
महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। पीरियड्स शुरु होने पर महिलाएं प्रजनन के लिए तैयार हो जाती है। इस अवस्था में महिला के शरीर में हर माह अंडाशय से एक परिपक्व अंडा (एग) बनता है और इसके बाद ये फैलोपियन ट्यूब से होते हुए गर्भाशय की ओर जाता है। इस दौरान ये करीब एक दिन तक गर्भाशय में ही रहता है। इस पूरी प्रक्रिया को ओवुलेशन कहा जाता है।
महिलाओं के शरीर में हर माह एक ओवुलेशन और पीरियड की एक साइकिल निरतंर चलती रहती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो उनकी प्रजनन क्षमता से संबंधित होती है। ओवुलेशन के दौरान सामान्यतः महिलाओं के अंदर एक एग बनता है। जबकि कुछ महिलाओं के शरीर में एक से अधिक एग बनते हैं, इस स्थिति को हाइपओवुलेशन कहा जाता है। इस लेख में आपको हाइपरओवुलेशन के कुछ मुख्य लक्षण और कारण के बारे में विस्तार से बताया गया है।
हाइपरओवुलेशन में किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं? Symptoms of Hyperovulation In Hindi
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि ओवुलेशन महिलाओं के शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है। ओवुलेशन की प्रक्रिया महिलाओं के शरीर में हर माह होती है। हाइपरओवुलेशन में महिलाओं को ओवुलेशन की तरह ही लक्षण महसूस होते हैं। ओवुलेशन और हाइपरओवुलेशन के लक्षणों में भिन्नता नहीं पाई जाती है। लेकिन हाइपरओवुलेशन के कुछ लक्षणों को आगे बताया गया है।
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वैजाइनल डिस्चार्ज
प्रजनन क्षमता से जुड़ा हुआ डिस्चार्ज अंडे के सफेद भाग की तरह होता है। इस तरह का डिस्चार्ज महिलाओं के फर्टाइल विंडो को दर्शाता है। इस समय कुछ महिलाओं को एक बार डिस्चार्ज होने के कुछ दिनों के बाद दोबारा से डिस्चार्ज होने लगता है।
सर्वाइकल म्यूकस का बढ़ना
इस समय कुछ महिलाओं को सर्वाइकल म्यूकस बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है। हाइपरओवुलेशन होने पर इस तरह का लक्षण महिलाओं में दिखाई दे सकता है।
पेट में दर्द होना
महिलाओं को ओवुलेशन के समय सामान्यतः पेट में दर्द महसूस होता है। लेकिन हाइपरओवुलेशन के समय महिलाओं को ओवुलेशन के समय के होने वाले दर्द से ज्यादा दर्द होता है।
हाइपरओवुलेशन के क्या कारण होते हैं? Causes of Hyperovulation In Hindi
हाइपरओवुलेशन से पहले आपको ओवुलेशन की प्रक्रिया को समझना होगा। हर मासिक धर्म में फोलिकल स्टिम्यूलेटिंग हार्मोन (एफएसएच) फोलिकल्स के विकास को बढ़ाते हैं, जो हर पीरियड्स साइकिल में एक मैच्योर एग को बनाने में सहायक होते हैं। एक सप्ताह के बाद एफएसएच का स्तर गिरने लगता है। लेकिन एक विकसित फोलिकल्स एस्ट्रडियोल (Estradiol) और ल्यूटिनाइजिंग होर्मोन (luteinizing hormone) को बढ़ाने का कारण बनता है, इसकी वजह से महिलाओं के शरीर में एग रिलीज होता है।
हालांकि, कुछ मामलों में महिलाओं के शरीर में अधिक एफएसएच रिलीज होता है या वह एक सप्ताह के बाद भी कम नहीं होता, जिसकी वजह से एक से अधिक एग बनता है। यही हाइपरओवुलेशन का कारण माना जा सकता है।
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हाइपरओवुलेशन से क्या प्रभाव पड़ता है?
हाइपरओवुलेशन से महिलाओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। लेकिन हाइपरओवुलेशन से महिलाओं को एक से ज्यादा बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही एक से ज्यादा बच्चों की प्रेग्नेंसी में महिलाओं को हाई बीपी, समय से पहले प्रसव व अन्य समस्याओं का खतरा बना रहता है।