत नहीं
- एक से दो घंटे में ब्लॉकेज है या नहीं उसका आसानी से चलता है पता
- जांच कराने के बाद वाप्स जा सकता है घर
- इस जांच को करने में किसी प्रकार का ऑपरेशन नहीं किया जाता है
डॉक्टरी सलाह लेने के बाद करवाएं इलाज
डॉक्ट बताते हैं कि यदि आपके डॉक्टर इस जांच को करवाने की सलाह दें तो निश्चिंत होकर करवाएं। यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का सवाल उठ रहा हो तो उसे अपने डॉक्टर से साझा करें। न कि मन ही मन सोच-सोच कर घबराएं। दिल के मरीजों को घबराना नहीं चाहिए।
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