कहते हैं योग आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। इसलिए यदि आप किसी भी समस्या से पीडि़त हैं, तो आप योग का सहारा ले सकते हैं। आजकल की लाइफस्टाइल में तनाव और चिंता एक आम स्वास्थ्य मुद्दा है, ऐसे में योग आपकी इन समस्याओं को दूर कर सकता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में भी पाया गया कि यदि आप नियमित रूप से हफ्ते में एक बार भी योग सत्र करते हैं, तो यह डिप्रेशन के लक्षणों को कम कर सकता है।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन ऑनलाइन में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया है कि योग के साप्ताहिक सत्र से अवसाद यानि डिप्रेशन के लक्षणों को कम किया जा सकता है और ऐसा करना उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद है, जो डिप्रेशन या फिर तनाव से पीडि़त हैं।
क्या कहती है रिसर्च?
अध्ययन के अनुसार, लगभग 340 मिलियन से अधिक लोग डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों से प्रभावित हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि डिप्रेशन के लक्षण अक्सर अन्य मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों जैसे तनाव, चिंता और मानसिक विकारों के साथ चलते हैं। डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद के लिए अब शारीरिक गतिविधि की व्यापक रूप से सलाह दी जाती है।
शोधकर्ताओं ने जानना चाहा है कि क्या मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए योग सहायक हो सकता है। वे यह भी जानना चाहते थे कि क्या योग से अन्य लाभ हो सकते हैं, जैसे कि बेहतर व्यायाम क्षमता, वजन कम करना, बेहतर नींद और जीवन की बेहतर गुणवत्ता। इसलिए उन्होंने मई 2019 तक प्रकाशित परीक्षणों की तलाश में रिसर्च डेटाबेस को पकड़ा, जिन्होंने सामान्य उपचार के साथ योग की तुलना की थी और कोई वर्तमान उपचार नहीं था और सेल्फ हेल्प, पुस्तकों, स्वास्थ्य जानकारी और दोस्तों व परिवार के समर्थन को शामिल किया गया था।
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ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित नए विश्लेषण में 19 यादृच्छिक नियंत्रित नैदानिक परीक्षणों की समीक्षा की। जिसमें अध्ययन में लोगों को अल्कोहल पर निर्भरता, डिप्रेशन और बाइपोलर डिऑर्डर का एक औपचारिक निदान किया गया था। एक मनोविकृति जैसे कि सिज़ोफ्रेनिया या पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस सिंड्रोम, जिसे पीटीएसडी कहा जाता है।
प्रतिभागियों ने औसतन 20 से 90 मिनट के बीच एक से दो साप्ताहिक योग सत्र किए, जिसमें कम से कम आधे सत्र में शारीरिक गतिविधि शामिल गई थी।
अध्ययन के परिणाम
अध्ययन के परिणाम में पाया गया कि प्रतिभागियों के योग के साप्ताहिक सत्र औसतन लगभग 2.5 महीने की अवधि में 20 से 90 मिनट के बीच के होते थे। जिसका प्रभाव सबसे अधिक डिप्रेशन और सिज़ोफ्रेनिया के लिए था। आगे के विश्लेषण से पता चला है कि साप्ताहिक योग सत्रों की संख्या जितनी अधिक होगी, डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में इसका प्रभाव उतना ही अधिक होगा। यानि जिन्होंने योग सप्ताह में प्रत्येक सप्ताह अधिक योगासन किए, वे उतने ही स्ट्रेस-फ्री थे और उनमें डिप्रेशन के लक्षणों को उतने ही कम हुए।
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अध्ययन की लेखक लॉरी हाइलैंड ने कहा, "अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि आप जितना अधिक योग करेंगे, उतना बेहतर प्रभाव होगा। हालांकि, हम सटीक 'खुराक' नहीं जानते हैं, लेकिन जो प्रति सप्ताह अधिक योग सत्र करते हैं, उनमें अवसाद के लक्षणों में कमी आई है।''
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