Vajroli Mudra in Hindi: स्वस्थ, बीमारियों से मुक्त और फिट रहने के लिए हमेशा योग करने की सलाह दी जाती है। कई लोग योग को अपनी जीवनशैली में शामिल भी करते हैं। रोजाना योग करने से आप शारीरिक, मानसिक रूप से फिट रह सकते हैं। वैसे तो योग के सभी आसन, मुद्राएं फायदेमंद होती है। लेकिन आज के इस लेख में हम आपको वज्रोली मुद्रा के बारे में बताने जा रहे हैं।
वज्रोली मुद्रा करने से आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं। इसे नियमित रूप से करने से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। इसके अलावा वज्रोली मुद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है।
वज्रोली मु्द्रा करने का तरीका (how to do vajroli mudra)
- वज्रोली मुद्रा करने के लिए आप सबसे पहले किसी शांत वातावरण में योग मैट पर बैठ जाएं।
- आप योग मैट पर पद्मासन या सुखासन में बैठ सकते हैं।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।
- अब अपनी दोनों आंखें बंद कर लें। नाक से लंबी गहरी सांस लेते रहें।
- सांस लेने के बाद इसे कुछ देर अपने अंदर रखें। इस दौरान अपने गुदाद्वार और अंडकोष के बीच के भाग को ऊपर की तरफ संकुचित करने की कोशिश करें।
- इस अवस्था में जितनी देर हो सके रुकें। इसके बाद सांस छोड़ दें।
- इस क्रिया को आप धीरे-धीरे 10-15 बार आसानी से रोजाना कर सकते हैं।
वज्रोली मुद्रा के फायदे (vajroli mudra benefits in hindi)
- अगर आप नियमित रूप से वज्रोली मुद्रा करते हैं, तो इससे आपका पाचन तंत्र हमेशा स्वस्थ रह सकता है। पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आप वज्रोली मुद्रा कर सकते हैं। इसके नियमित अभ्यास से आप कब्ज, गैस आदि से बच सकते हैं।
- वज्रोली मुद्रा का अभ्यास करने से कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। अगर आपको कब्ज रहती है, तो इस स्थिति में आप वज्रोली मुद्रा कर सकते हैं।
- वज्रोली मुद्रा करने से यौन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। लेकिन अगर आपको कोई गंभीर यौन समस्या है, तो एक्सपर्ट की राय पर ही इस आसन को करें।
- नियमित रूप से वज्रोली मुद्रा करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है। वज्रोली मुद्रा शारीरिक शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।
- वज्रोली मुद्रा का अभ्यास करने से पेट में जमा टॉक्सिंस आसानी से निकल जाते हैं। इससे स्किन भी साफ होती है।
- पेशाब से जुड़ी समस्याएं ठीक हो सकती है। वज्रोली मुद्रा करने से बार-बार पेशाब आने, रुक-रुक कर पेशाब आना और पेशाब करते समय जलन महसूस होना, जैसी समस्याएं ठीक हो सकती हैं।
- वज्रोली मुद्रा मलद्वार मूत्र रोग जैसे बार-बार पेशाब आना, रुक-रुक कर पेशाब आना व पेशाब करते समय लिंग व योनी में जलन होना में भी कारगर हैं।
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वज्रोली मुद्रा के नुकसान
वज्रोली मुद्रा करना शुरुआत में थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे इसकी आदत पड़ जाती है। फिर आप इसे आसानी से कर सकते हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई गंभीर समस्या है, तो वज्रोली मुद्रा का अभ्यास करने से बचें।
वज्रोली मुद्रा करते हुए सावधानियां
- वज्रोली मुद्रा को सुबह खाली पेट करना चाहिए।
- अगर आपने कुछ खा लिया है, तो 3-4 घंटे बाद इस मुद्रा को करें।
- शुरुआत में इस मुद्रा को धीरे-धीरे करें। इसके बाद इसके समय क बढ़ाया जा सकता है।
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आप भी इस मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं। लेकिन शुरुआत में इस आसन को करने से पहले आपको एक्सपर्ट की राय जरूर लेनी चाहिए। साथ ही शुरुआत में एक्सपर्ट की देखरेख में ही इस आसन को करना चाहिए।
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