
हड्डियों के बिना शरीर की कल्पना भी मुश्किल है। यह हड्डियां ही हैं जो हमारे शरीर को एक आकार और आधार प्रदान करतीं हैं। और शरीर की सबसे अहम हड्डी होती हैं, रीढ़ की हड्डी। आजकल अधिकांश लोगों को कमर दर्द की शिकायत करते देखा जा सकता है। यह रीढ़ की हड्डी में समस्या के कारण हो सकता है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द के कारण और उसे दूर करने के व्यायाम। हमारे शरीर में हड्डियों के ढांचे पर मांसपेशियों और नसों का ताना-बाना तथा त्वचा की चादर में शरीर के अवयव व्यवस्थित रहते हैं। और यही हड्डियों का ढांचा हमारे शरीर को ढोने और कोमल अंगों को किसी चोट आदि से बचाता है। लेकिन जब हड्डियों में चोट लग जाए या कोई रोग हो जाए तो इसमें बहुत दर्द होता है। यहां तक कि सही समय पर उपचार न मिलने से शारीरिक विकृति, पक्षाघात व अंग-भंग की स्थिति भी पैदा हो सकती है। रीढ़ की हड्डी के साथ भी ऐसा ही कुछ होता है और कमर दर्द हो जाता है।
पीठ दर्द के कारण व प्रकार-
कमर दर्द के कई प्रकार व कारण होते हैं। जैसे एंकीलोज़िंग स्पोंडिलाइटिस, काक्सीडायनिया, फाइब्रोसाइटिस, आस्टियो-आर्थराइटिस, पायलोनेफ्राइटिस व स्कोलियोसिस, स्लिप्ड डिस्क या डिस्क प्रोलैप्स आदि।
आमतौर पर डिस्क प्रोलैप्स उम्र बढ़ने के साथ-साथ ‘डिस्क’ में खराबी आने के कारण होता है। कई बार भारी वजन उठाने या शरीर को बहुत ज्यादा मोड़ देने से भी डिस्क प्रोलैप्स हो सकता है। 30 से अधिक उम्र हो जाने पर डिस्क में पानी की मात्रा कम होनी शुरू हो जाती है, जिसके कारण उसका लचीलापन कम हो जाता है। 40 की आयु के बाद डिस्क के आस-पास ज्यादा रेशे वाले ऊतक बनने लगते हैं, जिस कारण से वहां कठोरता हो जाती है और लचीलापन कम हो जाता है।
दरअसल रीढ़, 33 हड्डियों को मिलाकर बनी होती है। प्रारंभिक सात हड्डियां सॅरवाइकल स्पाइन के नाम से जानी जाती हैं। और इसके बाद की 12 हड्डियां कृमशः सॅक्रम और कोकिक्स के नाम से जानी जाती हैं।
ऊपरी पीठ दर्द को दूर करने के लिए व्यायाम-
नियमित व्यायाम करने से न सिर्फ आपको पीठ दर्द से छुटकारा मिलता है, बल्कि पुराने पीठ दर्द में भी फायदा पहुंचाता है। बशर्ते व्यायाम उचित ढंग से किया जाए और इसका चुनाव ठीक से हो। गलत ढंग व्यायाम करने पर पीठ दर्द और बढ़ सकता है। ध्यान रखें कि चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही यह सुनिश्चित करें कि आपको किस प्रकार का पीठ दर्द है और उसमें कौन से व्यायाम करना अचित होगा। इसके अलावा यदि पीठ दर्द नहीं भी है तब भी पीठ दर्द से बचे रहने के लिए नियमित व्यायाम करना लाभदायक होता है।
निम्नलिखित व्यायाम सभी के लिए लाभदायक हो सकते हैं, खासतौर पर ऊपरी पीठ दर्द में-
तैराकी है अच्छा व्यायाम-
अगर आप लम्बे समय से ऊपरी पीठ दर्द से परेशान हैं, तो आपके लिए स्वीमिंग एक बेहद फायदेमंद व्यायाम साबित हो सकता है। तैरने से पेट, पीठ, बांह और टांगों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। साथ ही पानी हमारे शरीर पर पड़ने वाले गुरुत्वाकर्षण खिंचाव को भी कम कर देता है। जिससे तैरते समय पीठ पर तनाव या बोझ नहीं पड़ता।
तेज चाल से चलना-
तेज चाल से चलना भी शरीर में लोच बनाए रखने के लिए अच्छा होता है, किन्तु सुबह के समय, खाली पेट ही घूमना सबसे लाभदायक होता है।
पेंडुलम करें-
पेंडुलम करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। अब बाजुओं को शरीर से सटाकर रखें, फिर एक पैर पर शरीर का भार रखते हुए दूसरे पैर को हवा में झुलाएं, जैसे घंडी का घंटा या पेंडुलम झूलता है। हर तीसरी बार सीधे खड़े होकर जो पैर हवा में था, उसे ऊपर उठाकर जितना अधिक स्ट्रेच करके दूर ले जा सकते हैं, ले जाएं। नियमित रूप से पेंडुलम करना हृदय गति को बढ़ाता है और मांसपेशियों में भी लचीलापन आता है। जिससे ऊपरी पीठ दर्द में लाभ होता है।
पीठ और जांघ व्यायाम-
इसे करने के लिए सबसे पहले हाथ और पैरों के पंजों को जमीन पर रखते हुए सिर, कमर और घुटने को जमीन से उठाकर एक सीधी रेखा जैसी बनाएं। अब तेजी से सीधे घुटने को छाती के पास लाएं और फिर इस स्थिति में कुछ देर तक रुकें। इसके बाद वापस पहली वाली मुद्रा में जाकर सीधे घुटने को आगे की ओर छाती के पास ले आएं। इसके बाद उल्टे पैर के घुटने को सीधे हाथ की कोहनी से छुएं और सीधे घुटने को बाएं हाथ की कोहनी के नीचे के हिस्से की जमीन से छुएं।
किसी भी व्यायाम को करने से पहले डॉक्टर या अपने फिजियोथैरेपिस्ट से एक बार सुझाव जरूर लें। क्योंकि कई बार व्यायाम का गलत चुनाव आपकी समस्या को सुलझाने के बजाय, बढ़ा देता है।
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