Tulsi And Turmeric Benefits in High Uric Acid: खानपान में गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण शरीर बीमारियों की चपेट में आ जाता है। शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए हमेशा खानपान और जीवनशैली ठीक रखने की सलाह दी जाती है। हाई यूरिक एसिड भी खानपान और जीवनशैली में खराबी के कारण होने वाली समस्या है। खाद्य पदार्थों से मिलने वाले प्यूरीन नामक प्रोटीन का बहुत ज्यादा सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का खतरा रहता है। हाई यूरिक एसिड के कारण जोड़ों में दर्द, हड्डियों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी समेत गठिया और अर्थराइटिस जैसी बीमारियों का भी खतरा रहता है। शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने की स्थिति को हाइपरयूरिसीमिया कहते हैं। हाई यूरिक एसिड की स्थिति में तुलसी और हल्दी का एक साथ सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं, हाई यूरिक एसिड में तुलसी और हल्दी के फायदे और सेवन का सही तरीका।
हाई यूरिक एसिड में तुलसी और हल्दी के फायदे- Tulsi And Turmeric Benefits in High Uric Acid in Hindi
शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के कारण अर्थराइटिस और गठिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। यूरिक एसिड को कम करने के लिए डाइट में बहुत ज्यादा प्रोटीन वाले फूड्स को नहीं शामिल करना चाहिए। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के क्लीनिकल डाइटिशियन डॉ वीडी त्रिपाठी कहते हैं, "तुलसी और हल्दी में मौजूद गुण ब्लड में जमा यूरिक एसिड को फिल्टर कर बाहर निकालने में मदद करते हैं। तुलसी की पत्तियों में मौजूद एसेटिक एसिड गंदगी को बाहर निकालने और एंटी-इंफलेमेटरी गुण सूजन को कम करने में मदद करते हैं। वहीं, हल्दी में पाए जाने वाले एंटी-बायोटिक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण यूरिक एसिड को कम करने में फायदेमंद होते हैं।"
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हाई यूरिक एसिड में कैसे करें तुलसी और हल्दी का सेवन?
हाई यूरिक एसिड से छुटकारा पाने के लिए तुलसी की पत्तियों और हल्दी से बने काढ़े का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। रोजाना सुबह खाली पेट इस काढ़े को पीने से हाई यूरिक एसिड समेत कई समस्याओं में फायदा मिलता है। इस काढ़े को तैयार करने के लिए तुलसी की पत्तियों को साफ करके एक गिलास पानी में डालें। अब इस पानी में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर अच्छी तरह से उबाल लें। उबालने के बाद जब पानी आधा रह जाए तो इसे छान लें और काढ़े की तरह पिएं।
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हाई यूरिक एसिड से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से 15 दिनों तक इसका सेवन जरूर करें। अगर आपको खानपान से जुड़ी कोई बीमारी या गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो इस काढ़े का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इसके अलावा रीजों में किडनी स्टोन या कैंसर जैसी समस्या होने पर इलाज के लिए तमाम तरह के दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जाती है। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर आपको खानपान और जीवनशैली में सुधार जरूर करना चाहिए।
यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर प्यूरीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे फूड्स जिनमें प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है उसका सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए। नियमित रूप से एक्सरसाइज या योग का अभ्यास करने से भी यूरिक एसिड को कम करने में मदद मिलती है।
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