
Why Cancer Deaths Increasing in India: दुनियाभर में कैंसर से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। पूरी दुनिया में कैंसर की बीमारी किसी महामारी से कम नही है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 1991 के बाद अमेरिका में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या में 33 फीसदी की गिरावट आई है। अमेरिका में हर साल कैंसर की वजह से होने वाली मौतों की संख्या कम हो रही है, लेकिन अगर हम भारत के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां सालाना लाखों की संख्या में कैंसर के मरीज अपनी जान गवां रहे हैं। कैंसर इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक देश में हर 8 मिनट में एक महिला की मौत सर्वाइकल कैंसर की वजह से होती है। 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर घंटे कैंसर की वजह से लगभग 159 लोगों की मौत हो रही है। वहीं अमेरिका में ये आंकडा लगभग 120 का है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर क्या कारण है कि अमेरिका की तुलना में भारत में कैंसर से होने वाली मौतों का आंकडा तेजी से बढ़ रहा है। आइए आंकड़ों से समझते हैं भारत में कैंसर की स्थिति।
अमेरिका में घटे कैंसर से होने वाली मौत के मामले- US Cancer Death Rate Falls in Hindi
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि साल 1991 के बाद से अमेरिका में कैंसर की वजह से होने मौतों की संख्या में काफी कमी आई है। इसकी वजह से बीते 16 सालों में लगभग 3.8 मिलियन कम मौतें हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 और 2020 के बीच कैंसर की मौतों में 1.5 प्रतिशत की कमी आई है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के सीईओ करेन नुडसन के मुताबिक आंकड़ों में कमी के पीछे कैंसर के प्रति जागरूकता बढना और धूम्रपान में कमी अहम है। 21 सालों में लगभग 33 प्रतिशत मौतों की कमी एक बड़ा आंकडा है। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि एचपीवी टीकाकरण की वजह से भी कैंसर से होने वाली मौतों में काफी कमी आई है। आंकड़ों के अनुसार साल 2012 से 2019 तक अमेरिका में सर्वाइकल कैंसर के मामलों में लगभग 65 प्रतिशत की कमी आई है। इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2023 में लगभग 2 मिलियन कैंसर के मामले आ सकते हैं। इस साल हर दिन लगभग 5 हजार नए मामलों के आने की संभावना है। इसके अलावा 2023 में कैंसर से होने वाली मौतों का आंकडा 600,000 के आसपास रहने का अनुमान है।
साल 2022 अमेरिका में कैंसर के मामले और इससे होने वाली मौतों का आंकडा इस तरह से है-
कैंसर के मामले
- ब्रेस्ट कैंसर 290,560 (15%)
- प्रोस्टेट कैंसर : 268,490 (14%)
- लंग कैंसर 236,740 (12%)
- कोलन और रेक्टम: 151,030 (8%)
- अन्य सभी: 971,210 (51%)
कैंसर से मौतें
- लंग कैंसर- 130,180 (21%)
- कोलन और रेक्टम कैंसर- 52,580 (9%)
- ब्रेस्ट कैंसर- 43,780 (7%)
- पैंक्रियाज कैंसर- 49,830 (8%)
- अन्य सभी तरह के कैंसर- 332,990 (55%)
भारत में कैंसर का आंकडा- Cancer Cases And Deaths in India
भारत में कैंसर की बीमारी तेजी से पांव पसार रही है। आंकड़ों के मुताबिक देश में हर घंटे लगभग 159 लोग कैंसर के चलते अपनी जान गवां रहे हैं। बीते आठ सालों में भारत में कैंसर के लगभग 30 करोड़ गंभीर मामले सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कैंसर की वजह से हर साल मरने वाले लोगों की संख्या लगभग 8 लाख से ज्यादा है। भारत में अमेरिका की तुलना में हर प्रति मरीज डॉक्टर की संख्या का रेशियो 20 गुना कम है। ICMR और कैंसर इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कैंसर के आंकड़े इस तरह से हैं-
- कैंसर के मरीज- 2.7 मिलियन
- सालाना सामने आ रहे मामले- 13.9 लाख
- कैंसर की वजह से हर साल मौतें- 8.5 लाख
- हर 9 मिनट में 1 महिला की सर्वाइकल कैंसर से मौत
- ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित 2 में से 1 महिला की मौत
- हर दिन तंबाकू सेवन की वजह से 3500 लोगों की मौत
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के मुताबिक भारत में साल 2022 में कैंसर से 8,08,558 लोगों की मौत रजिस्टर की गयी थी। इस साल देश में कैंसर के लगभग 14,61,427 मामले सामने आए थे।
भारत में क्यों बढ़ रहे कैंसर से मौत के मामले?- Why Cancer Death Rates Are Increasing in India?
भारत में हर साल कैंसर के नए मामले और इसकी वजह से होने वाली मौतों का आंकडा तेजी से बढ़ रहा है। इसके पीछे जागरूकता की कमी, उचित चिकित्सा व्यवस्था का न होना सबसे ज्यादा जिम्मेदार कारक हैं। भारत में विकसित देशों की तुलना में प्रति मरीज कैंसर के डॉक्टर्स की संख्या भी काफी कम है। विश्व स्वस्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर के कैंसर के मामलों में अकेले भारत में 20 प्रतिशत मरीज हैं। एससीपीएम हॉस्पिटल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ सुदीप कहते हैं कि भारत में कैंसर के ज्यादातर मामलों में शुरूआती स्टेज पर लोगों को पता नही चलता है। इसका सबसे बड़ा कारण कैंसर के प्रति जागरूकता की कमी है। हालांकि बीते कुछ सालों में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ी है जिसके कारण लोग लक्षण दिखते ही कैंसर की स्क्रीनिंग करवाते हैं। जागरूकता बढ़ने से भारत में कैंसर की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा कम हो सकता है।
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कैंसर के इलाज और मरीजों की जांच के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बुनियादी चीजें जैसे रोकथाम, सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, इमेजिंग, प्रयोगशाला निदान आदि से जुड़े उपकरणों की कमी, महंगा इलाज आदि भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार प्रति मिलियन जनसंख्या पर एक रेडियोथेरेपी मशीन होनी चाहिए। इस हिसाब से भारत में 1.4 बिलियन लोगों के लिए 1,400 मशीन होनी चाहिए लेकिन हमारे देश में सिर्फ 700 हैं। इन सबकी वजह से भी देश में कैंसर से होने वाली मौतों का आंकडा बढ़ रहा है। हालांकि बीते कुछ सालों में सरकार की तरफ से जरूरी कदम उठाए गए हैं।