गठिया यानी की रूमेटोइड के कारण किसी भी व्यक्ति के जोड़ प्रभावित हो सकते हैं। गठिया एक सूजन संबंधी विकार है। गठिया के कारण फेफड़ों, आंखों, रक्त वाहिकाओं, ह्रदय और त्वचा की भी परेशानी पैदा हो सकती है। गठिया की समस्या तब होती है जब प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के ऊतकों पर गलती से हमला कर देती है। गठिया से हुई सूजन शरीर के अन्य हिस्सों को भी नुकसान पहुंचाती है। गठिया समय के साथ बढ़ती जाती है, जिसके कारण लोगों को चलने-फिरने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जोड़ों का दर्द यानी गठिया असाध्य बीमारी है। लेकिन एक शोध में कहा गया है कि इस बीमारी में शाकाहार से बड़ी राहत मिल सकती है। शाकाहार गठिया के मरीजों को दिल के दौरे से बचाने में काफी हद तक मददगार है। शाकाहार के सेवन से घटता है दिल का दौरा पड़ने और मस्तिष्काघात का खतरा कम हो जाता है।
शाकाहार खाए गठिया भगाएं
स्टाकहोम के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के प्रो. जोहान फ्रास्टेगर्ड के मुताबिक जिन लोगों को शाकाहारी भोजन दिया गया, उनके जोड़ों में सूजन कम पाया गया। यह कमी औसतन 5.3 से 4.3 पाई गई। उनके खून में 'सीआरपी' नामक रसायन भी कम पाया गया। यह रसायन शरीर में जलन पैदा करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।अध्ययन में शामिल 30 रोगियों को तीन महीने तक शाकाहारी और 28 को सामान्य भोजन दिया गया और उनके खून में विभिन्न रसायनों की स्थिति पर नजर रखी गई। शाकाहार लोगों के शरीर में प्राकृतिक एंटीबाडीज (रोग प्रतिरक्षी) को बढ़ाने में भी काफी मददगार साबित होता है। जिससे रियूमेटायड आर्थराइटिस के स्तर को घटाया जा सकता है।
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शाकाहारी होने के अन्य फायदे
- शाकाहारियों में हृदय को रक्त भेजने वाली धमनियों से संबंधित बीमारी की संभावना कम होती है।
- शाकाहारियों में कुल तरल कोलेस्ट्रॉल तथा कम-घनत्व वाले लायपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल की मात्रा सामान्यतः कम पाई जाती है।
- उच्च-घनत्व वाले लायपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस प्रकार का शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं।
- शाकाहारी भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम होती है, लेकिन शाकाहारी व्यक्ति प्रोटीन की अपनी आवश्यकता संतुलित भोजन करके पूर्ण कर सकते हैं।
- वनस्पतियों से प्राप्त प्रोटीन शरीर की अमीनो एसिड की आवश्यक मात्रा के लिए पर्याप्त है, बशर्ते विभिन्न प्रकार के वनस्पति आधारित पदार्थों का सेवन किया जाए।
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गठिया के लक्षण
- थकान।
- त्वचा पर रेश या लाली।
- उंगली जोड़ों पर सूजन।
- पीठ, जोड़ों, या मांसपेशियों में दर्द।
- प्रभावित मांसपेशियों की कठोरता, सूजन और कोमलता।
- त्वचा पर शारीरिक विकृति, पिन और सुइयों की सनसनी है।
विश्वभर से लिए गए आंकड़े यह दर्शाते हैं कि वनस्पति आधारित भोजन करने वालों में स्तन का कैन्सर होने की संभावना कम होती है। कारण शाकाहारियों में एस्ट्रोजन की कम मात्रा सहायक पाई गई है।
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