वर्तमान समय में महिला और पुरुष दोनों में समान रूप से गंजेपन की समस्या हो रही है। खान-पान और जीवनशैली के कारण असमय बाल झड़ने से गंजेपन की समस्या हो रही है। गंजापन को एलोपेसिया भी कहते हैं। जब असामान्य रूप से बहुत तेजी से बाल झड़ने लगते हैं और नये बाल उतनी तेजी से उग नही या फिर बाद में उगने वाले बाल पहले के बालों की तुलना में अधिक पतले या कमजोर उगते हैं। ऐसे में आगे जाकर गंजे होने की संभावना बढ़ जाती है।
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महिलाओं में गंजेपन के कारण
महिलाओं में गंजेपन की समस्या हार्मोंन्स के असंतुलन के कारण होती है। गर्भावस्था और मीनोपॉज के समय महिलाओं में सबसे ज्यादा हार्मोन्स में परिवर्ततन होता है जिसके कारण गंजेपन की समस्या होती है। लेकिन इसके अलावा कई अन्य कारण भी हैं जो इसके लिए उत्तरदायी हैं।
बालों की जड़ों का कमजोर हो जाना, पिट्यूटरी ग्लैंड(पियूस ग्रंथि) में हार्मोन्स की कमी, सिर पर ज्यादा रूसी होना, बालों की जड़ों को जरूरी पोषक तत्व न मिलना, गुस्सा करना, मानसिक तनाव में रहना, किसी विषय पर ज्यादा सोच-विचार करना, अधिक गरम खाना, बालों में बार-बार कंघी करना, गीले बालों में कंघी करना, बालों को हमेशा ढक कर रखना, पर्याप्त नींद न लेना, आदि के कारण महिलायें गंजेपन का शिकार होती हैं।
महिलाओं में गंजापन दूर करने के उपाय
चाहे महिला हो या पुरुष गंजेपन के इलाज के लिए कई तरीके ईजाद हो चुके हैं और इन तरीकों को आजमाकर आसानी से गंजेपन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। गंजेपन की समस्या को दूर करने के लिए महिलायें दो तरीकों को आजमा सकती हैं - वैज्ञानिक और घरेलू नुस्खे :
वैज्ञानिक तरीके
हेयर ट्रांसप्लांटेशन
गंजेपन के इलाज के लिए यह सबसे अच्छा और आसान तरीका है। इस तकनीक के जरिये शरीर के एक हिस्से से हेयर फॉलिकल्स को लेकर सिर में ट्रांसप्लांट किया जाता है। यह प्रक्रिया दो तरह से अमल में लाई जाती है। एक होती है स्ट्रिप तकनीक और दूसरी होती है फॉलिकुलर यूनिट ट्रांसप्लांट।
स्टेम सेल तकनीक
वैज्ञानिकों ने स्टेम सेल के जरिए बालों को उगाने का तरीका खोज निकाला है। इस तकनीक में त्वचा के नीचे पाए जाने वाले फैट सेल से बालों को नए सिरे से उगाया जा सकता है। इनमें मौजूद स्टेम सेल बालों को उगाने में मदद करेंगे। इस तरीके से उगाए गए बाल न सिर्फ स्थायी होंगे, बल्कि देखभाल के हिसाब से भी आसान साबित होंगे।
लेजर ट्रीटमेंट
महिलायें इस तकनीक का सहारा लेकर गंजेपन का इलाज कर सकती हैं। लेजर ट्रीटमेंट से गिरते बालों और गंजेपन का उपचार किया जाता है। लेजर तकनीक में सिर की ब्लड कोशिकायें एक्टिव होकर रक्त का संचार तेज कर देती हैं, जिससे बालों को उगने में मदद मिलती है।
हेयर वीविंग
यह ऐसी तकनीक है जिसके जरिए सामान्य बालों को या सिंथेटिक हेयर को खोपड़ी के उस भाग पर वीव कर दिया जाता है, जहां गंजापन है। इसके लिए आमतौर पर हेयर कटिंग कराने के बाद जो बाल मिलते हैं, उनको हेयर मैन्युफैक्चरर के जरिए वीविंग के काम में प्रयोग किया जाता है।
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घरेलू उपचार से
- मेथी को पूरी रात भिगो दीजिए फिर सुबह उसे गाढ़ी दही में मिला कर अपने बालों और जड़ो में लगाइए। बालों को धो लें, इससे रूसी और सिर की त्वचा के विकार समाप्त होंगे। मेथी में निकोटिनिक एसिड और प्रोटीन पाया जाता है जो बालों की जड़ो को पोषण पहुंचाता है और बालों की ग्रोथ भी बढ़ाता है।
- उड़द की दाल को उबाल कर पीस लीजिए, रात को सोने से पहले इस लेप को सिर पर लगाइए। कुछ दिनों तक करते रहने बाल उगने लगते हैं और गंजापन समाप्त हो जाता है।
- थोड़ी सी मुलेठी लेकर दूध की कुछ बूंदे डालकर उसे पीस लीजिए, फिर उसमें चुटकी भर केसर डालकर उसका पेस्ट बनाइए। इस पेस्ट को रात में सोने से पहले सिर पर लगाइए।
- हरे धनिये का पेस्ट बनाकर जिस स्थान के बाल उड़ गये हैं वहां लगाइए। कुछ दिनों तक लगाने से बाल उगने लगते हैं।
- केले का गूदा निकालकर उसे नींबू के रस में मिलाकर सिर पर लगाने से बालों के झड़ने की समस्या कम होती है और बाल फिर से उगने लगते हैं।
- प्याज को काटकर उसके दो हिस्से कर लीजिए। जिस जगह के बाल झड़ गये हो वहां पर आधे प्याज को 5 मिनट तक रोज रगडें। बाल झड़ना बंद होगा ही साथ ही साथ बाल फिर से उगने लगेंगे।
महिलायें अपने खान-पान पर ध्यान दें तो गंजेपन की समस्या कम ही होगी। खाने में ऐसे खाद्य-पदार्थ शामिल कीजिए जिनसे बालों को जरूरी पोषण मिलता हो। अगर इन तरीकों को आजमाने के बाद भी गंजेपन की समस्या से छुटकारा नही मिल रहा है तो एक बार चिकित्सक से संपर्क अवश्य कीजिए।
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