खराब नींद या नींद में कमी बन सकती है अस्‍थमा अटैक का संभावित कारण, शोध में हुआ खुलासा

नीद में गड़बड़ी या खराब नींद वयस्कों में अस्थमा अटैक का एक संभावित जोखिम कारक है। इतना ही नहीं, ये अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को भी बढ़ाता है। 
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खराब नींद या नींद में कमी बन सकती है अस्‍थमा अटैक का संभावित कारण, शोध में हुआ खुलासा


बहुत से लोग नींद को स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण कारक नहीं मानते हैं, लेकिन स्वास्थ्य और स्वस्थ रहने के लिए नींद चक्र की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बाकी पूरे दिन शारीरिक रूप से सक्रिय रहना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। एक मानव शरीर को अपने शरीर को खुद को अगले दिन के लिए तैयार करने की खतिर समय की आवश्यकता होती है। इसलिए, स्वास्थ्य एक वयस्क के लिए कम से कम 6-7 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं। काम और आराम स्वास्थ्य के सिक्के के दो पहलू हैं। अपर्याप्त नींद या खराब नींद या नींद न आना नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव है, जो आजीवन समस्‍याओं जैसे अस्थमा, अनिद्रा, पाचन समस्याओं और न्यूरोलॉजिकल समस्‍याओं को ट्रिगर कर सकता है। यदि आप इन स्वास्थ्य जोखिमों में खुद को नहीं डालना चाहते हैं, तो अपने सोने के समय को तय करें और अपनी नींद में सुधार करें। नींद और अस्थमा कैसे संबंधित हैं, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।

Poor Sleep

क्या खराब नींद बन सकती है अस्थमा का कारण?

वायु प्रदूषण, गंदगी और धूल कणों के लंबे संपर्क सहित अस्थमा के विभिन्न जोखिम कारक हैं। कुछ भी, जो आपके फेफड़ों और श्वसन प्रणाली के कामकाज को संभावित रूप से प्रभावित कर सकता है, वह अस्‍थमा और इसी तरह की अन्य समस्याओं के लिए एक संभावित जोखिम कारक है। शोधकर्ताओं के अनुसार, नींद न आना या पर्याप्त नींद या फिर नींद में गड़बड़ी भी अस्थमा को ट्रिगर कर सकती है। खराब नींद किशोरों के साथ-साथ वयस्कों में भी अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकती है। चूंकि ये दोनों श्रेणियां नींद के प्रति सबसे ज्यादा अंजान हैं। क्‍योंकि ज्‍यादातर लोग हमेशा अपने फोन और गैजेट्स के साथ ही सोते हैं। यही कारण है कि उनमें नींद से संबंधित समस्याओं का अधिकतम जोखिम है। संयुक्त राज्य अमेरिका में पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय ने नींद और अस्थमा के बीच की कड़ी स्थापित करने के लिए एक शोध किया। अध्‍ययन के वरिष्ठ लेखक विश्वास लुइस्टर ने कहा, ''हमारे अध्ययन से पता चलता है कि अस्थमा से पीड़ित वयस्क बहुत कम (या कभी-कभी बहुत अधिक) नींद से ही प्रभावित होते हैं।" 

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Poor Sleep And Asthama

क्‍या कहती है रिसर्च? 

रिसर्च टीम ने अस्थमा अटैक से पीड़ित लोगों के मेडिकल और लाइफस्‍टाइल हिस्‍ट्री का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि सामान्य स्लीपर्स और लॉन्ग स्लीपर्स की तुलना में शॉर्ट स्लीपर्स अस्‍थमा के अधिक जोखिम में हैं। जबकि कम नींद लेने वालों में जोखिम लगभग 59 प्रतिशत है, यह सामान्य और लंबी नींद में क्रमशः 45 और 51 प्रतिशत है। सिर्फ अस्थमा ही नहीं, बल्कि कम नींद लेने वालों में और भी कई स्वास्थ्य समस्याएं पाई गई।

Asthma Attack

'एनल्स ऑफ एलर्जी, अस्थमा और इम्यूनोलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में अस्थमा की शिकायत वाले 1,300 से अधिक वयस्कों का सर्वेक्षण किया गया। फिर उन्हें कार्यदिवस और छुट्टी के दिन में सोने के घंटे के अनुसार वर्गीकृत किया गया। जिसमें अस्थमा अटैक, सूखी खांसी और अन्य श्वसन मुद्दों की वृद्धि की संभावना कम नींद लेने वालों  वयस्कों में सबसे अधिक थी। 

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कम नींद लेने वालों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की शिकायत के साथ एक खराब जीवन शैली भी मिली। जर्नल के एडिटर-इन-चीफ गेलिन डी मार्शल ने कहा, "इस अध्ययन से अस्थमा के रोगियों को अपने एलर्जिस्ट के साथ नींद की समस्‍याओं पर चर्चा करने के अभ्यास में ठोस सबूत मिलते हैं, ताकि यह निर्धारित करने में मदद मिल सके कि उन्हें एक घटक के रूप में पर्याप्त नींद प्राप्त करने के लिए अपने अस्थमा की योजना को बदलने की आवश्यकता है या नहीं। कुल मिलाकर अच्छा अस्थमा प्रबंधन हो सके। "

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