
शरीर का तापमान 95 ° F से नीचे चला जाए, तो इस स्थिति को हाइपोथर्मिया या कोल्ड एक्सपोजर कहते हैं। इसके कारण कई गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।
हाइपोथर्मिया या कोल्ड एक्सपोजर एक ऐसी बीमारी के जिसमें मरीज के शरीर का तापमान 95 डिग्री फेरेनाइड के नीचे चला जाता है। इस बीमारी के कारण गंभीर समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है। अगर मरीज के शरीर का तापमान काफी ज्यादा नीचे चला जाता है, तो इससे व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। इस वजह से इसे काफी खतरनाक समस्या मानी जाती है। इस बीमारी के कारण व्यक्ति के सोचने की क्षमता कम हो जाती है। वैसे तो किसी इंसान का सामान्य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस हो ता है, लेकिन हाइपोथर्मिया की स्थिति में शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्यियस से कम हो जाता है। इसलिए इस बीमारी का इलाज सही समय पर कराना बहुत ही जरूरी है।
क्या है कोल्ड एक्सपोजर के लक्षण (Symptoms of Cold Exposure)
कोल्ड एक्सपोजर शरीर के कई सिस्टम को खराब कर देता है। इसके लक्षण धीरे-धीरे नजर आते हैं। समय के साथ हाइपोथर्मिया के ये लक्षण सामने आने लगते हैं। लेकिन जल्द इस बीमारी का पता नहीं चल पाता। अगर आपको तेज कंपकंपी, सास लेने में दिक्कत, चीजे याद न रहना, थकान महसूस होना, त्वचा लाल पड़ जाना, तेजी से बल्ड प्रेशर कम होना जैसी परेशानी आ रही है तो आप सतर्क हो जाए। बच्चों की बात की जाए तो लगातार रोना, कमजोरी आना, त्वचा लाल पड़ जाना, कोल्ट स्किन हो जाना खतरनाक हो सकता हैं। कभी-कभी इस बीमारी के लक्षण सामाने नहीं आते हैं और व्यक्ति अचानक से अचेत हो जाते हैं।
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डॉक्टर को कब दिखाए-
अगर आपको ऊपर बताए लक्षण है तो डॉक्टर से जरुर मिलें। किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें। हाइपोथर्मिया से पीड़ित व्यक्ति का हार्ट बीट बढ़ सकता है इसलिए उसे घबराहट होने, यादाश्त कमजोर होने या बेचैनी होने पर तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
सुमित्रा हॉस्पिटल के फिजीशियन डॉक्टर अंकित गुप्ता का कहना है कि ठंडे सीजन में अधिकतर लोगों को कोल्ड एक्सपोजर की समस्या होती है। इसके अलावा 10 डिग्री सेल्सियस नीचे वाले स्थानों में रहने वालों को भी कोल्ड एक्सपोजर की परेशानी अधिक होती है। इससे व्यक्ति का तामपान काफी नीचे चला जाता है, जिससे शरीर में थकान, कमी की कमी होने लगती है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता पर भी गहरा असर पड़ता है। इसके अलावा बुजुर्गों में यह परेशानी ज्यादा देखी गई है।
हाइपोथर्मिया के कारण (Cold Exposure Causes in Hindi)
ठंड के मौसम में कोल्ड एक्सपोजर होने का खतरा अधिक रहता है। जब व्यक्ति के शरीर का तापमान अचानक से तेजी से घटने लगता है और उसी गर्माहट कम होने लगती है, तो इस समस्या को हाइपोथर्मिया कहते हैं। ठंडे पानी में अधिक समय कर तैरने के कारण, ठंड में अधिक देर तक बाहर रहने की वजह से भी कई लोगों को कोल्ड एक्सपोजर होने का खतरा रहता है।
इसके साथ ही ठंड में गर्म कपड़े ना पहनने के कारण, अचानक अधिक ठंडे वाले वातावरण में जाना, नाव की दुर्घटना, अधिक देर तक एसी में रहना इत्यादि कई ऐसे कारणों से व्यक्ति को कोल्ड एक्सपोजर हो सकता है। इसके अलावा कुछ गंभीर परिस्थिति वाले व्यक्ति जैसे- थायराइड, डायबिटीज, गंभीर ट्रॉमा, ड्रग्स की लत एवं कुछ अन्य दवाओं का सेवन करने वालों को भी हाइपोथर्मिया की शिकायत हो सकती है।
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इसके अलावा मेटाबॉलिक डिसऑर्डर की वजह से भी कुछ व्यक्ति को यह समस्या हो सकती है, जिसके कारण शरीर में हीट जनरेट नहीं होता है। पिट्यूटरी और एड्रिनल ग्लैंड कमजोर होने पर भी व्यक्ति इस समस्या का शिकार हो सकता है।
कोल्ड एक्सपोजर के घरेलू उपचार (Cold Exposure Home Remedies)
कहा जाता है कि किसी भी बीमारी में अपनी जीवशैली को बदल दिया जाए तो जल्द से जल्द ठीक हो जाती है। गर्म तरल पदार्थ जैसे सब्जियों का गर्म सूप, शोरबा लेना चाहिए। नमक के पानी का सेवन मददगार हो सकता है। इसके साथ ही गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही आप अंडा, मूंगफली, हल्दी दूध, मशरुम, खजूर खा सकते है।
बता दें मरीज को दिन में कई बार गर्म चीजों का इस्तमाल करना चाहिए। हाइपोथर्मिया से पीड़ित मरीज को नहलाना नहीं चाहिए और जितना हो सके उसकी बॉडी को गर्म रखने की कोशिश करनी चाहिए।
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