जन्म के दौरान शिशु का कमजोर होना कई तरह की समस्या ला सकता है। कई हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि जन्म के दौरान शिशुओं का वजन सामान्य होना चाहिए। अगर शिशु का वजन ज्यादा कम रहता है, तो उन्हें आगे चलकर कई तरह की समस्या हो सकती है। इसलिए शिशुओं के वजन का खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। न्यू हॉस्पिटल के बाल चिकित्सक डॉक्टर विकास कुमार अग्रवाल का कहना है कि स्वस्थ्य शिशु का जन्म 37 से 40 सप्ताह के बीच होता है। इस समय शिशु का भार करीब 2.5 से 4 किलोग्राम के बीच होना जरूरी है। अगर इससे कम वजन है, तो बच्चे को कमजोर मान लिया जाता है। इस स्थिति में बच्चे को वेंटिलेटर में रखने की आवश्यकता (weight loss in newborn baby) पड़ सकती है।
किन कारणों से शिशुओं का होता है वजन कम?
डॉक्टर बताते हैं कि शिशुओं का मुख्य रूप से 2 कारणों से वजन कम होता है। पहला है समय से पहले बच्चे का जन्म और दूसरा है भ्रूण में बच्चे का सही से विकास न होना।
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समय से पहले बच्चे का जन्म
डॉक्टर बताते हैं कि अधिकतर बच्चों का जन्म 34वें सप्ताह के बाद होता है। 34वें सप्ताह के बाद जन्मा शिशु स्वस्थ होता है। लेकिन अगर शिशु 34वें सप्ताह से पहले जन्म ले लेता है, तो उसका वजन कम हो सकता है। इसलिए अक्सर आपने देखा होगा कि 8वे महीने में बच्चे का जन्म सही नहीं माना जाता है।
इंट्रायूटरिन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन (आईयूजीआर)
शिशु का वजन कम होने का एक और कारण हो सकता है। वह है इंट्रायूटरिन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन (आईयूजीआर) है। इंट्रायूटरिन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन (आईयूजीआर) का अर्थ है गर्भ में भ्रूण का सही से विकास न होना। इससे बच्चे से स्वास्थ्य में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं।
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शिशु का वजन कम होने पर कैसे करें उनकी देखभाल
नियमित चेकअप
यदि आपके बच्चे का वजन काफी कम है, तो उसका नियमित चेकअप कराएं। नियमित चेकअप कराने से आप बच्चे के ग्रोथ के बारे में जान सकेंगे। इसके अलावा डॉक्टर से उनके लिए स्पेशल चार्ट बनाएं। ताकि आप फर्क देख सकें।
जरूर कराएं ब्रेस्टफीडिंग
हर शिशु के लिए मां का दूध बहुत ही जरूरी माना जाता है। मां के दूध में सभी तरह का पोषण तत्व मौजूद होता है। कम वजन वाले बच्चों को स्तनपान जरूर कराना चाहिए। उन्हें बाहर का दूध देने से बचें। दिन में जितनी बार हो सके, उन्हें ब्रेस्टफीडिंग कराएं। ताकि उनका विकास सही तरीके से हो पाए।
ठोस खाद्य पदार्थ दें
6 माह बाद बच्चे को दूध के साथ-साथ ठोस खाद्य पदार्थ दें। उनके लिए डॉक्टर से एक अलग से डाइट चार्ट तैयार करवाएं। अपने बच्चे के लिए कोई भी निर्णय लेने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
कंगारू मदर केयर
जन्म के दौरान कम वजन वाले बच्चों की देखभाल के लिए विशेष तकनीकी का सहारा लिया जाता है। इसमें मां को अपने बच्चे को कंगारू की तरह सीने में चिपका कर रखना होता है। ताकि बच्चे का विकास सही तरह से हो सके।
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धैर्य रखें
अगर आप अपने बच्चे के वजन को लेकर परेशान हैं, तो घबराए नहीं। ग्रोथ के दिनों में माता-पिता को धैर्य के साथ काम करने की आवश्यकता होती है। ताकि आप उनका सही से ध्यान रख सकें
शिशु का वजन कम न हो, इसका क्या है बचाव?
- गर्भावस्था के दौरान अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें।
- समय-समय पर अपना चेकअप कराते रहें।
- शरीर में आयरन और कैल्शियम की कमी न होने दें।
- गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
- हेल्दी लाइफस्टाइल का चुनाव करें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।