
How To Take Care Of Newborn Baby During Summer In Hindi: जैसे-जैसे मौसम में तपिश बढ़ती जाती है, हमारे लिए जरूरी है कि हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान का, अपनी लाइफस्टाइल और खानपान का पूरा ध्यन रखें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो, जिससे तबियत खराब न हो। इसी तरह, नाए जन्मे शिशु को भी स्पेशल केयर की जरूरत होती है। दरअसल, नए जन्मे शिशुओं के लिए बाहरी वातावरण और मौसम बिल्कुल नया होता है। उन्हें बाहरी चीजों के साथ तालमेल बैठाने में मुश्किलें आ सकती हैं। ऐसे में अगर गर्मी में उनकी अच्छी तरह देखभाल न की जाए, तो उनकी भी तबियत बिगड़ सकती है। सवाल है इस दौरान उनकी केयर कैसे करें? इस लेख में मेडिकेयर हॉस्पिटल, नवी मुंबाई के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरजोहन मेश्राम (Head of Pediatric Intensive Care Department) से जानें, गर्मी में नवजात की देखभाल के लिए कुछ खास टिप्स।
रोजाना बॉडी स्पंज करें
आमतौर पर नवजात शिशुओं को गुनगुने पानी से नहलाया जाता है, क्योंकि उनका शरीर ठंडा पानी सहने के योग्य नहीं होता है। इसके अलावा, शिशुओं को रोजाना नहलाने के बजाय बॉडी स्पंज भी किया जाता है। वैसे, बच्चे को रोजाना भी नहलाया जा सकता है। लेकिन, उसे लंबे समय के लिए पानी में न रखें। ऐसा करने से उसकी तबियत बिगड़ सकती है। आपको चाहिए कि गर्मी में उसे रोजाना कम पानी में नहलाएं।
शिशु को रखें हाइड्रेटेड
आमतौर छोटे बच्चों को 6 माह तक पानी नहीं दिया जाना चाहिए और 6 माह के बाद उसे ओआरएस का घोल पिला सकते हैं। अगर नवजात शिशु पूरी तरह से अपनी मां पर निर्भर होता है, तो ऐसे में मां को चाहिए कि वह समय-समय पर अपने शिशु को स्तनपान कराती रहें, ताकि उसके शरीर में पानी की कमी न हो। अगर आपका बच्चा 6 माह से बड़ा है और आप उसे बाहरी आहार देती हैं, तो उसे ओआरएस का घोल पिलाएं। साथ ही ये भी नोटिस करें कि वह एक दिन में कितनी बार पेशाब करता है। अगर वह 7-8 बार 24 घंटे के अंदर पेशाब करता है, तो इसका मतलब है कि बच्चे को डीहाइड्रेशन नहीं है। डीहाइड्रेशन होने पर बच्चा पेशाब कम करता है। इसके अलावा, बच्चे को हाइड्रेट रखने के लिए रूम का टेम्प्रेचर भी सही होना चाहिए। कमरे का तापमान 26-28 डिग्री तक रखने की कोशिश करें।
इसे भी पढ़ें: नए पेरेंट्स शिशु की देखभाल में रखें इन 4 बातों का ध्यान, छोटी सी गलती पड़ सकती है भारी
दोपहर में घर से बाहर न निकलें
जरूरत न होने पर दोपहर के समय नवजात शिशु को लेकर घर से बाहर न निकलें। बाहर की धूप और गर्मी की तपिश न तो शिशु के स्वास्थ्य के लिए सही है और न ही उसकी स्किन के लिए। कई बार ऐसा होता है कि नवजात शिशु को दोपहर में बाहर ले जाया जाए, तो उनकी स्किन झुलस जाती है और शरीर में लाल-लाल चकत्ते हो जाते हैं। कुछ बच्चों को धूप की वजह से रैशेज की समस्या भी होने लगती है। इसलिए, आप कोशिश करें कि बच्चे को लेकर इस समय बाहर न निकलें।
इसे भी पढ़ें: नवजात शिशु की देखभाल किस तरह करनी चाहिए? जानें कुछ जरूरी सावधानियां
सूती के कपड़े पहनाएं
गर्मी के दिनों में शिशु को सूती के कपड़े पहनाना बहुत जरूरी होती है। इन दिनों आप उसे किसी ऐसे फैब्रिक के कपड़े न पहनाएं, जिससे उसकी स्किन में प्रॉब्लम हो और वह असहज रहे। ध्यान रखें, नवजात शिशु के लिए सही फैब्रिक चुनना बहुत जरूरी है ताकि गर्मी सहन करने में उसे असुविधा न हो। इसके अलावा, अगर उसे पसीना आए, तो सूती के कपड़ा पसीना सोख ले। इससे उसे गर्मी कम लगेगी और गर्मी से होने वाली समस्याएं भी कम होंगी।
डायपर कम पहनाएं
नवजात शिशु के लिए इन दिनों ज्यादातर महिलाएं डायपर्स का इस्तेमाल करती हैं। हालांकि, डायपर की वजह से महिलाओं को काफी राहत हो जाती है और बच्चे का कपड़ा भी बार-बार गीला नहीं होता है। लेकिन, ध्यान रखें कि गर्मी के सीजन में बच्चे को लंबे समय के लिए डायपर पहनाने से स्किन में रैशेज हो सकते हैं, पसीना आ सकता है और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। अक्सर ऐसे समस्याओं से बचने के लिए माएं पाउडर का इस्तेमाल करती हैं। इससे बच्चे को दिक्कत हो सकती है। अगर उसे डायपर की वजह से पसीना आ रहा हो, तो उसकी स्किन को हाथ से थपथपाते हुए पोंछ दें। आपके नए जन्मे शिशु के साथ डायपर की कारण कोई समस्या न हो, इसके लिए आप उसे सिर्फ रात को सोते समय डायपर पहनाएं। दिन के समय डायपर अवॉयड करें।
image credit: freepik
(With Inputs: Dr. Narjohan Meshram - Head of Pediatric Intensive Care Department, Medicover Hospitals, Navi Mumbai)