डायबिटीज उपापचयी का एक प्रकार है और यह हमारे शरीर के लिए भोजन पचाने उसकी वृद्धि और उर्जा का साधन है। इस बीमारी में रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है तथा रक्त की कोशिकाएं इस शर्करा को उपयोग नहीं कर पाती l यदि यह ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल खून में लगातार बना रहे तो शरीर के अंग प्रत्यंगों को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है l

क्या होता है डायबिटीज
अधिकांश लोग अपना पसंदीदा आहार मिलने पर उसपर टूट पड़ते हैं और अनजाने ही अधिक मात्रा में ग्लूकोज़ ले लेते है, रक्त में चीनी के रूप में यह ग्लूकोज़ शरीर के लिए ईंधन का मुख्य साधन है। पाचन के बाद, यह ग्लूकोज़ रक्त वाहीनियों के अंदर से होते हुए सेल्स द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। ग्लूकोज़ कोशिकाओं के अंदर जाता है जहां कि इन्सुलिन मुख्य रूप से मौजूद होता है । इन्सुलिन एक हार्मोन है जो पाचक ग्रन्थि द्वारा निर्मित होता है, यह पेट के अंदर एक बड़ी ग्रंन्थि के पीछे होता है। जब हम आहार का सेवन करते हैं तो यह पाचन ग्रंथियां स्वत: ही सही मात्रा में इल्सुलिन बनाती हैं जिससे कि ग्लूकोज रक्त से सेल्स तक पहुंच सके । लेकिन डायबिटीज़ के मरीज़ों में अग्न्याशन बहुत कम मात्रा में इल्सुलिन बनाता है या नहीं बनाता है । या शरीर के सेल्स इन्सुलिन के साथ सही क्रिया नहीं करते। रक्त में बना ग्लूकोज़ मूत्र के साथ शरीर से निष्कासित कर दिया जाता है और इस प्रकार से शरीर अपनी उर्जा का मुख्य स्रोत खो देता है ।
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डायबिटीज के कारण और लक्षण
खान पान एवं लाइफ स्टाइल की गलत आदतें जैसे मधुर एवं भारी भोजन का अधिक सेवन करना,चाय, दूध आदि में चीनी का ज्यादा सेवन,कोल्ड ड्रिंक्स एवं अन्य सॉफ्ट ड्रिंक्स अधिक पीना,शारीरिक परिश्रम ना करना,मोटापा,तनाव,धूम्रपान,तम्बाकू,आनुवंशिकता आदि डायबिटीज के प्रमुख कारण हैं।बार बार पेशाब का लगना,प्यास ज्यादा लगना, भूख ज्यादा लगना,बिना काम करे भी थकान होना,शरीर में कहीं घाव होने पर जल्दी ठीक ना होना तथा त्वचा का बार बार इन्फेक्शन होना l ये सब डायबिटीज के लक्षण हैंl यदि इनमे से कुछ लक्षण यदि लगातार दिखाई दें तो खून में शुगर की जाँच अवश्य करवानी चाहिए।
डायबिटीज पर निंयत्रण
मधुमेह रोग में तनाव की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है तनाव से बचने की पूरी कोशिश करें l स्ट्रेस या तनाव के कारणों को आपसी बात चीत से हल करें, योगा, प्राणायाम,ध्यान तथा सुबह शाम घूमने से स्ट्रेस कंट्रोल करने में सहायता मिलती हैl चीनी (sugar) एवं अन्य मीठे पदार्थो का सेवन कम से कम करें या ना करें,चोकर युक्त आटा,हरी सब्जियां ज्यादा खाएं, मीठे फलों को छोड़ कर अन्य फल खाएं,एक बार में ज्यादा खाने की बजाय भोजन को छोटे छोटे अंतराल में लें,घी तेल से बनी एवं तली भुनी चीजें का सेवन कम से कम करें,गेहूँ,जौ एवं चने को मिला कर बनाई हुई यानि मिस्सी रोटी शुगर की बीमारी में बहुत फायदेमंद होती है l
आयुर्वेद की कुछ जड़ी बूटियां मधुमेह रोग में बहुत उपयोगी हैं इनका सेवन डायबिटीज में बहुत लम्बे समय से किया जा रहा है आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज में इनकी उपयोगिता सिद्ध कर चुका है l
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