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प्लेसेंटा प्रीविया के हैं कई प्रकार, डॉक्टर से जानें इनके बारे में विस्तार से

What Are The Different Types Of Placenta Previa In Hindi: प्लेसेंटा प्रीविया के कई प्रकार होते हैं, जिससे इसकी गंभीरता अंदाजा लगाया जा सकता है। जानें, इसके प्रकार के बारे में-
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प्लेसेंटा प्रीविया के हैं कई प्रकार, डॉक्टर से जानें इनके बारे में विस्तार से

What Are The Different Types Of Placenta Previa In Hindi: प्लेसेंटा प्रीविया प्रेग्नेंसी में होने वाली एक समस्या है। इस बीमारी के तहत प्लेसेंट प्रीविया को आधा या पूरी तरह से कवर कर लेता है। यह स्थिति गंभीर है, क्योंकि इस तरह की समस्या होने पर महिला को बहुत हल्के या कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। इस स्थिति सिर्फ और सिर्फ अल्ट्रसाउंड से पता चलता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि गर्भवती महिलाओं को इसके बारे में पता हो। उन्हें यह जानकारी आवश्य होनी चाहिए कि प्लेसेंटा प्रीविया क्या है और इसके कितने प्रकार होते हैं? क्या यह बच्चे के लिए जोखिमभरा हो सकता है? आइए, जानते हैं विस्तार से।


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प्लेसेंटा प्रीविया का कारण- Causes Of Placenta Previa In Hindi

What Are The Different Types Of Placenta Previa 1

वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, "प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में प्लेसेंटा गर्भाशय के निचले हिस्से में होता है। लेकिन, जैसे-जैस भ्रूण का विकास होता है, प्लेसेंटा की पोजिशन बदल सकती है। ऐसा इसलिए भी होता है, क्योंकि एक समय बाद शिशु गर्भ के अंदर हलचल करता है। प्रेग्नेंसी के बढ़ते दिनों में प्लेसेंटा गर्भाशय के ऊपरी हिस्से की ओर खिसक जाता है।" विशेषज्ञ आगे बताती हैं, "गर्भावस्था की आखिरी तिमाही में प्लेसेंटा को पूरी तरह गर्भाशय के ऊपरी हिस्से में होना चाहिए, ताकि डिलीवरी के समय गर्भाशय का मुंह खुला रहे और प्रसव में किसी तरह की दिक्कत न आए। लेकिन, जब ऐसा नहीं होता है, तो यह प्लेसेंटा प्रीविया से जुड़ी समस्या बन जाती है। इस तरह की परेशानी दूसरी तिमाही के बाद से नजर आने लगती है, जिसका अल्ट्रासाउंड से पता चलता है। आपको बता दें कि प्लेसेंटा पूरी तरह सर्विक्स को कवर कर लेता है, तो उसे प्लेसेंटा प्रीविया की समस्या कहा जाता है।"

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प्लेसेंटा प्रीविया के प्रकार- Types Of Placenta Previa In Hindi

  1. मार्जिनल प्लेसेंटा प्रीवियाः जब प्लेसेंटा गर्भाशय के मुंह के पास होता है, तब उसे मार्जिनल प्लेसेंटा प्रीविया के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में प्लेसेंटा गर्भाशय के मुंह को कवर नहीं करता है, जिससे सामान्य डिलीवरी की संभावना बनी रहती है।
  2. पार्शियल प्लसेंटा प्रीवियाः इसे हम आंशिक प्लेसेंटा प्रीविया के नाम से भी जानते हैं। इस स्थ्ति में प्लेसेंटा सर्विकल ओपनिंग को कवर करता है। इसका मतलब है कि गर्भाशय पूरी तरह से कवर नहीं होता है। लेकिन, यह स्थिति डिलीवरी में बाधा पैदा कर सकती है।
  3. कंप्लीट प्लसेंटा प्रीवियाः इसका मतलब है कि सर्विकल ओपनिंग का पूरी तरह बंद होना। यह कंडीशन खतरनाक हो सकती है। डिलीवरी के दौरान, पहले या इसके बाद महिला को हैवी ब्लीडिंग हो सकती है। इसलिए, इसके प्रति लापरवाही बरतना बिल्कुल सही नहीं होता है।

प्लेसेंटा प्रीविया का जोखिम किसे अधिक रहता है

वैसे तो यह प्लेसेंटा प्रीविया की समस्या किसी को भी हो सकती है। लेकिन, कुछ महिलाओं को इसका जोखिम अधिक होता है। जैसे, अगर किसी महिला के यूट्रस की शेप सही नहीं है या पहले कई प्रेग्नेंसी हो चुकी है। इस स्थिति में प्लेसेंटा प्रीविया हो सकता है। वहीं, किसी महिला को ट्विंस या ट्प्लिट्स हुए हैं, तो भी यह परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, अगर किसी महिला की फैमिली में इसकी मेडिकल हिस्ट्री है, तो भी यह समस्या होने का जोखिम बना रहता है।

All Image Credit: Freepik

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