टाइप-2 डायबिटीज (TYPE 2 diabetes) एक गंभीर समस्या है और विश्वभर में किसी स्वास्थ्य महामारी से कम नहीं है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता और व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। टाइप-2 डायबिटीज (TYPE 2 diabetes) शरीर में इंसुलिन को प्रभावित करता है। हर किसी को जिंदा रहने के लिए इंसुलिन की जरूरत होती है और शरीर को स्वस्थ रखने में यह एक अहम भूमिका निभाता है। इंसुलिन ही रक्त में ग्लूकोज को कोशिकाओं में प्रवेश करने की इजाजत देता है और शरीर को ऊर्जा देने का काम करता है।
जब किसी व्यक्ति को टाइप-2 डायबिटीज (TYPE 2 diabetes) होती है तो शरीर खाद्य व पेय पदार्शों से कार्ब को तोड़ने लगता है और उसे ग्लूकोज में तब्दील कर देता है। वहीं पैंक्रियाज भी इंसुलिन रिलीज कर इसके प्रति रिस्पॉन्ड करता है हालांकि ये इंसुलिन सही से काम नहीं करता है और ब्लड शुगर बढ़ने लगता है और ज्यादा इंसुलिन रिलीज होने लगता है। ये शरीर में कई गंभीर संकेतों के साथ परेशानियां पैदा कर देता है और ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा हो जाता है। लेकिन आप अपने पैरों में इसके लक्षणों को देखकर ये पता लगा सकते हैं कि आप भी इस खतरे का शिकार हो रहे हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि कैसे तो इस लेख को पढ़ना जारी रखें।
टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में इंसुलिन सही से काम नहीं कर पाता है और अंत में पैंक्रियाज थकने लगता है। इसका मतलब ये है कि आपका शरीर कम से कम इंसुलिन का उत्पादन करता है। इसके कारण ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा हो जाता है। जब शरीर को कोशिकाओं के लिए पर्याप्त ग्लूकोज नहीं मिल पाता, तो किसी भी व्यक्ति को बहुत ज्यादा थकान होने लगती है।
ऐसे बहुत से लक्षण हैं, जिसे हर व्यक्ति को देखने चाहिए लेकिन एक संकेत आपके पैरों में ही छिपा है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को पैरों से संबंधित समस्या की संभावना बहुत ज्यादा होती है, जो कि लंबे अरसे से ब्लड शुगर लेवल के हाई रहने के कारण होती है। डायबिटीक न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy) और पेरीफेरल वास्कुलर रोग (peripheral vascular) पैरों से संबंधित दो समस्याएं और दोनों ही गंभीर जटिलताएं हैं। समय के साथ-साथ डायबिटीज नसों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है, जिसके कारण पैरों में अकड़न शुरू हो जाती है। इसके कारण डायबिटीक लोगों को अपने पैरों में झनझनाहट महसूस नहीं होती फिर चाहे उनके पैर में कोई कितनी जोर से ही क्यों न काटे।
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डायबिटीज के कारण पैरों की समस्या का खतरा
यह स्थिति डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए पैरों में जलन, पीड़ा या संक्रमण महसूस होने को मुश्किल बना देती है।
किसी व्यक्ति को ऐसा महसूस हो सकता है उसका जूता रगड़ रहा है। झनझनाहट न होना पैरों में कट लगने, पीड़ा होने और छाला पड़ जाने की समस्या का कारण बन सकता है।
अगर कोई व्यक्ति पैरों में किसी प्रकार के संक्रमण का उपचार नहीं कराता है तो उसे अल्सर और यहां तक कि गैंग्रीन की भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
अगर किसी व्यक्ति को गैंग्रीन की समस्या हो जाती है तो उसे पैर कटवाना भी पड़ सकता है।
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पैरों में अन्य लक्षण
डायबिटीज के पैरों में लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं और ये उस व्यक्ति पर निर्भर करता है कि किस समय उसे क्या दिक्कत हुई थी। अन्य लक्षणों में शामिल हैंः
पैरों में किसी प्रकार की हलचल का महसूस न होना।
पैरों में अकड़न या फिर सिहरन महसूस होना।
बिना दर्द के छाले या फिर अन्य घाव।
त्वचा के रंग में बदलाव होना।
पैरों का गर्म रहना।
लाल लकीरे पड़ जाना।
पानी के साथ या बिना घाव हो जाना।
दर्दनाक झनझनाहट या फिर मोजे पर दाग लगना।
अगर आपको इनमें से कोई भी पैरों से संबंधित लक्षण दिखता है तो आपको बिना देर किए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
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