
कई बच्चों के जन्म के समय शरीर पर कुछ निशान होते हैं। इन निशानों को बर्थमार्क (Birthmark) कहा जाता है। कई बार बर्थ मार्क को लोग अनुवांशिक भी मानते हैं। ये मार्क अलग-अलग रंग और आकार के हो सकते हैं। बच्चे के शरीर पर जन्म से ही होने वाले बर्थ मार्क्स कई बार माता-पिता की परेशानी का कारण बन जाते हैं। अभिभावकों को घबराहट होती है कि कहीं ये किसी तरह की परेशानी का कारण तो नहीं। वैसे तो बर्थ मार्क से बच्चों को किसी तरह की समस्या नहीं होती है। इस विषय पर हमने अपोलो अस्पताल के बाल रोग विभाग के डॉ. के. सुब्रमण्यन से बात कि तो, उन्होंने बच्चों को होने वाले बर्थ मार्क के बारे में विस्तार से बताया।
बच्चों को बर्थ मार्क क्यों होते हैं? Why Birthmark Appear In Infant In Hindi
बच्चे के शरीर के लाल या कई बार नीले रंग के पैच की तरह बर्थ मार्क होता है। बच्चों के शरीर में बर्थ मार्क क्यों होता है, फिलहाल इसके कोई भी वैज्ञानिक कारण का पता नहीं लगाया गया है। जबकि, कुछ शोध करने वाले मानते हैं कि गर्भ में कुछ विशेष तरह की स्थिति इस तरह के निशान के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। अधिकतर बच्चों को बर्थ मार्क से किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है।
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बर्थ मार्क कितने प्रकार के होते हैं? Types Of Birth Mark in Hindi
पिगमेंटेड बर्थमार्क
कोशिकाओं की ओवरग्रोथ की वजह से त्वचा पर पिगमेंट हो जाता है, जिसके कारण पिगमेंटेड बर्थमार्क हो जाते हैं। इस तरह के बर्थ मार्क भूरे और काले रंग को होते हैं। यह एक आम तरह के बर्थ मार्क होते हैं, जो गोले व अंडा आकार के निशान हो सकते हैं। इसे मेडिकल भाषा में कैफ-औ-लेट स्पॉट (café-au-lait) भी कहा जाता है।
वैस्कुलर बर्थमार्क
इस तरह के बर्थमार्क नसों से संबंधित होते हैं। ये बर्थमार्क नसों के बढ़ने की वजह से त्वचा पर होते हैं। वैस्कुलर बर्थमार्क गुलाबी, लाल, पर्पल रंग के हो सकते हैं। इसमें हीमैन्जीओमस (Hemangiomas) नामक बर्थ मार्क भी शामिल किया जाता है, यह लाल रंग का बर्थ मार्क होता है, जो शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है।
तिल होना
कुछ बच्चों के शरीर पर जन्म से ही तिल होता है। इसे भी बर्थ मार्क कहा जाता है। यह आकार में बड़ा व गहरे रंग का होता है। पिगमेंट सेल के बढ़ने की वजह से यह बर्थ मार्क शरीर में बनता है। इस तरह के तिल किसी तरह की समस्या का कारण नहीं बनते हैं। लेकिन, कुछ मामलों में बढ़ने वाले तिल से स्किन कैंसर का खतरा हो सकता है।
हीमैन्जीओमस (Hemangiomas)
नसों के बढ़ने की वजह से बच्चों के शरीर में हीमैन्जीओमस (Hemangiomas) बर्थ मार्क हो जाते हैं। इस तरह के बर्थ मार्क शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं। लेकिन, यह अधिकतर चेहरे, गर्दन और स्कैल्प पर होते हैं। जन्म के कुछ सप्ताह के अंदर यह निशान छोटे और हल्के रंग के भी हो सकते हैं।
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बर्थमार्क में इलाज की जरूरत कब होती है? How To Treat Birthmarks in Hindi
बर्थ मार्क के निशान किसी भी तरह की समस्या का कारण नहीं बनते हैं। बेहद ही कम मामलों में बर्थमार्क किसी तरह की समस्या से संबंधित होते हैं। डॉक्टर्स के अनुसार कुछ बर्थमार्क त्वचा के कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं। जबकि मस्से के आकार के बढ़ने वाले बर्थमार्क ट्यूमर भी बन सकते हैं। इस तरह के बर्थमार्क को हीमैन्जीओमस कहा जाता है। आज बर्थमार्क्स हटाने के लिए लेजर और कॉस्मेटिक तरीके भी उपलब्ध है। लेकिन, इनको हटाने से पहले डॉक्टर से पहले कंसल्ट अवश्य करें।