
How Much Should Pregnant Women Weigh For Normal Delivery in Hindi: महिलाएं जब कंसीव करती हैं, तो बहुत सारी बातों का ध्यान रखा जाता है। इसमें खानपान, जीवनशैली, एक्सरसाइज आदि सब शामिल हैं। इसके अलावा, अच्छी और बुरी आदतें भी इसमें शामिल होती हैं। महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान इतनी सावधानी बरतती हैं कि वे अपने बच्चे के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर ही हर चीज करती है। वह यह सब इसलिए करती है ताकि स्वस्थ बच्चे का जन्म हो, उसे भविष्य में किसी तरह की परेशानियां न आएं। लेकिन क्या कभी आपने इस ओर गौर किया है कि डिलीवरी के दौरान आपका वजन कितना होना चाहिए ? शायद नहीं। आमतौर पर महिलाएं इस बारे में नहीं सोचती हैं। यही कारण है कि उन्हें यह पता नहीं चलता है कि डिलीवरी के दौरान वे अंडरवेट हैं या ओवर वेट? इस संबंध में हमने शारदा अस्पताल के स्त्री रोग विभाग की यूनिट हेड, प्रोफेसर और वरिष्ठ सलाहकार डॉ रुचि श्रीवास्तव से डिटेल में बात की। पेश है, महत्वपूर्ण जानकारी।
डिलीवरी के समय महिला का वजन
आजकल चूंकि, हर चीज प्लान के अनुसार चलती है। इसलिए महिलाएं भी अपने करियर और दूसरी प्रॉयोरिटी के बाद ही बेबीज प्लान करते हैं। जब आप इसकी तैयारी करें, उसी दौरान अपना वजन मेजर कर लें। दरअसल, प्रेग्नेंसी से पहले आपको अपना वजन पता होना चाहिए। तभी इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि डिलीवरी के समय आपका वजन सामान्य है या नहीं। आपका वजन बीएमआई के अनुसार होना चाहिए। बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स। यह आपकी हाईट और वेट के अनुसार तय होगा। अपना बीएमआई जानने के लिए आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं।
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प्रेग्नेंसी के दौरान कितना वजन बढ़ता है
अगर आपने सामान्य बीएमआई होने पर बेबी कंसीव किया है, तो यह महिलाओं के लिए बहुत अच्छा होता है। जहां तक यह सवाल उठता है प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का कितना वजन होता है, तो यह बात अलग-अलग महिलाओं की सेहत पर निर्भर करता है। फिर भी कम से कम वजन बढ़ने की बात करें, तो आमतौर पर गर्भवती महिलाओं का पहली तिमहा में मुश्किल से एक किलो वजन बढ़ता है। वहीं, अगली तिमाही यानी चौथे, पांचवे और छठे महीने में करीब 5 किलो वजन बढ़ने की संभावना रहती है। आखिरी तिमाही में प्रेग्नेंट महिला का लगभग 5 से 6 किलो वजन बढ़ता है। इस तरह देखा जाए, तो इस पूरी जर्नी के दौरान गर्भवती महिला का 10 से 11 किलो वजन जरूर बढ़ता है।
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वजन कब बनती है समस्या
जब तक महिला का वजन उसकी प्रेग्नेंसी की वजह से बढ़ता है, तब तक उसका स्वास्थ्य सही माना जाता है। अगर स्थिति इससे अलग हुई यानी जब प्रेग्नेंसी की बजाय उसका अपना बॉडी वेट बढ़ने लगे, तो इससे डिलीवरी में समस्या उत्पन्न हो सकती है। दरअसल, जब महिला का वजन बढ़ता है, तो वह ओबेसिटी का शिकार हो जाती है। इससे उसकी डिलीवरी में जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, जैसे बीपी असंतुलित हो जाता है। यही नहीं, अगर महिला डिलीवरी के दौरान ओवर वेट है, तो बच्चे को जन्म के बाद भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
आप रखें इन बातों का ध्यान (Important Tips)
- महिलाओं को अपना बीएमआई पता होना चाहिए।
- उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि प्री प्रेग्नेंसी के समय उनका वजन कितना था।
- अगर पूरी प्रेग्नेंसी जर्नी में 10-12 किलो वजन बढ़ रहा है, तो इसे सामान्य माना जा सकता है।
- अगर प्रेग्नेंसी के दौरान 12 किलो से ज्यादा वजन बढ़ रहा है, महिलाओं को अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- बढ़ते वजन की वजह से अगर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।