आज की भागमभाग जिंदगी में पैदल चलना लगभग न के बराबर हो गया है और व्यक्ति इन तमाम फायदों की जानकारी रखते हुए भी पैदल चलने से कतराता है। आखिरकार ऐसा हो भी क्यों न, जबकि वैज्ञानिकों के नित नये-नये आविष्कारों की सुविधाओं ने हमें आलस्य के इस धरातल पर ला बिठाया है जिसकी वजह से पैदल चलना गैर जरूरी सा लगने लगा है।
पैदल चलना हमारी दिनचर्या में काफी हद तक कम हो गया है, किन्तु वर्तमान समय में यह स्वास्थ्य के लिए पहले से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। पैदल चलना भी एक एक्सरसाइज के ही बराबर है। जहां प्रात:काल टहलने से सम्पूर्ण शरीर पर एक खास असर पड़ता है, वहीं शरीर में हाथों, घुटनों एवं जंघाओं जैसे जोड़ों के दर्द से निजात भी दिलाता है। सुबह के समय टहलना हर लिहाज से स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है।
शोध के अनुसार
अमेरिकन हर्ट एसोसिएशन की पत्रिका `आर्टरियोस्क्लेरोसिस, थ्रोम्बोसिस एंड वैस्कुलर बायोलॉजी` में प्रकाशित इस अध्ययन के निष्कर्ष नेशनल रनर्स हेल्थ स्टडी के 33,060 धावकों और नेशनल वाकर्स हेल्थ स्टडी के 15,045 टहलने वालों पर किए गए विश्लेषण पर आधारित है। एक रिपोर्ट के अनुसार, छह वर्षों तक किए गए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि औसत दर्जे की रफ्तार से टहलने और तेज रफ्तार दौड़ने में यदि समान ऊर्जा खर्च होती है तो ये दोनों गतिविधियां उच्च रक्त चाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, और दिल की बीमारी के खतरे कम करने में समान रूप से कारगर हैं।
एकाग्रता बढ़ती है
पढ़ने वाले बच्चों के लिए सुबह भ्रमण करना बेहद ही लाभदायक है क्योंकि सुबह नियमित रूप से टहलने से एकाग्रता का सहज ही विकास होता है जिससे याद करने में अधिक कठिनाई महसूस नहीं होती।
जवां बनाये रखें
टहलने से व्यक्ति खुद को जवां महसूस करता है क्योंकि टहलने से व्यक्ति उत्तकों की मरम्मत का कार्य भली-भांति सम्पन्न हो जाता है। इसीलिये यदि आप युवा दिखने की इच्छा को मन में रखते हैं तो अधिक से अधिक पैदल चलें।
पाचन क्रिया दुरुस्त रखें
टहलने से आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त बनती है। टहलने से न केवल पाचन प्रणाली सही ढंग से काम करती है अपितु कब्ज से परेशान व्यक्ति को भी अवश्य ही लाभ पहुंचाता है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
टहलने से शारीरिक स्वास्थ्य उत्तम रहने के साथ-साथ उससे कहीं अधिक हमारे मानसिक स्वास्थ्य को फायदा होता है। इससे शरीर को अधिक आक्सीजन मिलती है जो दिमाग तक जाती है और इससे सोचने और समझने की क्षमता में खास बढ़ोतरी होती है। टहलते समय शरीर से स्टेरायड हार्मोन अधिकाधिक निकलते हैं जो इंसान को सुखद अनुभव महसूस कराते हैं।
सकारात्मकता का अनुभव
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रात:काल टहलने से मस्तिष्क में एंडोर्फिन हारमोन स्रावित होता है जिस कारण हमारा मूड परिवर्तित होता है और सकारात्मक भावनाएं उत्पन्न होती है।
यह सबसे बेहतरीन कसरत है। वैसे भी चलना ही जिंदगी है तो क्यों न खूब पैदल चला जाएं।
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