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एसिडिटी और गैस के मरीजों के लिए जरूरी है ABG Test, डॉक्टर से जानें क्या है ये

ABG Test in Hindi: अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें गैस और एसिडिटी की समस्या बनी रहती है तो उन लोगों को इस टेस्ट को जरूर करवाना चाहिए। जानें एबीजी टेस्ट क्या होता है।
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एसिडिटी और गैस के मरीजों के लिए जरूरी है ABG Test, डॉक्टर से जानें क्या है ये

ABG Test in Hindi: शरीर का कामकाज प्रभावित करने वाले कई सारे कारक हैं जिनमें से एक है बॉडी का पीएच और डाइजेस्टिव एंजाइम्स। इन दोनों की वजह से शरीर में पाचन क्रिया, मेटाबॉलिज्म रेट और फिर आंतों के कामकाज पर काफी प्रभाव पड़ता है। लेकिन, जब इन  दोनों का संतुलन बिगड़ता है, तो ये तमाम चीजें प्रभावित रहती हैं और फिर कई सारी दिक्कतें होने लगती हैं। पेट का पीएच लेवल चेक करने के लिए इस टेस्ट को किया जाता है। आइए, जानते हैं Arterial Blood Gas Test क्या है, जानते हैं Dr.Ajay Shah, Managing Director-Ajayshah neuberg laboratory से।

एबीजी टेस्ट क्या है-What is Arterial Blood Gas Test in Hindi

अर्टेरियल ब्लड गैस (Arterial Blood Gas), एबीजी टेस्ट में खून से  ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर का पता लगाया जाता है। ABG टेस्ट डॉक्टरों द्वारा रोगी की श्वसन और मेटाबॉलिजम की  स्थिति का आकलन करने के लिए किया जाता है। ये तब किया जाता है, जब व्यक्ति को फेफड़ों और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी परेशानियां परेशान करती हैं। दरअसल, एबीजी टेस्ट करने पर यह  पता चलता है कि फेफड़े कैसे काम कर रहे हैं और शरीर में एसिड-बेस बैलेंस ( acid-base balance) कैसा है।

एबीजी टेस्ट क्यों किया जाता है-When is an ABG Test Needed

एबीजी टेस्ट तब किया जाता है, जब कोई व्यक्ति श्वसन (respiratory) से जुड़ी समस्याओं को महसूस करता है। इसके अलावा, मेटाबोलिक एसिडोसिस (metabolic acidosis) या अल्कलोसिस (alkalosis) के लक्षण महसूस करने वालों में भी एबीजी टेस्ट किया जाता है। ऐसी स्थिति जिसमें खून बहुत अधिक एसिडिक या क्षारीय यानी बेसिक हो जाता है।

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किन बीमारियों में पड़ती है एबीजी टेस्ट की जरूरत-Which Diseases Needs ABG test?

ABG परीक्षण आम तौर पर तब किया जाता है, जब रोगी को सांस लेने में कठिनाई हो रही हो या श्वसन या मेटाबॉलिज्म में असंतुलन के लक्षण दिख रहे हों। 

यह टेस्ट इन स्थितियों में किया जाता है-

-बहुत ज्यादा गैस और एसिडिटी की समस्या होने पर

-एसिड-बेस असंतुलन या बॉडी पीएच पता करने के लिए (body pH)

-श्वसन संबंधी विकारों में (respiratory disorders)

-गुर्दे की बीमारी (kidney disease)

-सीओपीडी (chronic lung diseases like COPD) जैसी पुरानी फेफड़ों की बीमारियों या हार्ट फेलियर जैसी स्थितियों के मामलों में ।

इतना ही नहीं, इसका उपयोग आपातकालीन स्थितियों में या सर्जरी के दौरान रोगी के फेफड़ों के कामकाज और उपचारों के प्रति बॉडी रिस्पॉन्स को चेक करने के लिए किया जाता है।

एबीजी टेस्ट कैसे किया जाता है-How is an abg test done?

एबीजी टेस्ट करवाने में ज्यादा समय नहीं लगता। मात्र 10 मिनट में आप इसे करवा सकते हैं। इसके लिए धमनियों से खून निकाला जाता है और फिर इसे टेस्ट के लिए भेजा जाता है। इस टेस्ट से आपको इन चीजों का पता लग सकता है। जैसे कि Arterial blood pH (आर्टियल ब्लड पीएच) जो खून में हाइड्रोजन की मात्रा को दर्शाता है। 7.0 से कम पीएच को एसिडिटीक कहा जाता है और 7.0 से अधिक पीएच को क्षारीय या बेसिक कहा जाता है। लो ब्लड पीएच यह संकेत देता  है कि आपका खून अधिक एसिडिक है और उसमें कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर भी ज्यादा है। अगर बॉडी पीएच हाई है, तो इसका मतलब है कि आपका खून ज्यादा बेसिक है और इसमें बाइकार्बोनेट का स्तर बहुत ज्यादा है। इसके अलावा, इस टेस्ट से आपको खून में कार्बन डाई ऑक्साइड का लेवल भी मालूम पड़ सकता है।

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एबीजी टेस्ट आपकी बॉडी फंक्शन के बारे में जानने के लिए ही है। लेकिन, ध्यान रहे कि यह टेस्ट कभी भी अपने मन से नहीं करवाया जाता है। डॉक्टर आपके लक्षणों को देखकर इस टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं।

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