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ब्रेस्टफीडिंग बंद करने पर महिलाओं के शरीर में क्या बदलाव होते हैं? जानें डॉक्टर से

What Changes occurs when you Stop Breastfeeding: अगर महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवाती हैं, तो शरीर पर कैसा असर हो सकता है? आइए डॉक्टर से जानते हैं?
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ब्रेस्टफीडिंग बंद करने पर महिलाओं के शरीर में क्या बदलाव होते हैं? जानें डॉक्टर से

What Changes occurs when you Stop Breastfeeding : बता दें कि ब्रेस्टफीड कराना बच्चे के साथ-साथ महिला के लिए भी जरूरी होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। हम सभी जानते हैं कि प्रेग्नेंसी से लेकर ब्रेस्टफीड कराने तक, महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते है। हालांकि, ये बदलाव लम्बे समय तक चलते रहते हैं। ऐसे में कई महिलाओं के मन में यह सवाल आता है कि क्या ब्रेस्टफीडिंग बंद करने के बाद भी महिलाओं के शरीर में बदलाव होते हैं? आइए इस सवाल का जवाब डॉ. आस्था दयाल, निदेशक- प्रसूति एवं स्त्री रोग, सीके बिड़ला हॉस्पिटल गुरुग्राम (Dr. Astha Dayal, Director- Obstetrics & Gynaecology, CK Birla Hospital Gurugram) से जान लेते हैं।

ब्रेस्टफीडिंग बंद करने से शरीर में होते हैं बदलाव?- Does Stopping Breastfeeding Cause Changes in Body

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जब माता ब्रेस्टफीड कराना बंद कर देती है, तो उसके शरीर में विभिन्न शारीरिक और भावनात्मक बदलाव होते हैं। सबसे स्पष्ट बदलावों में से एक स्तनों के आकार में बदलाव है। बता दें कि दूध की आपूर्ति धीरे-धीरे बंद हो जाने की वजह से स्तनों का साइज कम हो सकता है। हालांकि, कई मामलों में महिलाओं को कुछ समय तक भराव या दर्द महसूस हो सकता है। ऐसे में दूध नहीं बनने के कारण समय के साथ, स्तन सिकुड़ने लगते हैं और अपनी पहले वाली टाइटनेस को खो देते हैं।

इसके साथ ही, महिलाओं में प्रोलैक्टिन और ऑक्सीटोसिन के स्तर में कमी के साथ हार्मोनल उतार-चढ़ाव भी हो सकते हैं। ये हार्मोन दूध उत्पादन और प्रबंधन को सुविधाजनक बनाते हैं और इन हार्मोन्स के स्तर में कमी की वजह से कई बार महिलाओं को मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन या हल्का डिप्रेशन भी हो सकता है। वहीं, कई महिलाएं यह भी देख सकती हैं कि उनके पीरियड्स में बदलाव हो रहा है और कुछ समय के लिए उनके पीरियड्स अनियमित या भारी हो सकते हैं।

वजन और इम्यूनिटी पर भी पड़ता है असर?- Is there an Effect on Weight and Immunity too

बता दें कि ब्रेस्टफीड कराने के लिए महिलाओं के शरीर में दूध का उत्पादन होता है। इस दूध को बनाने के लिए शरीर में मौजूद अतिरिक्त कैलोरी जलने लगती है। इसके परिणामस्वरूप आहार और व्यायाम का सही बैलेंस नहीं होने के बाद भी कम से कम वजन बढ़ता है। हालांकि, ब्रेस्टफीड बंद होने से अतिरिक्त कैलोरी जलनी बंद हो जाती है और वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा, प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) में भी बदलाव होते हैं, क्योंकि मां और बच्चे दोनों को अब स्तन के दूध के माध्यम से एंटीबॉडी का लाभ नहीं मिल पाता है।

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ब्रेस्टफीडिंग बंद कैसे करें?- How to Stop Breastfeeding

आपको ब्रेस्टफीडिंग की समस्या को धीरे-धीरे बंद करना चाहिए। अगर आप इसे तुरंत बंद कर देंगी, तो बच्चे को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आप बाहर जाते हुए बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाना बंद कर दें। इसके अलावा, आप उन्हें ब्रेस्टफीड करवाने की जगह बोतल से दूध पीने की आदत डालें। बच्चा अगर रोता है, तो उसका ध्यान भटकाने की कोशिश करें। इस तरह आप ब्रेस्टफीडिंग को धीरे-धीरे बंद कर सकती हैं।

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बता दें कि महिलाओं को भावनात्मक रूप से राहत मिल सकती है। इससे शरीर में कई बदलाव होते हैं। इसके अलावा, अगर आप किसी भी तरह की समस्याओं का सामना करती हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी हो जाता है।

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