अब वह समय नहीं रहा जब केवल लड़के ही ड्रिंक या शराब का सेवन करते थे। आज के आधुनिक युग में पश्चिमी देशों के अलावा, यहां भी महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्यों शराब से परहेज करने वाली महिलाएं भी आज जाम से जाम टकरा रही हैं और ड्रंकोरेक्सिया यानि नशे की लत की शिकार बन रही हैं। आइए यहां इस नए अध्ययन में जानें, इस नए शोध के अनुसार, महिलाओं का अनियंत्रित पीना यानि बिंज ड्रिंकिंग उनमें नशे की बीमारी का कारण बन सकती है।
बिंज ड्रिंकिंग और ड्रंकोरेक्सिया
पश्चिमी देशों की महिलाओं के साथ-साथ अब भारत के महानगरों में भी महिलाएं नशे की लत या कहें ड्रंकोरेक्सिया की शिकार हो रही हैं। जिसमें बिंज ड्रिंकिंग महिलाओं में नशे की लत का एक कारण है। चाहे वह मोहितो हो या फिर फिज्जी ड्रिंक का एक नार्मल गिलास, लेकिन अगर आप अपने आप इसे भी कुछ अधिक यानि हद से ज्यादा पीते हुए पाते है, तो आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकते हैं। क्योंकि शोधकर्ताओं का कहना है, शराब हो या फिज्जी ड्रिंक, बिंज ड्रिंकिंग की आदत हद से ज्यादा ड्रंकोरेक्सिया या नशे की लत में योगदान कर सकते हैं, खासकर कि युवा महिलाओं में।
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क्या है ड्रंकोरेक्सिया?
ड्रंकोरेक्सिया एक हानिकारक और खतरनाक व्यवहार है। जहां ज्यादा पीने की चाहत आपके खाने को बाय और पीने को हाय कहती है। हालांकि यह एक ईटिंग डिसऑर्डर नहीं है, लेकिन यह एक तरह से खाने के अव्यवस्थित पैटर्न और ओवर ड्रिंकिंग या शराब का हद से ज्यादा सेवन है। ड्रंकोरेक्सिया वास्तव में आपकी हेल्थ पर बुरा असर डालता है। इसके दुष्प्रभावों में लिवर डैमेज होने से लेकर वजन बढ़ना तक शामिले है।
क्या कहती है रिसर्च?
हाल में हुए अध्ययन के मुताबिक ओवर ड्रिंकिंग या बिंज ड्रिंकिंग यंग वुमन और महिलाओं में ड्रंकोरेक्सिया का कारण बन सकती है। यह शोध ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के छात्रों, 18-24 वर्ष की आयु की 479 महिलाओं पर किया गया। जिसमें उनके पीने के पैटर्न की जांच करने के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि 82.7 प्रतिशत छात्राओं ने पिछले तीन महीनों में नशे में व्यवहार यानि ड्रंकोरेक्सिया की शिकार थी।
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दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता एलिसिया पावेल-जोन्स ने कहा, "उनकी उम्र और विकास के चरण के कारण, युवा वयस्कों को जोखिम लेने वाले व्यवहार में शामिल होने की अधिक संभावना होती है, जिसमें अधिक शराब पीना शामिल हो सकता है।"
प्रतिबंधात्मक और अव्यवस्थित खाने के पैटर्न के साथ शराब की खपत बेहद खतरनाक है और यह गंभीर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिणामों के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती है।
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