
अगर बच्चे के साथ मां का संवाद पहले से ही यानि गर्भावस्था में स्थापित होने लगे तो बच्चा मां के द्वारा की जाने वाली सारी गतिविधियों से जुड़ना शुरू कर देता है। ऐसे में कुछ माएं इसे गंभीरता से नहीं लेती। वे बच्चे के जन्म का इंतजार करती हैं। अगर आप यहां दिए कुछ उपायों को अपनी प्रेग्नेंसी टाइम की दिनचर्या में जोड़ दें तो इससे आपका शिशु चतुर और बुद्धिमान बन सकता है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि आप प्रेग्नेंसी के दौरान किस तरह की दिनचर्या को अपना सकते हैं और अपने बच्चे को अच्छी आदतों से किस प्रकार रूबरू करा सकते हैं। साथ ही हम जानेंगे की आपको प्रेग्नेंसी के दौरान किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। पढ़ते हैं आगे...
 
कैल्शियम का सेवन जरूरी
बच्चों को चतुर तथा उसका स्वस्थ दिमाग बनाना आपके हाथ में है। ऐसे में कैल्शियम आपकी मदद कर सकता है। कैल्शियम बेहद महत्वपूर्ण खनिज है। जिसका उपयोग हर मां को करना चाहिए। इसके लिए आप अपनी डाइट में बदाम, अंजीर, किशमिश, सैमन मछली, पालक और ब्रोकली आदि जोड़ सकते हैं। इनके सेवन से भरपूर मात्रा में कैल्शियम मिलता है। अनाज में आप मसूर, चना आदि से कैल्शियम प्राप्त कर सकते हैं।
संगीत का असर बच्चे के दिमाग पर
अगर बच्चे को संगीत सुनाया जाए तो इससे उसका दिमाग शांत रहता है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान आप संगीत सुनने की आदत डालें। लेकिन ध्यान रखें कि इसके लिए आप ईयर फोन या हेडफोन का इस्तेमाल ना करें और केवल सॉफ्ट कानों का चयन करें ताकि बच्चे को आराम पहुंच सके।
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माताएं मुंह और दांतो की सफाई का रखें ध्यान
बता दें कि प्रेग्नेंट स्त्री को अपने मुंह और दांतों की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि अगर गर्भावस्था में मां को मुंह और दांतों की बीमारी हो जाती है तो इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ता है और उसका वजन कम होने लगता है। जो बच्चे की सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। ऐसे में समय-समय पर अपने दांतों का चेकअप भी करवाना सही विकल्प है।
तनावपूर्ण वातावरण से रहें दूर और हरी सब्जियों का करें सेवा
यदि आप तनावपूर्ण वातावरण में रहेंगे तो इससे आपके बच्चे के मस्तिष्क पर भी प्रभाव पड़ेगा ऐसे में तनाव से दूर रहने के लिए मेडिटेशन योगा प्राणायाम एक्सरसाइज की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा अगर आप अपनी डाइट में हरी सब्जियां ताजे फलों का जूस आदि को जोड़ेंगे तो इससे ना केवल बच्चे की सेहत पर प्रभाव पड़ेगा बल्कि बच्चे की रंगत भी निखरेगी। ध्यान रहे कि आप अगर अपने बच्चे को चतुर बनाना चाहती हैं तो चीनी का सेवन कम से कम मात्रा में करें।
गर्भावस्था में भी अपने बच्चों से बात करें
गर्भावस्था के दौरान अक्सर माएं सोचती हैं कि बच्चा उनकी बातों को नहीं सुन रहा है पर ऐसा नहीं होता है। ऐसी अवस्था में भी अगर आप अपने बच्चे से बात करेंगे तो आपका बच्चा आप से जुड़ाव महसूस करेगा। ऐसे में जन्म लेने के बाद उसके साथ आपका संबंध और गहरा बनेगा
स्वस्थवर्द्धक तेल का सेवन
अगर आप अपने शिशु को बुद्धिमान बनाना चाहती है तो आहार में स्वस्थवर्द्धक तेलों का सेवन जरूर करें। इससे न केवल बच्चे का दिमाग तेज होगा बल्कि यह चतुर भी बनेगा।
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