कुछ लोगों के लिए मुंहासे टेंशन की एक बड़ी वजह बन जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि विटामिन ई से इस समस्या को कम किया जा सकता है। विटामिन-ई में एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं, जिसका इस्तेमाल कई स्किन प्रोडक्ट में भी किया जाता है। ये स्किन की कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। हालांकि बहुत से लोग मुंहासे के लिए विटामिन-ई तेल का उपयोग भी करते हैं। टॉपिकल विटामिन-ई ऑयल ओवरऑल स्किन हेल्थ में सुधार करता है। कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर भावुक मित्तल के मुताबिक विटामिन-ई तेल मुंहासों के लिए प्रभावी होता है, लेकिन ये काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसका उपयोग कैसे करते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि मुंहासे कम करने के लिए विटामिन-ई का प्रयोग किया जा सकता है।
विटामिन ई कॉमेडोन और प्रोपियोनिबैक्टीरियम एक्ने के विकास को रोकता है।
इसके अलावा ये त्वचा की अन्य समस्याएं जैसे कि सूजन और पिगमेंटेशन को भी कम करने में सहायक होता है। एंटी-एजिंग के लिए विटामिन-ई का उपयोग किया जा सकता है। ये एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करने में सहायक होता है। इसलिये एक्सपर्ट्स का मानना है कि अपने स्किनकेयर रूटीन में विटामिन-ई को शामिल किया जा सकता है।
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मुहांसों के लिए कैसे प्रयोग करें विटामिन-ई
विटामिन-ई ऑयल का प्रयोग कैसे करे
इसका प्रयोग विटामिन-ई क्रीम, लोशन और सीरम के रूप में किया जा सकता है। कई लोग इसे टॉपिकल उपयोग के लिए करते हैं जिसे किसी भी फेसपैक या लोशन में मिलाकर लगाया जा सकता है। ये ड्राई स्किन के लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। सोते समय स्किन पर इसे अप्लाई करने से स्किन स्मूथ और सॉफ्ट बनती है।
विटामिन-ई सप्लीमेंट्स
विटामिन-ई सप्लीमेंट्स को कैप्सूल और टैबलेट के रूप में लिया जा सकता है। इसके सप्लीमेंट्स लेने से डाइट में इसकी पर्याप्त मात्रा पहुंच जाती है। जिसके बाद इसे स्किन पर लगाने की आवश्यकता नहीं होती। विटामिन-ई सप्लीमेंट्स का सेवन करने से पहले चिकित्सक की सलाह लें।
डाइट में विटामिन-ई
विटामिन-ई स्वाभाविक रूप से कई आहार में पाया जाता है। विटामिन-ई के सबसे समृद्ध स्त्रोत साबुत अनाज, पालक, मेवे, सनफ्लॉवर ऑयल और ऑलिव ऑयल होते हैं। इसके अलावा सीफूड, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, ब्रोकली, आम और कीवी को भी डाइट में शामिल किया जा सकता है। विटामिन-ई की खुराक हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकती है। 14 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को प्रतिदिन लगभग 10-15 मिलीग्राम विटामिन-ई की आवश्यकता होती है। वहीं स्तनपान करने वाली महिलाओं को प्रतिदिन 15-19 मिलीग्राम विटामिन-ई की आवश्यकता होती है।
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विटामिन-ई से स्किन को नुकसान
- स्किन एलर्जी होने पर इसका इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है।
- कई विटामिन-ई में प्रिजरवेटिव और स्टेबलाइजर होता है, जिससे स्किन में परेशानी हो सकती है।
- विटामिन-ई ऑयल, क्रीम और सीरम ऑयली स्किन के नुकसानदायक हो सकते हैं।