नर्वस सिस्टम में हुए बदलाव की वजह से आपको कई तरह की समस्या हो सकती है। अप्राक्सिया न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, इसमें व्यक्ति को मांसपेशियों को हिलाने में मुश्किल होती है। यह रोग ब्रेन में बदलाव या डैमेज के कारण होता है। इसमें शरीर को मूवमेंट और सिंग्नल्स देने से रोकता है। यह शरीर के कई कार्यों को प्रभावित कर सकता है। इसके प्रकार के आधार पर समस्या निर्भर की गंभीरता निर्भर करती है। अप्राक्सिया के हल्के लक्षण को डिस्प्रेक्सिया कहा जाता है। यह स्थिति बच्चों में देखने को मिलती है। इसमें बच्चों को चलने और बोलने में समस्या होती है। इसमें बच्चे को चलने, लिखने, जूता बांधने जैसे काम करने में मुश्किल होती है। डिस्प्रैक्सिया एप्रेक्सिया जितना गंभीर नहीं होती है, इसमें मोटर स्किल्स प्रभावित हो सकती है। जबकि, अप्रेक्सिया में रोगी पूरी तरह से मूवमेंट नहीं कर पाता है। आगे जानते हैं कि अप्रेक्सिया का रोग किस तरह से शुरू होता है।
अप्रेक्सिया रोग की शुरूआत कैसे होती है? - How Apraxia Occurs In Hindi
यह समझने के लिए कि अप्राक्सिया कैसे होता है, आपको मोटर कंट्रोल में ब्रेन की भूमिका को समझना जरूरी है। इस लेख में नारायणा सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के कंसलटेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रजत चोपड़ा से जानते हैं कि अप्रेक्सिया की शुरुआत कैसे होती है।
- पार्श्विका लोब (Parietal Lobe): संवेदी जानकारी (Sensory Information) को इकट्ठा करने और इसे मोटर कमांड में ट्रांसलेट करने के लिए जिम्मेदार होती है।
- फ्रंटल लोब (Frontal Lobe) (प्रीमोटर और मोटर कॉर्टेक्स): वॉलेंटरी मूवमेंट की योजना बनाने, आरंभ करने और नियंत्रित करने में शामिल होता है।
- बेसल गैंग्लिया (Basal Ganglia): नर्वस सिस्टम का एक समूह जो मूवमेंट और मोटर स्किल के साथ तालमेल बैठाता है।
- सेरिबैलम (Cerebellum): मोटर स्किल को ठीक करने और सुचारू से कार्य करने के लिए आवश्यक होता है।
जब मस्तिष्क के ये क्षेत्र प्रभावित होते हैं, तो इससे अंग और ब्रेन की गतिविधियों के साथ तालमेल बैठाने में मुश्किल होती है। उदाहरण के तौर पर आइडियोमोटर अप्राक्सिया में किसी गतिविधि को समझने और करने के बीच का मार्ग बाधित हो जाता है। इसमें व्यक्ति को पता होता है कि उसको क्या करना है, लेकिन वह उस कार्य को नहीं कर पाता है।
वैचारिक अप्राक्सिया में, ब्रेन की क्षति अक्सर पार्श्विका लोब को प्रभावित करती है, जहां कई तरह की क्रियाओं की एकत्रित होती हैं। इस समस्या के चलते कार्यों को करने में कठिनाई होती है, इसकी वजह से रोगी किसी कार्य को एक क्रम में नहीं कर पाता है।
स्पीच अप्राक्सिया में व्यक्ति को ब्रेन से बोलने के वाला हिस्सा डैमेज होता है, इसमें फ्रंटल लोब में ब्रोका भी शामिल है। यह डैमेज ब्रेन को स्पीच के लिए उपयोग की जाने वाली मांसपेशियों को ठीक से कार्य करने से रोकता है। इससे शब्द और ध्वनि बनने में कठिनाई होती है।
अप्रेक्सिया के प्रकार - Type Of Apraxia In Hindi
- आइडियोमोटर अप्राक्सिया (Ideomotor Apraxia)
- आइडियेशनल अप्राक्सिया (Ideational Apraxia)
- बुकोफेशियल या ओरोफेशियल अप्राक्सिया (Buccofacial or Orofacial Apraxia)
- लिम्ब-काइनेटिक अप्राक्सिया (Limb-Kinetic Apraxia)
- रचनात्मक अप्राक्सिया (Constructional Apraxia)
- स्पीच अप्राक्सिया (Speech Apraxia)
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अगर, किसी बच्चे या वयस्क को बोलने व अंगों के मूवमेंट में समस्या हो रही है, तो इस स्थिति को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस समस्या को अनदेखा करना आपके लिए गंभीर रोग का कारण बन सकता है। ऐसे में आप तुरंत किसी नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।