What is Chinese Garlic and Why it is Bad for Health: भारत-नेपाल सीमा पर कस्टम विभाग ने 16 टन चाइनीज लहसुन (Chinese garlic) जब्त किया है। इस लहसुन में से 1400 क्विंटल लहसुन लैब टेस्ट में फेल हो गया है। इसे कस्टम विभाग द्वारा नष्ट कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चाइनीज लहसुन तस्करी के जरिए भारत में लाया जा रहा था। जानकारी के लिए बता दें कि इस साल भारत में लहसुन की पैदावार काफी कम मात्रा में हुई है। पैदावार कम होने की वजह से भारतीय बाजारों में लहसुन की कीमत 500 रुपये किलो तक पहुंच गई है।
लहसुन की बढ़ती कीमतों का फायदा उठाकर ही तस्कर चाइनीज लहसुन को बाजार में उतार रहे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो असली लहसुन के मुकाबले चाइनीज लहसुन की कीमतें काफी कम हैं। यह आसानी से 100 से 150 रुपये किलो बिक रहा है। चाइनीज लहसुन की कीमतें बेशक कम हो, लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से यह काफी नुकसानदायक है। आइए इस लेख में जानते हैं चाइनीज लहसुन क्या है और इसका सेवन करने से सेहत को क्या नुकसान पहुंच सकता है। इसके बारे में।
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क्या है चाइनीज लहसुन?- What is Chinese Garlic?
भारतीय लहसुन को प्राकृतिक तरीके से मिट्टी और पानी के जरिए एक निश्चित समय में उगाया जाता है। वहीं, चाइनीज लहसुन को आर्टिफिशियल तरीके से तैयार किया जाता है। चाइनीज लहसुन को तैयार करने के लिए कई तरह के रंग और केमिकल्स मिलाए जाते हैं, ताकि इसको भारतीय लहसुन की तरह ही रंग और गंध दी जा सके। चाइनीज लहसुन को मुख्य रूप से लैब में तैयार किया जाता है। यही कारण है कि चाइनीज लहसुन का सेवन करना स्वास्थ्य के लिहाज से बिल्कुल भी ठीक नहीं है। इस लहसुन का सेवन करने से गैस्ट्राइटिस होना, पेट में सूजन समेत अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है।
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चाइनीज लहसुन खाने के नुकसान- Side Effects of Chinese Garlic
चाइनीज लहसुन खाने से सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंच सकता है। इसका सेवन करने से पेट में दर्द, सूजन और आंतों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इस लहसुन में फ्रुक्टोज की मात्रा ज्यादा होती है, जिसकी वजह से यह गैस का कारण भी बन सकता है।
2014 में भारत में बैन किया गया था चाइनीज लहसुन
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने 2014 में चाइनीज लहसुन को बैन कर दिया था। उस समय चीन से जो लहसुन आयात किए गए थे, उसमें फंगस और संक्रमण बहुत ज्यादा मात्रा में पाया गया था। चाइनीज लहसुन में छह महीने तक फफूंद के विकास को रोकने के लिए मिथाइल ब्रोमाइड युक्त एक फफूंदनाशक से कोट किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इस तरह के लहसुन, जो आमतौर पर बड़े लहसुन के टुकड़ों के साथ होता है। इस तरह के लहसुन को हानिकारक क्लोरीन का उपयोग करके ब्लीच किया जाता है, ताकि चाइनीज लहसुन बाहर से सुंदर और आकर्षक दिख सकें। 2014 के बाद से ही भारत में चीन में उगने वाले लहसुन के आयात पर बैन लगाया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा लहसुन निर्यातक है।
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कैसे करें चाइनीज और भारतीय लहसुन की पहचान?- How to identify Chinese and Indian garlic?
- चाइनीज लहसुन की बात करें तो इसमें कई दाग या इसका रंग हल्का मटमैला हो सकता है। वहीं, भारतीय लहसुन का रंग बिल्कुल सफेद होता है।
- भारतीय लहसुन देखने में असामान्य होता है जबकि चाइनीज लहसुन की शेप अंडाकार या गोलाकार होती है।
- गंध की बात करें तो चाइनीज लहसुन हल्का सफेद और गुलाबी रंग का होता है और आकार सामान्य से थोड़ा छोटा होता है। वहीं, भारतीय लहसुन की गंध बहुत तीखी और तेज होती है।
बाजार में लहसुन खरीदने से पहले इसे हाथ पर हल्का रगड़कर देखना चाहिए। हाथों पर महक तेज आ रही है, तो यह भारतीय लहसुन है। इसके विपरीत अगर हाथों में लहसुन की गंध हल्की आ रही है, तो यह चाइनीज या नकली लहसुन हो सकता है। इसलिए अगली बार बाजार से लहसुन खरीदते समय ध्यान दें, ताकि आप और आपका परिवार बीमारियों से बचा रहे।
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